मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

एएचआईडीएफ के तहत परियोजनाएं

प्रविष्टि तिथि: 17 DEC 2025 4:52PM by PIB Delhi

पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) के अंतर्गत योजना की शुरुआत से अब तक स्वीकृत, मंजूर और क्रियान्वित परियोजनाओं की संख्या श्रेणीवार इस प्रकार है:

क्र.सं.

एएचआईडीएफ के अंतर्गत अवसंरचना की श्रेणी

स्वीकृत परियोजनाएँ

मंजूर परियोजनाएँ

कार्यान्वित परियोजनाएँ

1

पशु चारा संयंत्र

201

143

124

2

पशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन (कृषि अपशिष्ट प्रबंधन)

5

4

4

3

नस्ल सुधार प्रौद्योगिकी और नस्ल गुणन फार्म

183

105

83

4

डेयरी प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन

252

147

116

5

मांस प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन

45

25

20

6

पशु चिकित्सा टीके और दवाओं के उत्पादन सुविधाओं की स्थापना

5

4

1

कुल योग

691

428

348

  1. एएचआईडीएफ के तहत स्वीकृत ऋण की राशि 10,320 करोड़ है और स्वीकृत 428 परियोजनाओं के लिए जारी ब्याज सब्सिडी 429.49 करोड़ है। तीन परियोजनाएं एएचआईडीएफ की क्रेडिट गारंटी के अंतर्गत आती हैं, जिनका प्रबंधन नाबार्ड द्वारा किया जा रहा है।
  2. एएचआईडीएफ के तहत 139 पशु चारा संयंत्र और 105 नस्ल गुणन फार्म स्थापित और सुदृढ़ किए गए हैं। एएचआईडीएफ के तहत कोई आईवीएफ केंद्र स्थापित नहीं किया गया है। हालांकि, डीएएचडी द्वारा कार्यान्वित राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 24 बोवाइन आईवीएफ प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं।
  3. राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत असम में असम कृषि विश्वविद्यालय, खानापारा गुवाहाटी के पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय में एक बोवाइन इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) प्रयोगशाला शुरू की गई है। इस प्रयोगशाला से 45 व्यवहार्य भ्रूण तैयार किए गए हैं, जिनमें से 19 भ्रूणों को स्थानांतरित किया जा चुका है। इस प्रयोगशाला का लाभ पूर्वोत्तर राज्य के सभी दुग्ध उत्पादक किसानों को मिल रहा है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत अब तक अरुणाचल प्रदेश में केवल एक बीएमएफ (बायोडाटा ट्रांसप्लांट) स्वीकृत किया गया है।
  4. जी हां, पशुपालन भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण उपक्षेत्र है और ग्रामीण आबादी को पोषण और आजीविका सहायता प्रदान करने में बहुआयामी भूमिका निभाता है। पशुधन क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से कृषि अर्थव्यवस्था में योगदान देने के साथ-साथ रोजगार सृजन, संपत्ति निर्माण, फसल खराब होने पर बचाव और सामाजिक एवं वित्तीय सुरक्षा भी प्रदान करता है। राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी 2025 के अनुसार, वर्ष 2023-24 के दौरान दूध उत्पादन का मूल्य 12.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक था, जो कृषि उत्पादों में सबसे अधिक है और धान और गेहूं के संयुक्त मूल्य से भी अधिक है।

उपरोक्त उत्तर भारत सरकार में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में दिया था।

पीके/केसी/जीके


(रिलीज़ आईडी: 2205674) आगंतुक पटल : 32
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें: English , Urdu