औषधि विभाग
जन औषधि केंद्रों पर दवाओं की सुचारू आपूर्ति और उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपाय और गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के समाधान के लिए तंत्र
प्रविष्टि तिथि:
12 DEC 2025 4:20PM by PIB Delhi
देश भर में जन औषधि केंद्रों (जेएकेएस) के माध्यम से आपूर्ति की जाने वाली जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता के संबंध में कोई भी व्यक्ति भारत सरकार के केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पोर्टल का उपयोग करके, complaints@janaushadhi.gov.in पर ईमेल भेजकर, या पीएमबीजेपी हेल्पलाइन नंबर 1800 180 8080 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करा सकता है। यद्यपि जेएकेएस प्रतिदिन लगभग 15 लाख उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करते हैं, फिर भी वित्तीय वर्ष 2024-25 में केवल 2,102 शिकायतें दर्ज की गईं, जो उपभोक्ता लेनदेन के 0.0004 प्रतिशत से भी कम हैं। दर्ज की गई शिकायतें मुख्य रूप से विशिष्ट दुकानों पर विशिष्ट दवाओं की अनुपलब्धता से संबंधित थीं।
आपूर्ति संबंधी किसी भी कमी को दूर करने और जेएकेएस में सुचारू आपूर्ति और उत्पाद उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, पीएमबीजेपी के कार्यान्वयनकर्ता, भारतीय फार्मास्युटिकल और मेडिकल डिवाइस ब्यूरो (पीएमबीआई) ने निम्नलिखित उपाय किए हैं:
(i) एक संपूर्ण सूचना प्रौद्योगिकी-सक्षम आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली स्थापित की गई है, जिसमें वर्तमान में देश भर में पांच गोदाम और 39 वितरक शामिल हैं।
(ii) सितंबर 2024 से, जेएके द्वारा 200 सामान्य रूप से उपयोग की जाने वाली दवाओं का स्टॉक करने को प्रोत्साहित किया गया है, जिसमें उपलब्ध दवाओं के पूरे समूह में 100 सबसे अधिक बिकने वाली दवाएं और बाजार में 100 तेजी से बिकने वाली दवाएं शामिल हैं, जिसके तहत जेएके मालिक इन दवाओं के अपने द्वारा रखे गए स्टॉक के आधार पर मासिक प्रोत्साहन के पात्र हैं।
(iii) इसके अतिरिक्त, सामान्यतः उपयोग होने वाले उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, पीएमबीआई द्वारा 400 तेजी से बिकने वाले उत्पादों की नियमित निगरानी की जाती है और इनकी मांग का निरंतर पूर्वानुमान लगाया जाता है। साथ ही, खरीद प्रक्रिया को स्वचालन के माध्यम से सुगम बनाने के लिए पूर्वानुमान पद्धति को डिजिटल बनाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
गुणवत्ता में कमी, हानिकारक तत्व या घटिया गुणवत्ता वाली दवा के लिए पीएमबीजेपी के तहत जन औषधि केंद्रों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है, क्योंकि ऐसी दवाओं के निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इसके अलावा, जन औषधि केंद्रों में उपलब्ध दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ताकि मरीजों के स्वास्थ्य से समझौता न हो, निरंतर निरीक्षण, परीक्षण और मानकीकरण सुनिश्चित करने के लिए ठोस तंत्र मौजूद हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
(i) केवल डब्ल्यूएचओ गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (जीएमपी) प्रमाणित संयंत्रों से आपूर्ति: केवल वे संयंत्र जो प्रत्यक्ष निरीक्षण के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा डब्ल्यूएचओ-जीएमपी के अनुरूप प्रमाणित किए गए हैं, आपूर्ति के लिए पात्र हैं।
(ii) सभी दवा बैचों के 100 प्रतिशत पूर्व-परीक्षण के बाद ही वितरण: पीएमबीआई के गोदामों में आपूर्ति किए गए 100 प्रतिशत बैचों से गुमनाम रूप से परीक्षण के लिए नमूने लिए जाते हैं, और गुणवत्ता परीक्षण पास होने के बाद ही जेएके को आपूर्ति के लिए दवाएं भेजी जाती हैं।
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क्रमांक
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वित्तीय वर्ष
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खरीदे गए उत्पादों के बैचों की संख्या
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औषधि नियामक अधिकारियों द्वारा एनएसक्यू के रूप में रिपोर्ट किए गए बैचों की संख्या और पंजीकृत मामले
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1
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2020-21
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6,955
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21
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2
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2021-22
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9,143
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29
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3
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2022-23
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12,001
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49
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4
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2023-24
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13,000
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61
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5
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2024-25
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18,686
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46
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(iii) केवल गुड लेबोरेटरी प्रैक्टिस (जीएलपी) के अनुरूप प्रयोगशालाओं में परीक्षण:
नमूनों का परीक्षण केवल राष्ट्रीय परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त और समय-समय पर निरीक्षण की जाने वाली प्रयोगशालाओं में किया जाता है और इसके अतिरिक्त, पीएमबीआई द्वारा जीएलपी अनुपालन के लिए मूल्यांकन किया जाता है।
यदि कोई दवा मानक गुणवत्ता (एनएसक्यू) श्रेणी की पाई जाती है, तो आपूर्ति श्रृंखला में उस दवा के बैच की बिक्री तुरंत रोक दी जाती है और आपूर्ति चैनल में मौजूद ऐसे बैच वापस मंगा लिए जाते हैं। इसके अलावा, ऐसे मामलों में, निविदा शर्तों के अनुसार निर्माता के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाती है, जैसे कि सुरक्षा जमा राशि जब्त करना, पूरे बैच की लागत वसूल करना और निर्माता/दवा आपूर्तिकर्ता को ब्लैकलिस्ट करना/प्रतिबंधित करना।
पीएमबीजेपी को दवा की आपूर्ति करने वाले निर्माताओं के खिलाफ गुणवत्ता संबंधी खामियों के लिए दर्ज किए गए मामलों का वर्षवार विवरण निम्नलिखित है:
देश में दवाओं पर नियामक निगरानी के संबंध में, सीडीएससीओ और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने निम्नलिखित उपाय किए हैं:
(i) देश में औषधि निर्माण परिसरों के विनियामक अनुपालन का आकलन करने के लिए, सीडीएससीओ ने राज्य औषधि नियंत्रकों (एसडीसी) के साथ मिलकर दिसंबर 2022 से 960 से अधिक परिसरों का जोखिम-आधारित निरीक्षण किया है और निष्कर्षों के आधार पर, औषधि नियम, 1945 के प्रावधानों के अनुसार राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरणों द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करना, उत्पादन बंद करने का आदेश, निलंबन, लाइसेंस/उत्पाद-लाइसेंस रद्द करना, चेतावनी पत्र आदि जैसी 860 से अधिक कार्रवाइयां की गई हैं।
(ii) औषधि नियम, 1945 में 2023 में संशोधन किया गया है ताकि उक्त नियमों की अनुसूची एच2 में सूचीबद्ध शीर्ष 300 औषधि निर्माण ब्रांडों के निर्माताओं को प्राथमिक पैकेजिंग लेबल पर, या अपर्याप्त स्थान होने पर द्वितीयक लेबल पर, प्रमाणीकरण के लिए सॉफ़्टवेयर अनुप्रयोगों के माध्यम से पठनीय डेटा संग्रहीत करने हेतु एक बार कोड या त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड मुद्रित या चिपकाना अनिवार्य हो जाए। इसी प्रकार, उक्त नियमों में यह भी संशोधन किया गया है कि प्रत्येक सक्रिय फार्मास्युटिकल घटक (थोक औषधि), चाहे निर्मित हो या आयातित, की पैकेजिंग के प्रत्येक स्तर पर एक क्यूआर कोड होना अनिवार्य हो, जिसमें निगरानी और स्रोत तक पहुंच को सुगम बनाने के लिए सॉफ़्टवेयर अनुप्रयोगों के माध्यम से पठनीय डेटा हो।
(iii) गुणवत्ता निगरानी के अंतर्गत, सीडीएससीओ अपनी वेबसाइट पर गुणवत्ता जांच में विफल रहने वाले दवा नमूनों का विवरण मासिक दवा अलर्ट के रूप में अपलोड करता है। सीडीएससीओ के अधीन दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं द्वारा गैर-मानक गुणवत्ता (एनएसक्यू) घोषित किए गए नमूनों के लिए, निर्माताओं को उत्पाद को तुरंत वापस मंगाने और आगे वितरण रोकने का निर्देश दिया जाता है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर, संबंधित लाइसेंसिंग प्राधिकारी औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम, 1940 और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत कार्रवाई करते हैं, जिसमें उत्पादन/परीक्षण रोकने के आदेश, लाइसेंस का निलंबन या रद्द करना, चेतावनी पत्र और कारण बताओ नोटिस शामिल हैं।
(iv) औषधि नियम, 1945 की अनुसूची 'एम' को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की दिनांक 28.12.2023 की अधिसूचना द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप संशोधित किया गया है और यह संशोधन 29.6.2024 से 250 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले औषधि निर्माताओं के लिए प्रभावी हो गया है। हालांकि, दिनांक 11.2.2025 की अधिसूचना के अनुसार, 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले निर्माताओं के लिए कार्यान्वयन की समय सीमा 31.12.2025 तक बढ़ा दी गई है।
(v) फरवरी 2024 में, सीडीएससीओ ने केंद्रीय और राज्य औषधि निरीक्षकों द्वारा दवाओं, सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा उपकरणों के नमूने लेने के लिए विनियामक दिशानिर्देश प्रकाशित किए। ये दिशानिर्देश एक समान औषधि नमूना पद्धति के माध्यम से बाजार में उपलब्ध उत्पादों की गुणवत्ता और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए एक संरचित दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
(vi) सीडीएससीओ की दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं को एकीकृत करने के लिए सितंबर 2023 से एक ऑनलाइन पोर्टल, सुगम, स्थापित किया गया है। यह चिकित्सा उत्पादों (दवाएं, टीके, सौंदर्य प्रसाधन और चिकित्सा उपकरण) के परीक्षण के लिए संपूर्ण कार्यप्रवाह को स्वचालित करता है ताकि गुणवत्ता विनिर्देशों को पूरा किया जा सके और प्रयोगशालाओं में परीक्षण की स्थिति का पता लगाया जा सके।
(vii) औषधि नियम, 1945 में संशोधन करके यह अनिवार्य कर दिया गया है कि यदि कोई आवेदक किसी ब्रांड नाम या व्यापार नाम के तहत दवा का विपणन करना चाहता है, तो उसे लाइसेंसिंग प्राधिकरण को निर्धारित प्रपत्र में यह वचन देना होगा कि ऐसा या समान ब्रांड नाम या व्यापार नाम देश में किसी भी दवा के संबंध में पहले से मौजूद नहीं है और प्रस्तावित ब्रांड नाम या व्यापार नाम बाजार में किसी भी प्रकार का भ्रम या धोखा पैदा नहीं करेगा।
(viii) औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम, 1940 के प्रशासन में एकरूपता के लिए, केंद्रीय औषधि नियामक राज्य औषधि नियंत्रण संगठनों की गतिविधियों का समन्वय करता है और राज्य औषधि नियंत्रकों के साथ आयोजित औषधि परामर्श समिति की बैठकों के माध्यम से विशेषज्ञ सलाह प्रदान करता है।
(ix) केंद्र सरकार सीडीएससीओ और राज्य औषधि नियामक प्राधिकरणों के अधिकारियों के लिए उत्तम विनिर्माण प्रथाओं पर नियमित रूप से आवासीय और क्षेत्रीय प्रशिक्षण एवं कार्यशालाओं का आयोजन करती है। अप्रैल 2023 से, सीडीएससीओ ने 43,000 से अधिक व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया है।
पारदर्शिता के संबंध में, यह सूचित किया जाता है कि पीएमबीआई दर अनुबंधों के लिए सरकार के केंद्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल का उपयोग करते हुए एक खुली निविदा प्रक्रिया के माध्यम से निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं का चयन करता है। इसके अलावा, रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) आमंत्रित करके और एक पारदर्शी चयन प्रक्रिया का पालन करते हुए, आवश्यकता के आधार पर वितरकों की नियुक्ति की जाती है। जब भी आवश्यकता होती है, अधिकृत वितरक पद के लिए ईओआई या निविदा का आमंत्रण योजना की वेबसाइट (www.janaushadhi.gov.in) पर अपलोड किया जाता है।
त्रुटियों को रोकने के लिए स्वतंत्र उपायों के संबंध में, यह कहा गया है कि ऊपर बताए गए अनुसार स्वतंत्र नियामक निरीक्षण और जेएके को आपूर्ति की गई दवाओं के नमूनों का परीक्षण राष्ट्रीय परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त और स्वतंत्र रूप से पर्यवेक्षित प्रयोगशालाओं में किया जाता है, जो किसी भी त्रुटि से बचाव का काम करता है।
यह जानकारी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज लोकसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।
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(रिलीज़ आईडी: 2203485)
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