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भारत स्टील 2026: श्री एचडी कुमारस्वामी ने वैश्विक इस्पात साझेदारी का निर्माण करने के लिए राजदूतों के साथ बैठक की


भारत ने विश्व को भारत स्टील 2026 में आमंत्रित किया: केंद्रीय मंत्री श्री एचडी कुमारस्वामी
वैश्विक इस्पात संबंधों का सुदृढ़ीकरण: राजदूतों ने भारत स्टील 2026 से पूर्व केन्द्री य इस्पा्त मंत्री से मुलाकात की

श्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में आयोजित राजदूतों की बैठक में भारत के इस्पात संबंधी विजन को वैश्विक आकार मिला

प्रविष्टि तिथि: 18 DEC 2025 8:45PM by PIB Delhi

केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री श्री एच.डी. कुमारस्वामी ने प्रमुख भागीदार देशों के राजदूतों और प्रतिनिधियों के साथ एक संवादमूलक बैठक में भाग लिया और उन्हें इस्पात मंत्रालय के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन-सह-प्रदर्शनी, भारत इस्पात 2026 में सक्रिय रूप से हिस्‍सा लेने के लिए आमंत्रित किया, जो अप्रैल 2026 में आयोजित होने वाला है।

इस संवादमूलक सत्र में वैश्विक इस्पात मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले देशों के राजदूतों और राजनयिक प्रतिनिधियों की अच्‍छी भागीदारी देखी गई। यह बैठक अंतरराष्ट्रीय सहयोग को गहरा करने और वैश्विक इस्पात उत्पादक एवं इस्पात उपभोक्ता देशों के साथ भारत की भागीदारी को सुदृढ़ करने के लिए मंत्रालय के प्रयासों का हिस्सा थी।

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केंद्रीय मंत्री श्री एचडी कुमारस्वामी ने सभा को संबोधित करते हुए राजदूतों का हार्दिक स्वागत किया और उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनकी भागीदारी भारत द्वारा विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाती है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत का इस्पात क्षेत्र आज देश के व्यापक आर्थिक परिवर्तन का प्रतिबिंब है और विकास, दृढ़ता और वैश्विक एकीकरण का एक मजबूत स्तंभ बनकर उभरा है।

श्री कुमारस्‍वामी ने रेखांकित किया कि भारत वर्तमान में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश है। यह स्थान निरंतर सुधारों, स्थिर निवेशों और आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और स्थिरता पर केंद्रित स्पष्ट दीर्घकालिक विजन के माध्यम से प्राप्त किया गया है। उन्होंने बताया कि इस्पात क्षेत्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 2.5 प्रतिशत का योगदान देता है और लगभग 28 लाख लोगों की आजीविका का आधार है। बुनियादी ढांचे के विस्तार, विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि और रक्षा एवं परिवहन जैसे रणनीतिक क्षेत्रों के कारण इस्पात क्षेत्र की मांग बढ़ रही है।

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केंद्रीय मंत्री श्री एच.डी. कुमारस्वामी ने राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 और प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत 2030 तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन क्षमता अर्जित करने की दिशा में निरंतर प्रगति कर रहा है और 2047 तक 500 मिलियन टन इस्पात उत्पादन का भी महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि ये उपलब्धियां भारत को वैश्विक इस्पात मूल्य श्रृंखलाओं से और अधिक एकीकृत करेंगी तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग के नए द्वार खोलेंगी।

केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की कि इसी पृष्ठभूमि में इस्पात मंत्रालय ने "भारत स्टील" नामक एक वार्षिक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन-सह-प्रदर्शनी को संस्थागत रूप देने का निर्णय लिया है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को सूचित किया कि इसका पहला संस्करण, भारत स्टील 2026, अप्रैल 2026 में नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा।

श्री कुमारस्वामी ने बताया कि भारत स्टील 2026 को एक वैश्विक मंच के रूप में परिकल्पित किया गया है, जो विश्‍व भर के नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के अग्रणी व्‍यक्तियों, निवेशकों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और खरीदारों को एकत्रित करेगा। इस आयोजन की प्रमुख विशेषता एक समर्पित रिवर्स बायर-सेलर बैठक होगी, जिसका उद्देश्य संरचित बी2बी जुड़ाव को सुगम बनाना और दीर्घकालिक साझेदारी को बढ़ावा देना है।

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उन्होंने कहा कि सम्मेलन इस्पात की खपत बढ़ाने, स्थिरता और चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, कच्चे माल की आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने, तकनीकी नवाचार को गति देने और क्षमता विस्तार के लिए निवेश को सक्षम बनाने पर केंद्रित होगा। इस आयोजन में भविष्य को परिभाषित करने वाले विषयों जैसे हरित इस्पात इकोसिस्‍टम, डिजिटल रूप से सक्षम इस्पात संयंत्र और खदानें, लाभकारीकरण और पेलेटाइजेशन के माध्यम से निम्न श्रेणी के अयस्कों का कुशल उपयोग, स्वच्छ ऊर्जा और गतिशीलता के लिए उन्नत इस्पात तथा चक्रीय इस्पात अर्थव्यवस्था की ओर बदलाव पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

श्री कुमारस्‍वामी ने राजदूतों और देश प्रतिनिधियों को अपने-अपने देशों से, विशेष रूप से उद्योग जगत के अग्रणी व्‍यक्तियों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने भागीदार देशों को कंट्री राउंडटेबल में भाग लेने और भारत स्टील 2026 में भागीदार देशों के रूप में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया। उन्‍होंने कहा कि इस तरह की भागीदारी इस्पात क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग और दीर्घकालिक साझेदारी को और सुदृढ़ करेगी।

संवादमूलक सत्र का समापन करते हुए श्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि मजबूत अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और समर्थन से भारत स्टील 2026 इस्पात उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक वैश्विक आयोजन के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि मंत्रालय अप्रैल 2026 में नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत करने के लिए उत्सुक है, जिसकी परिकल्‍पना वैश्विक इस्पात सहयोग के भविष्य को आकार देने वाले एक निर्णायक मंच के रूप में की गई है।

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पीके/केसी/एसकेजे/एम


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