जल शक्ति मंत्रालय
सौर ऊर्जा आधारित जल योजना
प्रविष्टि तिथि:
18 DEC 2025 3:30PM by PIB Delhi
पेयजल राज्य का विषय होने के कारण राज्य ही अन्य बातों के साथ-साथ सौर आधारित जल स्कीमों सहित पेयजल आपूर्ति स्कीमों की आयोजना, डिजाईनिंग, अनुमोदन और कार्यान्वयन करते हैं। भारत सरकार तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्यों के प्रयासों में सहायता करती है।
भारत सरकार अगस्त 2019 से राज्यों की भागीदारी से जल जीवन मिशन (जेजेएम) - हर घर जल को कार्यान्वित कर रही है ताकि देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार हेतु कार्यशील नल जल कनेक्शन के माध्यम से निर्धारित गुणवत्ता की पर्याप्त मात्रा में और नियमित तथा दीर्घकालिक आधार पर पीने योग्य जल का प्रावधान किया जा सके।
जल जीवन मिशन की घोषणा के समय, 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण परिवारों के पास नल जल कनेक्शन होने की सूचना थी। अब तक, 16.12.2025 तक राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रो द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, लगभग 12.53 करोड़ और ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार, 16.12.2025 तक, देश में लगभग 5.86 लाख गांवों में स्थित 19.36 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से लगभग 5.82 लाख गांवों में स्थित 15.76 करोड़ (81.42%) से अधिक परिवारों के पास उनके घरों में नल जल आपूर्ति होने की सूचना है और करोड़ परिवारों के लिए कार्य, संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की कार्य-परिपूर्णता योजना के अनुसार पूरा होने के विभिन्न चरणों में हैं।
इसके अलावा, 16.12.2025 तक, 2.69 लाख से अधिक गांवों को 'हर घर जल' के रूप में सूचित किया गया है, अर्थात् 100 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल जल आपूर्ति हो रही है। राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार विवरण पब्लिक डोमेन में उपलब्ध हैं और जेजेएम-आईएमआईएस के माध्यम से निम्न लिंक पर देखा जा सकता है: https://ejalshakti.gov.in/JJM/JJMReports/Physical/Rpt_JJM_VillageWisePWSReport.aspx
जेजेएम के तहत, ग्रामीण जल आपूर्ति योजनाओं में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के लिए बिखरे हुए/अलग-थलग/जनजातीय/पहाड़ी गांवों में सौर ऊर्जा संचालित स्टैंडअलोन जल आपूर्ति प्रणाली की स्थापना की खोज; एकल ग्राम जलापूर्ति योजनाओं के लिए सौर ऊर्जा पंपिंग व्यवस्था का उपयोग करने को प्राथमिकता देना; और बहु-ग्राम जल आपूर्ति योजनाओं आदि में सौर ऊर्जा आधारित पंपिंग प्रणाली का संयुक्त उपयोग जैसे प्रावधान किए गए हैं।
इसके अलावा, सौर आधारित जल योजनाओं सहित चल रहे कार्यों के प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी को सुनिश्चित करने के लिए, अन्य बातों के साथ-साथ कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, ज्ञान साझा करने के लिए कार्यशाला/सम्मेलन/वेबिनार, तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए बहु-विषयक टीम द्वारा क्षेत्र का दौरा, सृजित परिसंपत्तियों की जियो-टैगिंग की निगरानी कार्य प्रणाली, भुगतान करने से पहले तीसरे पक्ष द्वारा निरीक्षण आदि जैसे व्यापक-बहुस्तरीय और बहुमुखी निगरानी तंत्र स्थापित किए गए हैं।
इसके अलावा, दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार करने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन के तहत, ग्राम/जिला डैशबोर्ड और ग्राम स्तर के डैशबोर्ड को ई-ग्रामस्वराज पोर्टल से जोड़ना, जिला कलेक्टरों का पर्यावरण संवाद, आईएमआईएस मॉड्यूल के माध्यम से राष्ट्रीय वॉश विशेषज्ञों (एनडब्ल्यूई) की भूमिका का संस्थागतकरण, टीपीआईए की भूमिका, संबंधित मंत्रालयों के साथ सहयोग को मजबूत करना, स्रोत स्थिरता को मजबूत करने के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली, समुदाय प्रबंधित पाइपगत जल प्रणालियों पर पुस्तिका, एकीकृत पाइपगत जल प्रणाली के लिए विशिष्ट आईडी आदि जैसे कदम हाल ही में उठाए गए हैं।
यह सूचना जल शक्ति राज्यमंत्री श्री वी. सोमण्णा द्वारा लोकसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में प्रदान की गई है।
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एएमके
(रिलीज़ आईडी: 2205860)
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