भारी उद्योग मंत्रालय
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विद्युत वाहन उत्पादन के लिए दुर्लभ मृदा चुंबकों की तंगी का समाधान

प्रविष्टि तिथि: 12 DEC 2025 4:06PM by PIB Delhi

भारत सरकार को विद्युत और हाइब्रिड वाहनों के निर्माताओं समेत वाहन क्षेत्र की दुर्लभ मृदा स्थाई चुंबकों के लिए आयात पर निर्भरता की जानकारी है। आयात पर इस निर्भरता की वजह से दुर्लभ मृदा चुंबकों का इस्तेमाल करने वाले मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के लिए आपूर्ति श्रृंखला असुरक्षित हो जाती है।

सरकार दुर्लभ मृदा चुंबकों की वैकल्पिक आपूर्ति की तलाश कर रही है। वाहनों और वाहन पुर्जों के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) से इस संबंध में स्वदेशी क्षमता को मजबूती मिल रही है। इस योजना में ईवी मोटरों के लिए दुर्लभ मृदा चुंबकों को उन्नत वाहन प्रौद्योगिकी के हिस्से के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है। इसके तहत वैकल्पिक (दुर्लभ मृदा मुक्त) मोटर प्रौद्योगिकियों और पुर्जों के स्वदेशी विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 26 नवंबर, 2025 को 7280 करोड़ रुपए के व्यय से संघनित दुर्लभ मृदा स्थाई चुंबक के निर्माण को प्रोत्साहन देने की योजना को मंजूरी दी है। इसका लक्ष्य भारत में प्रति वर्ष 6000 मीट्रिक टन समेकित दुर्लभ मृदा स्थाई चुंबक निर्माण क्षमता स्थापित करना है।

भारी उद्योग राज्यमंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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पीके/केसी/एसके/एसएस


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