सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
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प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति में अनियमितताएं

प्रविष्टि तिथि: 16 DEC 2025 5:15PM by PIB Delhi

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग (DoSJE) केंद्र प्रायोजित योजनाओं, जैसे अनुसूचित जातियों (SCs) के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना और अनुसूचित जातियों (SCs) और अन्य लोगों के लिए प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना को राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासनों के माध्यम से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) मोड पर क्रमशः 2021-22 और 2022-23 से लागू कर रहा है। केंद्र सरकार का हिस्सा सीधे लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खाते में जारी किया जाता है। ऊपर बताई गई योजनाएं पूरे भारत में सभी मान्यता प्राप्त संस्थानों के योग्य छात्रों के लिए ओपन-एंडेड और डिमांड-ड्रिवन हैं। केंद्र सरकार का हिस्सा जारी करना इस बात पर निर्भर करता है कि राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के हिस्से का भुगतान किया गया डेटा सेंट्रल नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (NSP) पर भेजें।

ऊपर बताई गई योजनाओं को लागू करने में गड़बड़ियों के बारे में शिकायतें मिलती हैं, जिन्हें तुरंत राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों को सुधारात्मक कार्रवाई के लिए भेजा जाता है, क्योंकि वे ही इन योजनाओं को लागू करने वाली एजेंसियां ​​हैं। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सही प्रक्रिया का पालन करते हुए ऐसी शिकायतों/प्रतिनिधित्वों पर उचित प्रशासनिक कार्रवाई करते हैं। गड़बड़ियों और फंड के दुरुपयोग को खत्म करने के लिए, भारत सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) शुरू किया है, जिसके ज़रिए फायदे सीधे उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में भेजे जाते हैं।

सबसे गरीब SC परिवारों पर बड़ा असर डालने के लिए योजनाओं में समय पर डिलीवरी, पूरी जवाबदेही, लगातार मॉनिटरिंग और पारदर्शिता लाने के लिए सुधार किए गए हैं। वेब-बेस्ड सिस्टम के ज़रिए, केंद्र/राज्य स्तर पर स्कॉलरशिप की मॉनिटरिंग और पेमेंट सीधे लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खातों में DBT के ज़रिए किया जाता है, ताकि फंड के गलत इस्तेमाल को खत्म किया जा सके।

ऊपर बताई गई योजनाओं की समय-समय पर समीक्षा नेशनल, रीजनल और स्टेट लेवल पर मीटिंग्स के ज़रिए, साथ ही फील्ड विज़िट के ज़रिए की जाती है। इसके अलावा, इन योजनाओं के परफॉर्मेंस का आकलन करने के लिए कई नेशनल कॉन्फ्रेंस/चिंतन शिविर आयोजित किए जाते हैं, जिनमें केंद्र और राज्यों के केंद्रीय और राज्य मंत्री, सीनियर अधिकारी और अन्य अधिकारी शामिल होते हैं।

इसके अलावा, अनुसूचित जनजातियों (STs) के लिए प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजनाओं को लागू करने में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की कोई शिकायत नहीं मिली है।

यह जानकारी केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, श्री रामदास अठावले ने आज लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।

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पीके/केसी/वीएस/डीए


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