ग्रामीण विकास मंत्रालय
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नई चेतना महज एक योजना नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है: डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर


महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान भारत की वृद्धि और मजबूती का मूल हैं:

ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी ने गुंटूर में राज्य स्तरीय 'नयी चेतना 4.0' का शुभारंभ किया; लैंगिक संसाधन केंद्र का उद्घाटन किया

प्रविष्टि तिथि: 13 DEC 2025 6:04PM by PIB Delhi

ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया और सभी हितधारकों से "एक आवाज, एक संकल्प, समानता के लिए एक नई शुरुआत" के संकल्प के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया।

राज्य स्तरीय 'नयी चेतना 4.0' के शुभारंभ के अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए . डॉ पेम्मासानी ने इस पहल को लिंग आधारित हिंसा के विरुद्ध एक शक्तिशाली जन आंदोलन कहा और हिंसा के सभी रूपों को समाप्त करने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी का आह्वान किया।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत, डॉ पेम्मासानी ने गुंटूर में लैंगिक संसाधन केंद्र (जीआरसी) का उद्घाटन किया। जीआरसी महिलाओं के लिए एक सर्व-समावेशी सहायता प्रणाली के रूप में कार्य करेगा जो जमीनी स्तर पर समय पर सहायता, सुरक्षा और न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए परामर्श, कानूनी सहायता, विशेषज्ञ सलाह और आजीविका संपर्क प्रदान करेगा।

गुंटूर में आंध्र प्रदेश की नारी शक्ति को संबोधित करते हुए, उन्होंने एक ऐसे बदलते ग्रामीण भारत के निर्माण के लक्ष्य का उल्लेख किया जहां प्रत्येक महिला सुरक्षित हो, गरिमापूर्ण जीवन जी सके और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो।  उन्होंने महिला सशक्तिकरण को समावेशी और टिकाऊ विकास की आधारशिला बताया।

डॉ पेम्मासानी ने इस बात पर बल दिया कि महिलाओं को सशक्त बनाना सामाजिक प्रगति को गति देता है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना राष्ट्र को मजबूत बनाता है। उन्होंने दोहराया कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान भारत के विकास और लचीलेपन के लिए मूलभूत हैं।

 

 

डॉ. चंद्र शेखर ने कहा कि डे-एनआरएलएम के अंतर्गत नई चेतना महिला समूहों को मजबूत कर रही है, लिंग आधारित हिंसा के प्रति शून्य सहिष्णुता को बढ़ावा दे रही है, पुरुषों और लड़कों की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रही है और महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने नागरिकों से अपने सामूहिक संकल्प को नवीकृत करने का आह्वान करते हुए कहा कि एक सुरक्षित, गरिमामय और आर्थिक रूप से सशक्त भारत का निर्माण करना एक साझा राष्ट्रीय जिम्मेदारी है।

2021 में शुरू हुआ 'नई चेतना' अभियान अब एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन चुका है जिसे लगभग 1 करोड़ स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाएं चला रही हैं। देशभर में 13 लाख से अधिक बैठकों और कार्यक्रमों के माध्यम से 4 करोड़ से अधिक ग्रामीण नागरिकों ने जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लिया है। यह पहल 12 केंद्रीय मंत्रालयों के समन्वय से कार्यान्वित की जा रही है, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आर्थिक सशक्तिकरण पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें भूमि, बैंकिंग और प्रौद्योगिकी तक बेहतर पहुंच शामिल है।

इस कार्यक्रम में राज्य की गृह मंत्री वंगलपुडी अनीता और राज्य के एमएसएमई, एसईआरपी और एनआरआई सशक्तिकरण एवं संबंध मंत्री कोंडापल्ली श्रीनिवास भी उपस्थित थे। इसमें 3000 से अधिक महिलाएं शामिल थीं।

 

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पीके/केसी/एनकेएस/डीके


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