पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश
प्रविष्टि तिथि:
17 DEC 2025 4:45PM by PIB Delhi
उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय ने उत्तर पूर्वी क्षेत्र में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 का आयोजन किया। इस शिखर सम्मेलन में उत्तर पूर्वी क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए जिन प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई, उनमें पर्यटन एवं आतिथ्य, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण एवं संबद्ध क्षेत्र, वस्त्र, हथकरघा एवं हस्तशिल्प, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कौशल विकास, आईटी/आईटीईएस, मनोरंजन एवं खेल, अवसंरचना एवं लॉजिस्टिक्स, तथा ऊर्जा शामिल हैं। समिट और इसके पूर्व आयोजित रोडशो के माध्यम से निजी निवेशकों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा प्रमुख औद्योगिक समूहों से समझौता ज्ञापनों (MoU), आशय पत्रों और योग्य निवेश प्रस्तावों के जरिये कुल मिलाकर ₹4.48 लाख करोड़ के निवेश में रुचि प्राप्त हुई है। यह निवेश उत्तर पूर्वी क्षेत्र की औद्योगिक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा। राज्य सरकारें निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए सभी निवेशकों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय कर रही हैं। इसके अतिरिक्त, निवेश को सुगम बनाने के लिए उत्तर पूर्वी राज्यों द्वारा कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें सिंगल विंडो क्लीयरेंस, निवेश प्रोत्साहन एजेंसियों की स्थापना, लैंड बैंक का निर्माण, तथा निवेश के लिए प्रोत्साहन योजनाएं आदि शामिल हैं।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र में इंडस्ट्रियल इको-सिस्टम को मज़बूत करने और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को आकर्षित करने के लिए, भारत सरकार उत्तर पूर्व ट्रांसफॉर्मेटिव इंडस्ट्रियलाइज़ेशन (UNNATI) योजना लागू कर रही है। UNNATI योजना के तहत दिए जाने वाले इंसेंटिव हैं: (i) कैपिटल इन्वेस्टमेंट इंसेंटिव; (ii) सेंट्रल कैपिटल इंटरेस्ट सबवेंशन इंसेंटिव; और (iii) मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज़ लिंक्ड इंसेंटिव।
यह जानकारी उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने आज लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।
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पीके/केसी/वीएस/एसएस
(रिलीज़ आईडी: 2205584)
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