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विजय दिवस: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने वर्ष 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी


राष्ट्रपति भवन में सभी 21 परमवीर चक्र विजेताओं के तस्वीरों वाली परम वीर दीर्घा का उद्घाटन किया

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शित आत्मनिर्भरता, रणनीतिक संकल्प और आधुनिक युद्ध तकनीकों का प्रभावी उपयोग पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है: श्रीमती द्रौपदी मुर्मु

वर्ष 1971 के युद्ध ने न्याय और स्वतंत्रता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और तीनों सेनाओं के बेजोड़ दक्षता को प्रदर्शित किया: उपराष्ट्रपति

यह दिन हमारे सैनिकों की वीरता को सलाम है और उनकी बेजोड़ भावना की याद दिलाता है: पीएम मोदी

हमारे सशस्त्र बलों की वीरता, अनुशासन और युद्ध भावना पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी और राष्ट्रीय इच्छाशक्ति को मजबूत करेगी: रक्षा मंत्री

प्रविष्टि तिथि: 16 DEC 2025 4:42PM by PIB Delhi

देश 16 दिसंबर, 2025 को विजय दिवस मना रहा है, जो वर्ष 1971 के युद्ध में भारत की ऐतिहासिक जीत की याद दिलाता है। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने बहादुरों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी, जिनकी वीरता, समर्पण और देशभक्ति ने हमेशा देश को गौरव दिलाया है और हर नागरिक को प्रेरित करती रहेगी। राष्ट्रपति ने एक्स पर पोस्ट के माध्यम से कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों की 'स्वदेशीकरण के माध्यम से सशक्तीकरण' पहल भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, हमारे सशस्त्र बलों ने आत्मनिर्भरता, रणनीतिक संकल्प और आधुनिक युद्ध तकनीकों के प्रभावी उपयोग का प्रदर्शन किया, जो पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।"

इस दिन को मनाने के लिए, राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में परम वीर दीर्घा का उद्घाटन किया। गैलरी में सभी 21 परम वीर चक्र (पीवीसी) विजेताओं के तस्वीर प्रदर्शित किए गए हैं। इसका उद्देश्य आगंतुकों को उन राष्ट्रीय नायकों के बारे में शिक्षित करना है जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा में अदम्य भावना का प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने परम वीर चक्र विजेताओं और उनके परिजनों को भी सम्मानित किया। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति श्री सीपी राधाकृष्णन ने भी एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से बहादुर नायकों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वर्ष 1971 के युद्ध ने न्याय और स्वतंत्रता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और तीनों सेवाओं के अद्वितीय दक्षता को प्रदर्शित किया।

वर्ष 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित करने वाले बहादुर सैनिकों के साहस और बलिदान को याद करते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा: उनके दृढ़ संकल्प और निस्वार्थ सेवा ने हमारे राष्ट्र की रक्षा की और हमारे इतिहास में गौरव का एक क्षण अंकित किया। यह दिन उनके शौर्य को सलाम है और उनकी अद्वितीय भावना की याद दिलाता है। उनकी वीरता भारतीयों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित की और राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि दी।

श्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर कहा, "राष्ट्र 1971 की निर्णायक जीत दिलाने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के सामने गर्व और कृतज्ञता से नतमस्तक है। सेना, नौसेना और वायु सेना ने त्रुटिहीन समन्वय के साथ काम किया, इतिहास को फिर से लिखा और भारत के रणनीतिक संकल्प को साबित किया। उनका शौर्य, अनुशासन और युद्ध भावना पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी और हमारी राष्ट्रीय इच्छाशक्ति को मजबूत करेगी।"

रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, जो पुष्पांजलि समारोह में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के साथ थे, ने भी बहादुरों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनकी वीर गाथाओं को आने वाली पीढ़ियों तक हर भारतीय को प्रेरित करती रहेंगी।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, चीफ ऑफ द एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, रक्षा सचिव श्री राजेश कुमार सिंह और वाइस चीफ ऑफ द नेवल स्टाफ वाइस एडमिरल संजय वत्सयान ने भी नेशनल वॉर मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित की और शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी।

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पीके/केसी/एचएन/केके


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