सहकारिता मंत्रालय
राष्ट्रीय सहकारी नीति, 2025
प्रविष्टि तिथि:
16 DEC 2025 4:47PM by PIB Delhi
सहकारी समितियों में लोकतंत्र और विश्वास बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय सहकारिता नीति (NCP), 2025 में प्रस्तावित विशिष्ट तंत्र का विवरण नीचे दिया गया है, जैसा कि NCP की निम्नलिखित उप-धाराओं में दिया गया है-
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- “स्वायत्तता, सुगम व्यवसाय में वृद्धि और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों को अपने संबंधित सहकारी सोसाइटी अधिनियमों और नियमों में यथोचित संशोधन के लिए प्रोत्साहित करना जिससे :
3.1.1.1 सदस्यों द्वारा स्वायत्त कार्यप्रणाली और लोकतांत्रिक नियंत्रण सुनिश्चित हो सके ,
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- निदेशक मंडल और पदाधिकारियों का स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित हो सके
- पारदर्शी भर्ती प्रक्रियाएं सुनिश्चित हो सके,
- राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों को राज्य पंजीयक के कार्यालयों (उनके संबंधित अधिनियमों में यथा उपबंधित) को कागज-रहित बनाने के लिए उनकी सभी प्रक्रियाओं को पूरी तरह से डिजिटल बनाने हेतु प्रोत्साहित करना:
- सहकारी समितियों द्वारा पंजीयक कार्यालयों के साथ किए जाने वाले सभी प्रकार के संवाद और इंटरएक्शन को वेब पोर्टल, ई-मेल मेसेजिंग, मोबाईल फोन आधारित मेसेज, इत्यादि जैसे ऑनलाइन डिजिटल माध्यम द्वारा किया जाना,
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- सदस्यों को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न स्तरों और सेक्टरों की सहकारी समितियों को मॉडल उपविधियां तैयार करने तथा उन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना:
- सदस्यों की सक्रिय प्रतिभागिता सुनिश्चित करना,
- सदस्य केंद्रित फीडबैक एकत्रित करने के लिए एक प्रावधान का निर्माण करना और निष्क्रिय सदस्यों को सक्रिय बनाने के लिए प्रोत्साहित करना,
- महिलाओं और समुदाय के कमजोर वर्गों की सदस्यता सुनिश्चित करना
- निर्णय लेने में सदस्य केंद्रीयता सुनिश्चित करना,
- पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त संगठनात्मक शासन सुनिश्चित करना,
- विभिन्न पदों पर युवाओं और सुयोग्य श्रमबल की नियुक्ति को प्रोत्साहन देना.
त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए शीर्ष संस्थान के रूप में कार्य करेगा। यह अपने संबद्ध संस्थानों, उत्कृष्टता केंद्रों और देश भर के दूरवर्ती परिसरों में मानकीकृत पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धतियों को लागू करने का प्रयास करेगा।
त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी (TSU) के पहले कुलपति (VC) के लिए नियुक्ति प्रक्रिया जुलाई 2025 के पहले सप्ताह में ही शुरू कर दी गई थी। शिक्षा मंत्रालय के ई-समर्थ पोर्टल के माध्यम से दिनांक 12 जुलाई 2025 से 11 अगस्त 2025 तक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों में कुलपति पद के लिए आवेदन आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन जारी किया गया था।
विश्वविद्यालय की परिनियमों के अनुसार खोज-सह-चयन समिति का गठन किया गया है।
PM-KISAN, PMKSK, और PMBJK जैसी केंद्रीय योजनाओं के साथ PACSs को लिंक करने के उद्देश्य से, सरकार ने राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों, राष्ट्रीय स्तर के परिसंघों, राज्य सहकारी बैंकों (StCBs), जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCBs) आदि सहित सभी हितधारकों के परामर्श से, PACS के लिए आदर्श उपविधियाँ तैयार की हैं और सभी राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों को परिचालित की हैं, जो PACS को 25 से अधिक व्यावसायिक कार्यकलापों को प्रचालित करने, शासन में सुधार करने, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में सक्षम बनाती हैं। सहकारिता मंत्रालय ने प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (PACS) को PM-KISAN और PMKSK तथा PMBJK जैसी अन्य केंद्रीय योजनाओं के साथ एकीकृत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि स्थानीय स्तर पर PACS किसानों के लिए सेवा वितरण केंद्र बन सकें। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
1. किसान डेटाबेस के साथ ERP-सक्षम अभिसरण: केंद्र प्रायोजित PACS के कंप्यूटरीकरण की परियोजना, PM-KISAN, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK), ब्याज अनुदान, उर्वरक और बीज वितरण, PDS आउटलेट, एलपीजी/पेट्रोल/डीजल डीलरशिप, कस्टम हायरिंग, प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र, कॉमन सेवा केंद्र, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) आदि जैसे राष्ट्रीय पोर्टलों को एकीकृत करके एक समान ERP -आधारित प्लेटफॉर्म प्रदान करती है।
2. बहु-क्षेत्रीय योजना लिंकेज: PACS को कई केंद्रीय योजनाओं में भाग लेने में भी सक्षम बनाया गया है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- किसान समृद्धि केंद्रों (PMKSK) के रूप में PACS किसानों को एक ही स्थान पर उर्वरक, कीटनाशक और अन्य विभिन्न कृषि निविष्टियाँ उपलब्ध करा रहे हैं। अब तक 38,330 PACS को PMKSKs में अपग्रेड किया जा चुका है।
- ग्रामीण नागरिकों को बैंकिंग, बीमा, बिजली बिल भुगतान, स्वास्थ्य सेवाएं, कानूनी सेवाएं आदि जैसी 300 से अधिक ई-सेवाएं प्रदान करने के लिए कॉमन सेवा केंद्रों (CSCs) के रूप में PACS; अब तक, 51,183 PACS ने CSC के रूप में कार्य करना शुरू कर दिया है।
- ग्रामीण नागरिकों को किफायती दामों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए PACS प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (PMBJK) के रूप में कार्य कर रहे हैं। अब तक, 799 PACS को PMBI से स्टोर कोड प्राप्त हो चुके हैं और वे PMBJK के रूप में कार्य करने के लिए तैयार हैं।
- खुदरा पेट्रोल/डीजल आउटलेट के लिए PACS को पात्र बनाया गया: सरकार ने खुदरा पेट्रोल/डीजल आउटलेट के आबंटन के लिए PACS को कंबाइंड कैटेगिरी 2 (CC2) में शामिल करने की अनुमति दी है।
- PACS को थोक उपभोक्ता पेट्रोल पंपों को खुदरा दुकानों में बदलने की अनुमति दी गई: मौजूदा थोक उपभोक्ता लाइसेंसधारी PACS को तेल विपणन कंपनियों द्वारा खुदरा दुकानों में बदलने का वन टाइम विकल्प दिया गया है। OMCs द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, 5 राज्यों के 117 थोक उपभोक्ता पंप लाइसेंसधारी PACS ने खुदरा बिक्री केंद्रों में परिवर्तन के लिए सहमति दी है, जिनमें से 59 PACS को OMCs द्वारा कमीशन किया गया है।
- अपने कार्यकलापों में विविधता लाने के लिए PACS को LPG डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए पात्र बनाया गया: सरकार ने अब PACS को LPG डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए आवेदन करने की अनुमति दे दी है। इससे PACS को अपने आर्थिक कार्यकलापों को बढ़ाने और अपनी आय के स्ट्रीम में विविधता लाने का विकल्प मिलेगा।
- PACS को ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप जलापूर्ति योजनाओं के प्रचालन और रखरखाव (O&M) करने के लिए पात्र बनाया गया है। राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पंचायत/ग्राम स्तर पर प्रचालन एवं रखरखाव सेवाएं प्रदान करने के लिए 11 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा 763 PACS को चिह्नित/चयन किया गया है।
यह जानकारी केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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AK
(रिलीज़ आईडी: 2204686)
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