जल शक्ति मंत्रालय
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जल जीवन मिशन से संबंधित किसी भी प्रकार के उल्लंघन के प्रति शून्य सहनशीलता का दृष्टिकोण

प्रविष्टि तिथि: 18 DEC 2025 3:33PM by PIB Delhi

छह राज्यों नामतः तमिलनाडु, त्रिपुरा, गुजरात, असम, महाराष्ट्र तथा राजस्थान ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के अंतर्गत वित्तीय अनियमितताओं एवं कार्यों की खराब गुणवत्ता के मामलों में जुर्माना लगाने एवं वसूली की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण कार्रवाई की सूचना दी है। इसके अतिरिक्त, 02 राज्यों (उत्तर प्रदेश एवं त्रिपुरा) ने नुकसान की क्षतिपूर्ति के रूप में ठेकेदारों से वसूली किए जाने की सूचना दी है, जबकि 02 राज्यों (कर्नाटक एवं त्रिपुरा) ने ईएमडी/एफडीआर की जब्ती के माध्यम से वसूली किए जाने की सूचना दी है। जुर्माना लगाए जाने और वसूली किए जाने का राज्य-वार विवरण अनुबंध में दिया गया है।


उत्तर प्रदेश ने यह भी सूचित किया है कि स्वतः संज्ञान सहित विभिन्न माध्यमों से प्राप्त 14,264 शिकायतों के संबंध में जांच प्रारंभ की है। इनमें से 14,212 मामलों में रिपोर्ट प्रस्तुत की जा चुकी है जबकि 52 मामलों के संबंध में जांच प्रक्रियाधीन है। राज्य ने यह भी सूचित किया है कि इन शिकायतों के विरूद्ध 434 मामलों में कार्रवाई की गई, जिनमें 171 विभाग स्तरीय अधिकारी, 120 ठेकेदार तथा 143 तृतीय-पक्ष निरीक्षण एजेंसियाँ शामिल हैं जबकि शेष शिकायतों का समाधान कर दिया गया है अथवा उन्हें अप्रासंगिक पाया गया है।

 

गुजरात सरकार द्वारा सूचित किए गए अनुसार, महिसागर जिले के 620 गांवों में अनियमितताओं के कारण 120.65 करोड़ रुपये की वित्तीय हानि हुई है तथा 112 एजेंसियों से वसूली से संबंधित आदेश जारी किए गए हैं। राज्य सरकार ने सूचित किया है कि अब तक इन एजेंसियों से 6.65 करोड़ रुपये की धनराशि की वसूली की जा चुकी है। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा सभी 112 एजेंसियों को निषेध कर दिया गया है तथा इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला वर्तमान में सीआईडी अपराध शाखा के पास जांच के अधीन है तथा अब तक 9 अधिकारियों/ठेकेदारों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।

 

भारत सरकार अगस्त 2019 से राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की भागीदारी से जल जीवन मिशन का कार्यान्वयन कर रही है, ताकि देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार हेतु सुरक्षित एवं पर्याप्त नल जल कनेक्शन का प्रावधान किया जा सके। ‘पेयजल’ राज्य का विषय है और इसलिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत आने वाली अन्य स्कीमों सहित पेयजल आपूर्ति स्कीमों की आयोजना, अनुमोदन, कार्यान्वयन तथा संचालन एवं रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों की है। भारत सरकार तकनीकी एवं वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्यों की सहायता करती है।


अगस्त 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय, केवल 3.23 करोड़ (16.7%) ग्रामीण परिवारों के पास नल जल कनेक्शन होने की सूचना थी। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा 11.12.2025 तक सूचित किए गए अनुसार, अब तक, लगभग 12.52 करोड़ और ग्रामीण परिवारों को जल जीवन मिशन के तहत नल जल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। इस प्रकार, 11.12.2025 तक देश के 19.36 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 15.76 करोड़ (81.41%) से अधिक ग्रामीण परिवारों के पास नल जल कनेक्शन उपलब्ध होने की सूचना है।


राज्यों को जेजेएम के प्रभावी आयोजना तथा कार्यान्वयन में सहायता करने के लिए एक विस्तृत कार्यसंबंधी दिशानिर्देश राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ साझा किए गए हैं, जिनमें आयोजना, निष्पादन, गुणवत्ता आश्वासन, निगरानी तथा जेजेएम के तहत सृजित अवसंरचना के स्थायित्व से संबंधित सभी पहलू शामिल हैं। भारत सरकार मिशन के तीव्र कार्यान्वयन हेतु उन क्षेत्रों का उल्लेख कर रही है जहां कार्यान्वयन और निगरानी को सुदृढ़ बनाना है तथा इसके लिए संबंधित राज्य सरकारों के साथ समीक्षा बैठकों और बहु विषयक टीमों के दौरों के माध्यम से नियमित रूप से कार्यान्वयन की समीक्षा कर रही है। जेजेएम के तहत पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाता है। भौतिक एवं वित्तीय संबंधी प्रगति जल जीवन मिशन–एकीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (आईएमआईएस) पर दर्ज की जाती है तथा प्रदान किए गए सभी नल जल कनेक्शनों को परिवार के मुखिया के आधार नंबर से जोड़ा जाना है। इसके अतिरिक्त, जल जीवन मिशन के अंतर्गत सृजित परिसंपत्तियों का जियो-टैगिंग के प्रावधान भी किए गए हैं।


जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन हेतु कार्यसंबंधी दिशानिर्देशों के अंतर्गत कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भुगतान से पूर्व तृतीय-पक्ष निरीक्षण एवं प्रमाणन अनिवार्य है। इस उद्देश्य हेतु राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को एजेंसियों द्वारा निष्पादित कार्य की गुणवत्ता, निर्माण हेतु उपयोग की गई सामग्रियों की गुणवत्ता तथा प्रत्येक योजना के लिए संस्थापित मशीनरी की गुणवत्ता की जांच करने हेतु तृतीय-पक्ष निरीक्षण एजेंसियों (टीपीआईए) को सूचीबद्ध करने का अधिकार दिया गया है।


जल जीवन मिशन के निर्धारित दिशानिर्देशों से किसी भी प्रकार का विचलन होने पर संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार द्वारा कार्रवाई की जानी अपेक्षित है।


32 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा सूचित किए गए आंकड़ों के अनुसार, जल जीवन मिशन के अंतर्गत वित्तीय अनियमितताओं एवं कार्यों की खराब गुणवत्ता के मामलों में 621 विभागीय अधिकारियों, 969 ठेकेदारों तथा 153 तृतीय-पक्ष निरीक्षण एजेंसियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। अनियमितताओं में शामिल विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध संस्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है जिनमें निलंबन, विभागीय जांच एवं आरोप पत्र जारी करना शामिल है। ठेकेदारों के मामलों में ब्लैकलिस्टिंग या ब्लैकलिस्टिंग की संस्तुति, संविदा का समापन, निषेध करना, अग्रिम धनराशि की जब्ती तथा उल्लंघन के स्वरूप के आधार पर जुर्माने लगाए गए हैं। तृतीय-पक्ष निरीक्षण एजेंसियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों को पैनल से हटा दिया गया है तथा अन्य मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी किए गए और धनराशि की वसूली शुरू की गई है।


इसके अतिरिक्त, सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को वित्तीय, प्रक्रियात्मक अथवा गुणवत्ता संबंधी किसी भी उल्लंघन के प्रति जीरो-टॉलरेंस अपनाने के लिए बार-बार सलाह दी गई है। सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को सभी शिकायतों की विधिवत जांच करने, तीव्रता से क्षेत्रीय सत्यापन तथा मिशन की पारदर्शिता और जवाबदेही को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सभी अनुशासनात्मक, संविदात्मक एवं कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।

 

यह सूचना केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी आर पाटिल द्वारा लोकसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में प्रदान की गई है।

***

एएमके

 

 

अनुबंध



राज्य

लगाय गया जुर्मान/वसूली

जुर्माना/वसूली की गई

क्षतिपूर्ति वसूली

ईएमडी/एफडीआर की जब्ती

1

2

3

4

5

तमिलनाडु

3,00,000

3,00,000

-

-

त्रिपुरा

1,22,96,739

1,22,96,739

7,09,903

2,83,065

गुजरात

1,20,65,00,000

6,65,00,000

-

-

असम

5,08,089

5,08,089

-

-

महाराष्ट्र

2,02,04,200

10,37,000

-

-

कर्नाटक

-

 

-

1,01,71,600

राजस्थान

5,34,47,000

3,77,29,000

-

-

उत्तर प्रदेश

-

-

340,00,00,000

 

कुल

129,32,56,028

11,83,70,828

340,07,00,000

1,04,54,665

 

 


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