सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय
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नमस्ते योजना के तहत राष्ट्रीय सर्वेक्षण का आयोजन

प्रविष्टि तिथि: 16 DEC 2025 5:11PM by PIB Delhi

नमस्ते योजना के तहत सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मियों (एसएसडब्ल्यू) की पहचान के लिए 4,800 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों को कवर करते हुए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया गया है। यह सर्वेक्षण मैनुअल स्कैवेंजरों की पहचान के लिए नहीं किया गया है।

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग (एनसीएसके) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 2019 से (31.10.2025 तक) सीवर और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक सफाई के कारण 471 सफाई कर्मचारियों की जान चली गई है। इनमें से 397 मृतकों के परिजनों को पूर्ण मुआवजा और 19 मृतकों के परिजनों को आंशिक मुआवजा प्रदान किया गया है।

“हाथ से मैला ढोने वालों के रूप में रोजगार पर प्रतिबंध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013” ​​की धारा 7 सीवर या सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई पर रोक लगाती है।

सीवर और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक सफाई से निपटने के लिए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सहयोग से 2023-24 में देश के सभी शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में कार्यान्वयन हेतु "मैकेनाइज्ड सैनिटेशन इकोसिस्टम के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (नमस्ते)" शुरू की। इसका उद्देश्य सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मचारियों (एसएसडब्ल्यू) की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना तथा उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। साथ ही, स्वच्छता कार्यों में शून्य मृत्यु दर प्राप्त करना और यह सुनिश्चित करना भी इसका लक्ष्य है कि कोई भी स्वच्छता कर्मचारी मानव मल के सीधे संपर्क में न आए।

सीवर और सेप्टिक टैंकों में मैन्युअल प्रवेश से बचने और सीवर और सेप्टिक टैंकों की मशीनीकृत सफाई सुनिश्चित करने के लिए नमस्ते योजना के तहत उठाए गए कदम निम्नलिखित हैं:-

i. आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयों (ईआरएसयू) के लिए सुरक्षा उपकरण।

ii. स्वच्छता कर्मचारियों और निजी स्वच्छता सेवा संचालकों (पीएसएसओ) को स्वच्छता संबंधी मशीन/उपकरणों की खरीद के लिए अग्रिम पूंजी सब्सिडी।

iii. सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मचारियों को व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण।

iv. सीवर और सेप्टिक टैंकों की खतरनाक सफाई की रोकथाम पर कार्यशालाएँ।

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने 1 अक्टूबर, 2021 को स्वच्छ भारत मिशन – शहरी (एसबीएम-यू) 2.0 का शुभारंभ किया। इसमें एक नया घटक यानी प्रयुक्त जल प्रबंधन (यूडब्ल्यूएम) शामिल है, जिसका एक उद्देश्य सीवर और सेप्टिक टैंक में खतरनाक पदार्थों के प्रवेश को समाप्त करना और सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई के मशीनीकरण के माध्यम से मैन्युअल सफाई को समाप्त करना है।

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने सीवर और सेप्टिक टैंकों की सुरक्षित सफाई के लिए निम्नलिखित सलाह भी जारी की है:-

i. सीवर या सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी)।

ii. आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाई (ईआरएसयू) के माध्यम से सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी और प्रबंधकीय हस्तक्षेपों के लिए परामर्श।

iii. शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के लिए स्वच्छता कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु त्वरित गणना पुस्तिका।

iv. स्वास्थ्य जांच और सामाजिक कल्याण योजनाओं से जुड़ाव प्रदान करने के लिए शहरी स्थानीय निकायों के माध्यम से राष्ट्रव्यापी सफाईमित्र सुरक्षा शिविरों का आयोजन करना।

v. सफाई मित्र सुरक्षित शहर के लिए प्रोटोकॉल जारी किया गया।

पहले की 'स्व-रोजगार योजना फॉर द रिहैबिलिटेशन ऑफ मैनुअल स्कैवेंजर्स (एसआरएमएस)' के घटकों को 2023-24 में नमस्ते योजना में समाहित कर लिया गया है और इसके तहत हाथ से सफाई करने वालों और उनके आश्रितों को प्रदान की जाने वाली पुनर्वास सहायता का विवरण नीचे दिया गया है:-

क्रम संख्या

अवयव

लाभार्थियों की संख्या

1

एकमुश्त नकद सहायता

58098 (पूर्ण संतृप्ति)

2

कौशल विकास प्रशिक्षण

27928

3

स्वरोजगार परियोजना के लिए पूंजीगत सब्सिडी

2652

 

फिलहाल "हाथ से मैला ढोने वालों के रूप में रोजगार पर प्रतिबंध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 (एमएस अधिनियम, 2013)" में संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है।

यह जानकारी केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

पीके/केसी/जीके


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