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एआईआईए गोवा ने कोलोरेक्टल कार्सिनोमा के लिए इंटीग्रेटिव प्रोटोकॉल पर कार्यशाला के साथ अपना चौथा स्थापना दिवस मनाया


सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए नए ओ पी डी और पंचकर्म सुविधाओं का उद्घाटन किया गया

एकीकृत कैंसर देखभाल सेवा को बढ़ावा देने के लिए डी एच एस गोवा और टाटा मेमोरियल सेंटर के साथ त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए 

एआईआईए गोवा ने आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान तथा रोगी देखभाल में उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई

प्रविष्टि तिथि: 11 DEC 2025 5:00PM by PIB Delhi

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, गोवा ने आज अपने चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर, “कोलोरेक्टल कार्सिनोमा के लिए एकीकृत प्रोटोकॉल की तैयारी” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला में विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात विशेषज्ञ एकत्रित हुए, जिसका लक्ष्य है समेकित ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में साक्ष्य-आधारित उपचार विधियों को विकसित करना। इस अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान गोवा परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन का भी आयोजन किया गया, जिसे संस्थान के निदेशक प्रो. (वैद्य) पी. के. प्रजापति; डीन प्रो. डॉ. सुजाता कदम; तथा उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनायक चाकोड़ ने संबोधित किया।

इस अवसर पर निदेशक प्रो. (वैद्य) पी. के. प्रजापति ने घोषणा की कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान गोवा ने एन ए बी एच मान्यता प्राप्त कर ली है, जो गुणवत्ता के मानकों और रागियों की सुरक्षा के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करता है। इस उपलब्धि तथा नई सुविधाओं के जुड़ने के साथ अब संस्थान में कुल 25 ओपीडी संचालित की जा रही हैं, जिनमें मानस रोग चिकित्सा, नशामुक्ति, स्वास्थ्य रक्षण, मधुमेह, दुर्घटना, क्रिटिकल केयर तथा अन्य कई व्याधियों से संबंधित इकाइयाँ शामिल हैं। ये सभी इकाइयाँ आयुर्वेद की पारंपरिक पद्धतियों को आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों के साथ एकीकृत करते हुए सेवाएँ प्रदान कर रही हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि पारंपरिक चिकित्सा पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के नई दिल्ली में आगामी दूसरे वैश्विक शिखर सम्मेलन में सुरक्षा आकलन पर विशेष जोर दिया जाएगा। इस सम्मेलन से अपेक्षा है कि यह अश्वगंधा सहित प्रामाणिक आयुर्वेदिक उत्पादों की वैश्विक स्वीकृति को और आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह शिखर सम्मेलन पारंपरिक, पूरक तथा स्वदेशी चिकित्सा पद्धतियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों में साक्ष्य-आधारित, न्यायसंगत और सतत रूप से एकीकृत करने के लिए आगामी एक दशक की रूपरेखा तैयार करने में सहायक होगा।

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान गोवा की डीन प्रो. (डॉ.) सुजाता कदम ने बताया कि स्थापना दिवस समारोह के जिन नए विभागों के लिए ओपीडी का उद्घाटन किया गया उनमें शामिल हैं - हेल्थ असेसमेंट स्क्रीनिंग ओपीडी तथा डेंटल ओपीडी। इसके साथ ही कायचिकित्सा और कौमारभृत्य पंचकर्म थिएटरों तथा आईपीडी ब्लॉक के विस्तार का भी उद्घाटन किया गया। 

उन्होंने यह भी बताया कि मरीजों की सेवाओं में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है, जहां प्रतिदिन 800 से अधिक ओपीडी मरीज आ रहे हैं और सभी को निःशुल्क आयुर्वेदिक औषधियां उपलब्ध कराई जा रही हैं। AIIA गोवा की स्थापना से अब तक की उपलब्धियों में सम्मिलित हैं :

5.25 लाख से अधिक ओपीडी मरीज आए हैं 

31,000 से अधिक मरीज भर्ती किए गए हैं 

77,200 लोगों ने पंचकर्म क्रिया का लाभ लिया है 

1,35,000 रेडियोलॉजी और प्रयोगशाला परीक्षण किए गए हैं 

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान गोवा, भारत सरकार की मेडिकल वैल्यू ट्रैवल पहल के अनुरूप, वेलनेस टूरिज़्म के एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी उभर कर सामने आया है। संस्थान ने अब तक 233 विदेशी रोगियों को ओपीडी में तथा 16 रोगियों को आईपीडी देखभाल के अंतर्गत सेवाएं प्रदान की हैं। अब तक संस्थान द्वारा कुल 40,400 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें सामान्य स्वास्थ्य शिविर, विशेष रोग आधारित शिविर, विद्यालय स्वास्थ्य जांच शिविर तथा सुवर्णप्राशन शिविर शामिल हैं।

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान गोवा शैक्षणिक क्षेत्र में, वर्तमान में चार स्नातक (यूजी) बैचों का संचालन कर रहा है, जिनमें कुल 400 छात्रों का नामांकन किया जाता है। दिसंबर 2024 में स्नातकोत्तर (पीजी) कार्यक्रम प्रारंभ किए गए, जिसके अंतर्गत क्रिया शारीर, संहिता सिद्धांत, अगद तंत्र, रसशास्त्र एवं भैषज्य कल्पना तथा रचना शरीर विषयों में 20 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया। नवंबर 2025 में द्रव्यगुण, रोग निदान एवं विकृति विज्ञान, कायचिकित्सा, कौमारभृत्य तथा पंचकर्म विषयों में 29 नए पीजी विद्यार्थियों को संस्थान में प्रवेश दिया गया। इसके अतिरिक्त, संस्थान आयुर्वेद डाइटीशियन पाठ्यक्रम (30 सीटें) तथा पंचकर्म तकनीशियन पाठ्यक्रम (10 सीटें) भी संचालित कर रहा है।

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान गोवा ने अनुसंधान और नवाचार से लेकर जैव विविधता संरक्षण तथा एकीकृत चिकित्सा सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक सहयोग शुरू किए हैं। प्रमुख साझेदारियों में शामिल हैं:

वेलनेस एवं मेडिकल टूरिज़्म को प्रोत्साहित करने के लिए गोवा सरकार के पर्यटन विभाग से सहयोग। 

संस्थागत सहयोग और संयुक्त अनुसंधान हेतु सीएसआईआर के राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के साथ साझेदारी।

साझा शोध और अनुसंधान परियोजनाओं तथा शिक्षक - छात्र सहभागिता के लिए बिट्स पिलानी के गोवा केंद्र के साथ साझेदारी।

जैव विविधता के संरक्षण और इससे संबंधित प्रलेखन के लिए गोवा राज्य जैव विविधता बोर्ड के साथ सहयोग।

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़े नवाचार, अनुसंधान तथा शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के साथ सहयोग।

त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन संस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही, जिसमें गोवा, गोवा सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय तथा टाटा मेमोरियल सेंटर के एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर  के बीच समझौता हुआ। इस समझौते के माध्यम से उपचार, अनुसंधान तथा शिक्षा के द्वारा एकीकृत कैंसर देखभाल के क्षेत्र में सहयोग को सशक्त बनाया जाएगा।

आयुष मंत्रालय के अंतर्गत गोवा का अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित संस्थान है, जो स्नातकोत्तर एवं डॉक्टोरल शिक्षा, अत्याधुनिक अनुसंधान तथा 200 बिस्तरों वाले अत्याधुनिक एकीकृत रेफरल अस्पताल के माध्यम से सेवाएँ प्रदान करता है। इस संस्थान का उद्घाटन 11 दिसंबर 2022 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान गोवा ने अपने स्थापना दिवस के अवसर पर रोगी देखभाल से लेकर शिक्षा तथा अनुसंधान में उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः दोहराया। संस्थान आयुर्वेद को चिकित्सा क्षेत्र में एकीकृत करने में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में अपनी यात्रा को निरंतर आगे बढ़ा रहा है।

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पीके/केसी/डीटी


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