प्रधानमंत्री कार्यालय
प्रधानमंत्री ने देश के अदम्य वीरों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रपति भवन में परमवीर दीर्घा का स्वागत किया
परमवीर दीर्घा गुलामी की मानसिकता से निकलकर नव-जागृत राष्ट्रीय चेतना की ओर भारत की यात्रा को दर्शाती है: प्रधानमंत्री
परमवीर दीर्घा युवाओं को भारत की शौर्य परंपरा और राष्ट्रीय संकल्प से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगी: प्रधानमंत्री
प्रविष्टि तिथि:
17 DEC 2025 5:34PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में परमवीर दीर्घा का स्वागत किया और कहा कि वहाँ प्रदर्शित चित्र देश के अदम्य वीरों के प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि और उनके बलिदानों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि ये चित्र उन वीर योद्धाओं का सम्मान करते हैं,जिन्होंने अपने सर्वोच्च बलिदान से मातृभूमि की रक्षा की और भारत की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के परमवीरों की इस दीर्घा को, दो परमवीर चक्र विजेताओं और अन्य विजेताओं के परिवारजनों की गरिमामयी उपस्थिति में राष्ट्र को अर्पित किया जाना और भी विशेष है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक लंबे कालखंड तक राष्ट्रपति भवन की गैलरी में ब्रिटिश काल के सैनिकों के चित्र लगे थे। अब उनके स्थान पर, देश के परमवीर विजेताओं के चित्र लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन में परमवीर दीर्घा का निर्माण गुलामी की मानसिकता से निकलकर भारत को नवचेतना से जोड़ने के अभियान का एक उत्तम उदाहरण है। उन्होंने याद किया कि कुछ साल पहले सरकार ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में कई द्वीपों के नाम भी परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखे हैं।
युवा पीढ़ी के लिए इस दीर्घा के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये चित्र और यह दीर्घा हमारी युवा पीढ़ी के लिए भारत की शौर्य परंपरा से जुड़ने का एक प्रखर स्थल है। ये दीर्घा युवाओं को ये प्रेरणा देगी कि राष्ट्र उद्देश्य के लिए आत्मबल और संकल्प महत्वपूर्ण होते है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह स्थान विकसित भारत की भावना का एक प्रखर तीर्थ बनेगा।
एक्स पर सिलसिलेवार किए गए पोस्ट में श्री मोदी ने कहा;
“हे भारत के परमवीर…
है नमन तुम्हें हे प्रखर वीर !
ये राष्ट्र कृतज्ञ बलिदानों पर…भारत मां के सम्मानों पर !
राष्ट्रपति भवन की परमवीर दीर्घा में देश के अदम्य वीरों के ये चित्र हमारे राष्ट्र रक्षकों को भावभीनी श्रद्धांजलि हैं। जिन वीरों ने अपने सर्वोच्च बलिदान से मातृभूमि की रक्षा की, जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन दिया…उनके प्रति देश ने एक और रूप में अपनी कृतज्ञता अर्पित की है। देश के परमवीरों की इस दीर्घा को, दो परमवीर चक्र विजेताओं और अन्य विजेताओं के परिवारजनों की गरिमामयी उपस्थिति में राष्ट्र को अर्पित किया जाना और भी विशेष है।”
“एक लंबे कालखंड तक, राष्ट्रपति भवन की गैलरी में ब्रिटिश काल के सैनिकों के चित्र लगे थे। अब उनके स्थान पर, देश के परमवीर विजेताओं के चित्र लगाए गए हैं। राष्ट्रपति भवन में परमवीर दीर्घा का निर्माण गुलामी की मानसिकता से निकलकर भारत को नवचेतना से जोड़ने के अभियान का एक उत्तम उदाहरण है। कुछ साल पहले सरकार ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में कई द्वीपों के नाम भी परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखे हैं।”
“ये चित्र और ये दीर्घा हमारी युवा पीढ़ी के लिए भारत की शौर्य परंपरा से जुड़ने का एक प्रखर स्थल है। ये दीर्घा युवाओं को ये प्रेरणा देगी कि राष्ट्र उद्देश्य के लिए आत्मबल और संकल्प महत्वपूर्ण होते है। मुझे आशा है कि ये स्थान विकसित भारत की भावना का एक प्रखर तीर्थ बनेगा।”
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पीके/केसी/आरके/डीके
(रिलीज़ आईडी: 2205464)
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