पंचायती राज मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

भारत में क्लस्टर-आधारित मॉडल ग्राम पंचायतों को विकसित करने के लिए आपदा जोखिम न्यूनीकरण पहल को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय परियोजना


स्थानीय स्तर पर आपदा न्यूनीकरण उपायों की प्रभावशीलता प्रदर्शित करने के लिए आदर्श ग्राम पंचायतों का विकास

प्रविष्टि तिथि: 18 DEC 2025 5:11PM by PIB Delhi

पंचायती राज संस्थाओं में समुदाय आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण पहलों को सुदृढ़ करने हेतु राष्ट्रीय परियोजना, जिसे पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जा रहा है, को ₹507.37 करोड़ के परिव्यय के साथ मंजूरी दे दी गई है। यह परियोजना 20 राज्यों में कार्यान्वित की जाएगी और इसमें 81 आपदा-प्रवण जिले शामिल होंगे, जिनमें से प्रत्येक में 20 ग्राम पंचायतें होंगी। इसके अतिरिक्त, प्रमुख आपदा-विशिष्ट जोखिमों पर केंद्रित 20 ग्राम पंचायतों को स्थानीय स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) के लिए अनुकरणीय मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य जमीनी स्तर पर आपदा की तैयारी, शमन और लचीलेपन की रीढ़ के रूप में पंचायती राज संस्थाओं को स्थापित करते हुए, आपदा जोखिम न्यूनीकरण को स्थानीय शासन में एकीकृत करना है। ये मॉडल ग्राम पंचायतें आपदा लचीलेपन को योजना, बुनियादी ढांचे और सामुदायिक तैयारी में एकीकृत करने के लिए प्रदर्शनकारी टेम्पलेट के रूप में कार्य करेंगी। (अधिक जानकारी के लिए)

इस परियोजना में पंचायती राज संस्थाओं द्वारा विकास योजना में डीआरआर का संस्थागत सुदृढ़ीकरण और नीतिगत एकीकरण, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (एसडीएमए), जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (डीडीएमए) और पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के लिए व्यापक क्षमता निर्माण और जागरूकता सृजन शामिल है, जो लक्षित सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) पहलों द्वारा समर्थित है। यह प्रभावी और निरंतर आपदा शमन को सक्षम करने के लिए स्थानीय, जिला और राज्य-स्तरीय हितधारकों के बीच अंतर-संस्थागत समन्वय को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित करता है। पंचायती राज मंत्रालय आपदा प्रबंधन योजना को एकीकृत करने, व्यय पर नज़र रखने और पंचायतों को वास्तविक समय की जानकारी प्रसारित करने के लिए -ग्राम स्वराज, ग्राम मानचित्र आदि सहित अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाएगा। जमीनी स्तर पर निरंतर संस्थागत क्षमता सुनिश्चित करने के लिए पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, पंचायत पदाधिकारियों, मास्टर प्रशिक्षकों और सामुदायिक स्वयंसेवकों के लिए व्यापक क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। पंचायती राज मंत्रालय और एनडीएमए, राज्यों और पंचायतों के साथ मिलकर एक लचीले ग्रामीण भारत की नींव रख रहे हैं, जहां सशक्त स्थानीय संस्थान और सूचित समुदाय आपदाओं के खिलाफ जीवन, आजीविका और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं।

1 प्रत्येक राज्य में आदर्श ग्राम (*आदर्श ग्राम का निर्धारण राज्यों द्वारा किया जाएगा):

1 Model Village in each State (*Model Village to be decided by the States):

S/N

States

Amount in Crore

Hazard

1

Himachal Pradesh

5

Flash Flood / Landslide

2

Uttarakhand

5

Flash Flood / Landslide

3

Kerala

5

Ecosystem-Based Mitigation/Coastal Erosion

4

Odisha

5

Cyclone / Drought

5

Arunachal Pradesh

5

Flash Flood / Landslide

6

Sikkim

5

Ecosystem-Based Mitigation/ landslide

7

Assam

5

Flood / Ecosystem based Mitigation

8

Meghalaya

5

Landslide / Flood

9

Maharashtra

5

Drought / Earthquake

10

Rajasthan

5

Drought / Flood

11

Uttar Pradesh

5

Earthquake/ Flood

12

Tamil Nadu

5

Cyclone / Drought

13

Andhra Pradesh

5

Cyclone / landslide

14

Punjab

5

Earthquake / River Erosion

15

Bihar

5

Earthquake / Flood

16

Nagaland

5

Ecosystem-Based Mitigation/ landslide

17

Karnataka

5

Drought/Landslide

18

Mizoram

5

Flash Flood / Landslide

19

Tripura

5

Flood / Earthquake

20

Gujarat

5

Earthquake/Flood

Total

100

 

 

इस कार्यक्रम में आदर्श ग्राम पंचायत की एक नई अवधारणा को शामिल किया गया है। 20 राज्यों में से प्रत्येक के लिए एक मॉडल ग्राम पंचायत (जीपी) होगी। इसलिए, राज्यों द्वारा विशेष रूप से छह अलग-अलग संभावित जोखिम (हर जोखिम के लिए एक ग्राम पंचायत) विषयों के लिए 20 मॉडल ग्राम पंचायतों की पहचान की जाएगी ताकि आपदा से बचने के लिए  लंबे समय तक चलने वाले न्यूनीकरण  उपायों की प्रभावकारिता को प्रदर्शित करने के लिए एक एंड-टू-एंड मॉडल के लिए दीर्घकालिक शमनकारी योजना  के कार्यान्वयन के लिए किया जा सके। चिन्हित 20 ग्राम पंचायतों में मिली सीख को राज्यों द्वारा अपने एसडीएमएफ के माध्यम से बढ़ाया जा सकता है ताकि अन्य ग्राम पंचायतों के लिए आपदा-प्रतिरोधी ग्राम पंचायत मॉडल के रूप में इस्तेमाल किया  जा सके।

राज्य के आकार और आपदाओं की तीव्रता के आधार पर जिलों की संख्या ली गई है। इन सभी ग्राम पंचायतों और मॉडल ग्राम पंचायतों को एक एक पास के क्लस्टर में होना चाहिए, ताकि शमन उपायों का प्रभाव दिखाई दे। चयनित जिले अपने-अपने राज्यों के सबसे अधिक आपदा-प्रवण जिलों में से एक हैं।

 

S/N

States

Districts

No. of Districts

1

Himachal Pradesh

Kinnaur, Kullu, Mandi

3

2

Uttarakhand

Uttarkashi, Tihri Garhwal, Uttar Kashi

3

3

Kerala

Trissur, Kollam, Wayanad, Idukki, Ernakulam, Alappuzha

6

4

Odisha

Khordha, Bhadrak, Puri, Kendrapara, Ganjam, Baleshwar

6

5

Arunachal Pradesh

Anjaw, Upper Siang, West Siang

3

6

Sikkim

South District, North District, East District

3

7

Assam

Dhemaji, Kamrup Metropolitan, Kamrup, Morigaon, Lakhimpur, Golaghat

6

8

Meghalaya

West Jaintia Hills, West Khasi Hills, GouthGaro Hills

3

9

Maharashtra

Ratnagiri, Thane, Sangli, Latur, Raigarh, Ratnagiri

6

10

Rajasthan

Bharatpur, Karauli, Baran, Barmer, Jalor, Alwar

6

11

Uttar Pradesh

Lakhimpur Kheri, Banda, Lalitpur, Prayagraj, Ballia, Bahraich

6

12

Tamil Nadu

Nagapattinam, Ramanathapuram, Tirunelveli, Cuddalore, Thoothukkudi

5

13

Andhra Pradesh

Srikakulam, Krishna, Guntur

3

14

Punjab

Patiala, Ludhiana

2

15

Bihar

Sitamarhi, Darbhanga, Muzaffarpur, Madhubani, Supaul

5

16

Nagaland

Dimapur, Kohima

2

17

Karnataka

Dakshina Kannada, Uttara Kannada, Shivamogga

3

18

Mizoram

Aizawl, Lunglei

2

19

Tripura

West Tripura, Dhalai, Gomati

3

20

Gujarat

Kachchh, Junagadh, Bharuch, Surat, Gir Somnath

5

Total Districts

81

समुदाय-आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण पहलों को सुदृढ़ करने हेतु राष्ट्रीय परियोजना, समुदाय-आधारित आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में पंचायती राज मंत्रालय द्वारा स्थापित संस्थागत आधार पर आधारित है। 17 मार्च 2022 को पंचायती राज मंत्रालय की आपदा प्रबंधन योजना (डीएमपीएमओपीआर) जारी की गई थी। इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय ढांचे के अनुरूप ग्रामीण आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करते हुए, जनभागीदारी और सामुदायिक स्वामित्व को बढ़ावा देकर जमीनी स्तर पर आपदा सहनशीलता को मजबूत करना है। योजना में पंचायत और ग्राम स्तर पर आपदा प्रबंधन योजनाओं की तैयारी तथा उन्हें स्थानीय विकास प्रक्रियाओं, विशेषकर ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (जीपीडीपी) के साथ एकीकृत करने मांग की गईहै। यह पहल पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने और स्थानीय योजना प्रक्रिया में आपदा जोखिम न्यूनीकरण को मुख्यधारा में लाने के लिए पंचायती राज मंत्रालय एवं राज्य सरकारों के चल रहे प्रयासों को और अधि सुदृढ़ करेगी।            

 

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पीके/केसी /केएल/डीए


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