इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
एआई प्रतिभा हासिल करने में भारत दुनिया में सबसे आगे, एआई कौशल पैंठ में शीर्ष देशों में शामिल
वैश्विक आकलन एआई प्रतिभा और अवसंरचना में भारत की बढ़ती ताकत को दिखाते हैं
प्रविष्टि तिथि:
19 DEC 2025 8:18PM by PIB Delhi
भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) रणनीति सबको प्रौद्योगिकी सुलभ कराने के माननीय प्रधानमंत्री के विज़न पर आधारित है। इसका उद्देश्य भारत-केंद्रित चुनौतियों का समाधान करना और एआई में अवसरों और नौकरियों का सृजन करना है।
भारत का बढ़ता एआई प्रतिभा आधार
एआई से जुड़ी नौकरियां आईटी, विनिर्माण, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, शासन आदि जैसे विविध क्षेत्रों में फैली हुई हैं। जैसे-जैसे इन क्षेत्रों में एआई को अपनाने की प्रक्रिया गहन हो रही है, कुशल पेशेवरों की मांग भी बढ़ रही है।
भारत सरकार ने इसे स्वीाकार किया है और अपनी एआई पहलों को इसी दिशा में आगे बढ़ाया है। यह भारत के एआई कार्यबल के बारे में वैश्विक आकलन में भी दृष्टिगोचर होता है।
स्टैनफोर्ड एआई सूचंकाक रिपोर्ट 2025 के अनुसार, भारत:
- लगभग 33% वार्षिक भर्ती दर के साथ एआई प्रतिभा प्राप्त करने में दुनिया में सबसे आगे है
- एआई कौशल पैंठ में वैश्विक स्तर पर शीर्ष देशों में शामिल है
- 2016 से एआई प्रतिभा सार में तीन गुना से अधिक वृद्धि देखी गई है
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी टूल में भारत ऐसे शीर्ष तीन देशों में शामिल है, जो एआई प्रतिभा और अवसंरचना में उसकी बढ़ती मजबूती को दर्शाता है।
उद्योग के अनुमानों के अनुसार, भारत का एआई प्रतिभा आधार 2027 तक दोगुने से भी अधिक होने की उम्मीद है, जो लगभग 15% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ेगा।
भारत का बढ़ता हुआ एआई प्रतिभा आधार ग्लोबल डेवलपर भागीदारी में भी परिलक्षित होता है। भौगोलिक वितरण के अनुसार एआई परियोजनाओं के बारे में गिटहब के वैश्विक आँकड़ों के अनुसार, 2024 में भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता था, जो सभी एआई परियोजनाओं का 19.9% है।
यह भारत के एआई डेवलपर इकोसिस्टम की गहराई को दर्शाता है। साथ ही, यह इंडिया एआई मिशन के तहत बड़े पैमाने पर एआई कौशल विकास, अनुसंधान और नवाचार पर सरकार के फोकस को भी प्रमाणित करता है।
एआई टैलेंट पाइपलाइन के विकास में मदद करने वाली भारत सरकार की विभिन्न पहलें निम्नलिखित हैं:
इंडिया एआई फ्यूचरस्किल्स
यह इंडिया एआई मिशन के स्तंभों में से एक है, जिसमें एआई प्रतिभा और अनुसंधान पाइपलाइन के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है
- सरकार एआई से संबंधित कार्यों के लिए 500 पीएचडी शोधार्थियों, 5,000 स्नातकोत्तर और 8,000 स्नातक छात्रों को सहायता प्रदान कर रही है।
- एनआईईएलआईटी के माध्यम से टियर-2 और टियर-3 शहरों में 27 इंडिया एआई डेटा और एआई लैब्स स्थापित की गई हैं, जहाँ एआई, डेटा क्यूरेशन, एनोटेशन, क्लीनिंग और एप्लाइड डेटा साइंस में पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं।
- 27 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित 174 आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों को अतिरिक्त इंडिया एआई डेटा और एआई लैब्स स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है।
2.फ्यूचरस्किल्स प्राइम
- सरकार, नैसकॉम के सहयोग से, आज के तेज़ी से विकसित हो रहे डिजिटल परिदृश्य में शिक्षार्थियों को आवश्यक अत्याधुनिक कौशलों—जैसे एआई, बिग डेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग से सशक्त बना रही है।
- इस प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध पाठ्यक्रम राष्ट्रीय व्यवसायिक मानकों (एनओएस) और राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा (एनएसक्यूएफ) के अनुरूप हैं।
- प्लेटफ़ॉर्म पर 500 से अधिक पाठ्यक्रम और 2000 से अधिक डिजिटल फ्लुएंसी पाथवे उपलब्ध हैं। अब तक 16.29 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में नामांकन कराया/ प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
3. आईगॉट कर्मयोगी भारत प्लेटफ़ॉर्म
- यह मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत सरकारी अधिकारियों की क्षमता निर्माण के लिए एक डिजिटल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म के रूप में शुरू किया गया है।
- इस प्लेटफ़ॉर्म पर एआई, डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल परिवर्तन जैसे उभरते क्षेत्रों में ऑनलाइन पाठ्यक्रम और प्रमाणन उपलब्ध कराए जाते हैं।
4. राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस):
- यह श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित एक वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जो सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के लिए रोजगार के अवसर तथा जॉब-मैचिंग सेवाएँ प्रदान करता है।
- इस प्लेटफ़ॉर्म पर करियर परामर्श, रोजगार मेलों की जानकारी, कौशल विकास कार्यक्रम और व्यावसायिक मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जाता है।
- यह पोर्टल www.ncs.gov.in.पर उपलब्ध है
इसके अतिरिक्त, व्यापक-स्तर पर जागरूकता और एआई की बुनियादी साक्षरता विकसित करने के उद्देश्य से “युवा एआई फॉर ऑल” नामक एक निःशुल्क राष्ट्रीय-स्तरीय आधारभूत पाठ्यक्रम भी शुरू किया गया है।
नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल रूप से सुसज्जित प्रतिभा पूल है और उसके पास 2030 तक एआई-संबंधित सेवाओं में 8-10 मिलियन पेशेवरों को पुनःकुशल बनाने और तैयार करने की क्षमता है।
सरकार एआई कौशल और कार्यबल विकास के लिए संपूर्ण सरकार दृष्टिकोण अपना रही है। इंडिया एआई मिशन और संबंधित प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से, सरकार मंत्रालयों, राज्य सरकारों, शैक्षिक संस्थानों और उद्योग के साथ मिलकर एआई कौशलों का निर्माण कर रही है।
यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने 19.12.2025 को राज्यसभा में प्रस्तुत की।
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पीके/केसी/आरके
(रिलीज़ आईडी: 2206884)
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