इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने "फ्रॉम एक्शन टू इम्पैक्ट" नामक कार्यक्रम को संबोधित किया, जो 'एआई इम्पैक्ट समिट' के औपचारिक कर्टेन रेजर के रूप में आयोजित किया गया था


यह कार्यक्रम न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत और फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया

प्रविष्टि तिथि: 17 DEC 2025 3:45PM by PIB Delhi

भारत के वाणिज्य एवं उद्योग तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, श्री जितिन प्रसाद ने 16 दिसंबर, 2025 को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में "फ्रॉम एक्शन टू इम्पैक्ट" नामक कार्यक्रम को संबोधित किया। यह कार्यक्रम 19-20 फरवरी, 2026 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले 'एआई इम्पैक्ट समिट' के औपचारिक 'कर्टेन रेज़र' के रूप में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत और फ्रांस द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

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इस सत्र में कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी हिस्सा लिया, जिनमें फ्रांसीसी गणराज्य के स्थायी प्रतिनिधि महामहिम जेरोम बोनाफोंट, फ्रांस सरकार में एआई और डिजिटल मामलों की राजदूत सुश्री क्लारा चैपाज, संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव और प्रौद्योगिकी पर महासचिव के दूत श्री अमनदीप सिंह गिल, और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम में सहायक महासचिव एवं एशिया-प्रशांत क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक सुश्री कन्नी विग्नराजा प्रमुख थे। साथ ही, यूनेस्को के संचार एवं सूचना मामलों के सहायक महानिदेशक श्री तौफीक जेलासी, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ में रणनीतिक योजना एवं सदस्यता प्रमुख व महासचिव की विशेष सलाहकार सुश्री सुलीना अब्दुल्ला, हगिंग फेस इंक में मशीन लर्निंग और सोसाइटी के प्रमुख श्री यासीन जरनाइट और अन्य विशिष्ट विभूतियों ने भी इस चर्चा में भाग लिया।

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श्री प्रसाद ने वैश्विक शिखर सम्मेलन की विकास यात्रा को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे यह प्रक्रिया ब्लेचले पार्क में रिस्क-फोकस्ड चर्चाओं से शुरू होकर, सियोल में एथिक्स और इन्क्लूजन की बहसों तक पहुँची और अंततः पेरिस में उस पड़ाव पर आई जहाँ सारा ध्यान सहमत सिद्धांतों को अमल में लाने पर केंद्रित हो गया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इस कथन को उद्धृत करते हुए कि "एआई इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है," उन्होंने समावेशी पहुंच, कौशल विकास व पुन: कौशल और उन व्यावहारिक उपायों के महत्व पर जोर दिया जो नीति को वास्तविक प्रभाव में बदलते हैं।

अपने संबोधन के दौरान, श्री जितिन प्रसाद ने 'इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट 2026' के लिए '3 सूत्रों'— पीपल, प्लैनेट और प्रोग्रेस की परिकल्पना प्रस्तुत की। इन मूल मंत्रों को 7 विषयगत कार्य समूहों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा, जिन्हें 'चक्र' के रूप में पहचाना गया है। इन चक्रों के अंतर्गत मानव पूंजी, सामाजिक सशक्तिकरण के लिए समावेशिता, सुरक्षित एवं विश्वसनीय एआई, मजबूती , नवाचार और दक्षता, विज्ञान, एआई संसाधनों की सभी तक पहुंच तथा आर्थिक विकास एवं सामाजिक कल्याण के लिए एआई जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

19–20 फरवरी 2026 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले 'एआई इम्पैक्ट समिट' की घोषणा करते हुए, श्री प्रसाद ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन कल्पना को वास्तविकता में बदलने को प्राथमिकता देगा। उन्होंने सरकारों, उद्योगों, शोधकर्ताओं, नागरिक समाज और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हुए अपनी बात समाप्त की। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि इस शिखर सम्मेलन की सफलता का पैमाना जारी किए गए घोषणापत्रों की संख्या नहीं, बल्कि इसके द्वारा बेहतर बनाए गए लोगों के जीवन से मापा जाना चाहिए।

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पीके/केसी/डीवी


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