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विधि एवं न्याय मंत्रालय
विधिक सेवा प्राधिकरणों का प्रदर्शन
प्रविष्टि तिथि:
18 DEC 2025 1:44PM by PIB Delhi
पिछले तीन वित्तीय वर्षों यानी 2023-24, 2024-25 और 2025-26 (अक्टूबर 2025 तक) के दौरान विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा प्रदान की गई निशुल्क कानूनी सेवाओं से लाभान्वित व्यक्तियों की राज्य/केंद्र शासित प्रदेश-वार जानकारी अनुलग्नक-ए में दी गई है।
विधायी सेवा प्राधिकरणों के प्रदर्शन की निगरानी और मूल्यांकन के लिए, एनएएलएसए सभी एसएलएसए से मासिक गतिविधि रिपोर्ट प्राप्त करता है, जिसमें किसी विशेष माह में की गई सभी गतिविधियों की जानकारी होती है। इसके बाद, एनएएलएसए द्वारा सरकार को मासिक आधार पर एक अंतिम गतिविधि रिपोर्ट भेजी जाती है, जिसकी समीक्षा और संकलन किया जाता है। मासिक गतिविधि रिपोर्टों के अलावा, एनएएलएसए को सभी एसएलएसए से वार्षिक रिपोर्ट भी प्राप्त होती हैं और इसके आधार पर एनएएलएसए अपनी वार्षिक रिपोर्ट तैयार करता है, जिसे संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखा जाता है।
कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी संसदीय स्थायी समिति द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत दी जाने वाली कानूनी सहायता के आकलन हेतु विभिन्न मुद्दों पर समय-समय पर समीक्षा की जाती है। इसके अलावा, विधि सेवा प्राधिकरणों के कार्य-प्रणाली की निगरानी के लिए एनएएलएसए द्वारा अखिल भारतीय और क्षेत्रीय बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं। साथ ही, विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों के संबंध में एनएएलएसए और न्याय विभाग के प्रतिनिधियों के बीच नियमित बैठकें भी होती हैं।
लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए, विधि सेवा प्राधिकरणों द्वारा देश भर में बच्चों, श्रमिकों, आपदा पीड़ितों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, दिवंयांगजनों आदि से संबंधित विभिन्न कानूनों और योजनाओं पर कानूनी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा, विधि सेवा प्राधिकरणों ने विभिन्न कानूनों पर सरल भाषा में पुस्तिकाएं और पर्चे भी तैयार किए हैं, जिन्हें लोगों तक पहुंचाया जाता है। साथ ही, एनएएलएसए ने स्थानीय स्वशासन संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित करके ग्रामीण भारत में कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एनएएलएसए (जागृति - जमीनी स्तर पर सूचना और पारदर्शिता के लिए न्याय जागरूकता पहल) योजना, 2025 भी शुरू की है। पिछले तीन वर्षों के दौरान, विधि सेवा प्राधिकरणों द्वारा आयोजित कानूनी जागरूकता कार्यक्रमों और उनमें भाग लेने वाले व्यक्तियों की संख्या इस प्रकार है:
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वर्ष
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आयोजित शिविरों/कार्यक्रमों की संख्या
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उपस्थित व्यक्तियों की संख्या
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2023-24
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4,30,306
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4,49,22,092
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2024-25
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4,62,988
|
3,72,32,850
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2025-26
(अक्टूबर 2025 तक)
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3,00,112
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2,16,13,002
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अनुलग्नक-ए
विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत वर्ष 2023-24 से 2025-26 की अवधि के दौरान (अक्टूबर 2025 तक) प्रदान की गई कानूनी सेवाओं से लाभान्वित व्यक्तियों की संख्या की जानकारी,
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क्रम संख्या
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विधिक सेवा प्राधिकरण (राज्य/केंद्र शासित प्रदेश)
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2023-24
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2024-25
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2025-26 (अक्टूबर 2025 तक)
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1
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अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
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220
|
341
|
174
|
|
2
|
आँध्र प्रदेश
|
8,265
|
11,266
|
7,934
|
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
5,696
|
9,236
|
5,866
|
|
4
|
असम
|
63,749
|
82,694
|
57,350
|
|
5
|
बिहार
|
1,51,413
|
84,505
|
45,156
|
|
6
|
चंडीगढ़
|
2,822
|
2,951
|
1,875
|
|
7
|
छत्तीसगढ़
|
62,164
|
80,874
|
46,968
|
|
8
|
दादरा और नगर हवेली
|
55
|
45
|
57
|
|
दमन और दीयु
|
34
|
119
|
74
|
|
9
|
दिल्ली
|
1,21,882
|
76,526
|
42,756
|
|
10
|
गोवा
|
1,558
|
1,889
|
2,135
|
|
11
|
गुजरात
|
40,569
|
50,467
|
49,470
|
|
12
|
हरियाणा
|
76,863
|
82,194
|
75,191
|
|
13
|
हिमाचल प्रदेश
|
7,346
|
6,222
|
3,896
|
|
14
|
जम्मू और कश्मीर
|
11,396
|
18,602
|
14,484
|
|
15
|
झारखंड
|
2,69,303
|
3,28,365
|
2,52,931
|
|
16
|
कर्नाटक
|
53,406
|
51,245
|
34,854
|
|
17
|
केरल
|
36,498
|
26,571
|
20,182
|
|
18
|
लद्दाख
|
505
|
324
|
152
|
|
19
|
लक्षद्वीप
|
0
|
1
|
14
|
|
20
|
मध्य प्रदेश
|
2,25,510
|
2,33,009
|
1,44,783
|
|
21
|
महाराष्ट्र
|
53,756
|
59,454
|
35,181
|
|
22
|
मणिपुर
|
62,635
|
99,062
|
50,281
|
|
23
|
मेघालय
|
2,371
|
2,754
|
3,083
|
|
24
|
मिज़ोरम
|
4,801
|
3,713
|
2,160
|
|
25
|
नागालैंड
|
4,603
|
5,012
|
6,429
|
|
26
|
ओडिशा
|
19,289
|
22,134
|
10,634
|
|
27
|
पुडुचेरी
|
621
|
616
|
309
|
|
28
|
पंजाब
|
60,361
|
65,513
|
47,995
|
|
29
|
राजस्थान
|
20,290
|
22,216
|
16,584
|
|
30
|
सिक्किम
|
1,074
|
901
|
716
|
|
31
|
तमिलनाडु
|
45,180
|
52,528
|
33,194
|
|
32
|
तेलंगाना
|
13,193
|
16,021
|
12,018
|
|
33
|
त्रिपुरा
|
9,964
|
10,303
|
5,259
|
|
34
|
उत्तर प्रदेश
|
29,079
|
22,732
|
19,097
|
|
35
|
उत्तराखंड
|
21,339
|
34,208
|
31,284
|
|
36
|
पश्चिम बंगाल
|
62,354
|
92,914
|
64,671
|
|
|
कुल
|
15,50,164
|
16,57,527
|
11,45,197
|
यह जानकारी विधि एवं न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज राज्यसभा में दी।
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पीके/केसी/एनएस
(रिलीज़ आईडी: 2206336)
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