महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
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मिशन पोषण 2.0 के तहत सरकारी इमारतों में स्थित दो लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को - प्रतिवर्ष 40,000 आंगनवाड़ी केंद्रों की दर से - सक्षम आंगनवाड़ी के रूप में सुदृढ़ किया जा रहा है


पोषण ट्रैकर को समर्पित पोषण हेल्पलाइन नंबर 1515 का समर्थन प्राप्त है

प्रविष्टि तिथि: 12 DEC 2025 4:41PM by PIB Delhi

मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 (मिशन पोषण 2.0) कुपोषण की चुनौती का समाधान करने के लिए लागू की जा रही एक केंद्र सहायता प्राप्त योजना है। केंद्र सरकार को नीति और योजना निर्माण की जिम्मेदार है, जबकि राज्य सरकारें/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन कार्यक्रम के दैनिक क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं।

 

मिशन पोषण 2.0 के तहत सामुदायिक जनसक्रियता और जनजागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, ताकि लोगों को पोषण संबंधी पहलुओं के बारे में शिक्षित किया जा सके, क्योंकि अच्छी पोषण आदतों को अपनाने के लिए सतत व्यवहारिक परिवर्तन आवश्यक होता है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सितंबर माह में आयोजित होने वाले पोषण माह और मार्च–अप्रैल में मनाए जाने वाले पोषण पखवाड़ों के दौरान जन आंदोलनों के तहत नियमित रूप से जनजागरूकता गतिविधियाँ संचालित कर रहे हैं और उनकी रिपोर्टिंग भी कर रहे हैं। सामुदायिक आधारित आयोजन (सीबीई) पोषण संबंधी व्यवहारों में बदलाव लाने की एक महत्वपूर्ण रणनीति साबित हुए हैं, और सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए प्रति माह दो सामुदायिक आधारित आयोजन करना अनिवार्य है।

 

मिशन पोषण 2.0 के तहत 15वें वित्त आयोग चक्र में सरकारी भवनों में स्थित दो लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को- प्रतिवर्ष 40,000 केंद्रों की दर से- बेहतर पोषण सेवाएँ प्रदान करने और प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्षम आंगनवाड़ी के रूप में सुदृढ़ किया जा रहा है। सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों को पारंपरिक आंगनवाड़ी केंद्रों की तुलना में बेहतर अवसंरचना प्रदान की जाती है, जिनमें एलईडी स्क्रीन, जल निस्पंदन प्रणाली, पोषण वाटिका, ईसीसीई सामग्री और बीएएलए पेंटिंग्स शामिल हैं।

 

पीएम जनमन के तहत 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लक्षित विकास के लिए देशभर में कुल 2,500 आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) के निर्माण को मंजूरी दी गई है।

धरती आबा जनजातीय ग्राम उन्नत अभियान के तहत, जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के उद्देश्य से देशभर में 875 आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) के निर्माण को मंजूरी दी गई है।

 

आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) की अवसंरचना सुविधाओं में सुधार के लिए मंत्रालय द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। इनमें, अन्य उपायों के साथ, आंगनवाड़ी केंद्रों पर पेयजल सुविधाओं के लिए धनराशि को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 17,000 रुपये करना और शौचालयों के लिए 12,000 रुपये से बढ़ाकर 36,000 रुपये करना शामिल है।

 

पोषण ट्रैकर, एक आईसीटी उपकरण, को आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) की अवसंरचना और सेवा वितरण तथा लाभार्थियों की निगरानी और ट्रैकिंग के लिए निर्धारित संकेतकों पर लागू किया गया है। पोषण ट्रैकर का उपयोग बच्चों में ठिगनापन, क्षय और कम वज़न की व्यापकता की गतिशील पहचान के लिए किया जाता है। इसने आंगनवाड़ी सेवाओं से संबंधित लगभग वास्तविक समय में डेटा संग्रह को सुगम बनाया है, जैसे- दैनिक उपस्थिति, ईसीसीई, पका हुआ भोजन (एचसीएम)/टेक होम राशन (टीएचआर - कच्चा राशन नहीं) की आपूर्ति, वृद्धि मापन, मासिक प्रगति रिपोर्ट (एमपीआर) जो कार्यक्रम के प्रदर्शन पर विस्तृत अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं, गतिविधियों की दैनिक निगरानी के लिए फोटो कैप्चर सहित आंगनवाड़ी केंद्र (एडब्ल्यूसी) की गतिविधियों का दैनिक ट्रैकिंग आदि।

 

पोषण ट्रैकर को समर्पित पोषण हेल्पलाइन नंबर 1515 द्वारा समर्थित किया गया है; यह एक बहुभाषी सहायता प्रणाली है जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों में लाभार्थियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए पहुँच और शिकायत निवारण की सुविधा सुनिश्चित करती है।

 

नियत अंतराल पर निरंतर बैठकें और संवाद आयोजित करके राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे लाभार्थियों, विशेषकर बाल लाभार्थियों, की अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करें और योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।

 

स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय के साथ समन्वय में, आंगनवाड़ी केंद्रों को सरकारी प्राथमिक स्कूलों में सह-स्थित करने के लिए दिशानिर्देश 3 सितंबर, 2025 को संयुक्त रूप से जारी किए गए, ताकि प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) और मौलिक साक्षरता एवं गणित (एफएलएन) सेवाओं को सुदृढ़ किया जा सके। दिशानिर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि इन आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) को जहाँ संभव हो, सह-स्थापित कैसे किया जा सकता है। जहाँ भौतिक रूप से सह-स्थापित करना संभव न हो, वहां एडब्ल्यूसी को निकटतम प्राथमिक विद्यालय से जोड़ा जाएगा। यह दृष्टिकोण राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के विजन के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य बच्चों के लिए एक मजबूत और स्वस्थ शिक्षण आधार तैयार करना है।

 

संयुक्त जिला सूचना प्रणाली शिक्षा (यूडीआईएसई+) पोर्टल के अनुसार, देशभर में 2,99,546 आंगनवाड़ी केंद्र सरकारी प्राथमिक स्कूलों के साथ सह-स्थापित हैं।

 

यह जानकारी आज लोक सभा में महिला और बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सवित्री ठाकुर ने एक प्रश्न के उत्तर में दी।

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पीके/केसी/जीके/डीके


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