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पीएफआरडीए (एनपीएस के तहत निकास और प्रत्‍याहरण) विनियम, 2015 में प्रमुख संशोधन


संशोधन मुख्य रूप से गैर-सरकारी क्षेत्र के प्रति लक्षित हैं, साथ ही सरकारी क्षेत्र के प्रावधानों को भी तर्कसंगत बनाते हैं

इन उपायों का उद्देश्य अभिदाताओं को निवेश से जुड़े उनके निर्णयों में अधिक लचीलापन, विकल्प और स्वायत्तता प्रदान करना तथा संचित पेंशन निधि के प्रबंधन में सहायता देना है

प्रविष्टि तिथि: 19 DEC 2025 8:16PM by PIB Delhi

वृ‍द्धावस्‍था में आय संबंधी सुरक्षा को बढ़ावा देने और अभिदाताओं के हितों की रक्षा करने के दायित्‍व को आगे बढ़ाते हुए, पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने आज पीएफआरडीए (राष्‍ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत निकास और प्रत्‍याहरण) विनियमन, 2015 में संशोधनों को अधिसूचित किया है।

ये संशोधन मुख्य रूप से गैर सरकारी क्षेत्र (सर्व नागरिक मॉडल:और कॉर्पोरेट क्षेत्र) के लिए हैं, जो सामान्‍य योजना और बहु योजना ढाँचों (एमएसएफ),दोनों पर समान रूप से लागू होते हैं, साथ ही सरकारी क्षेत्र के लिए कुछ प्रावधानों को भी तर्कसंगत बनाया गया है। हितधारक के साथ व्‍यापक परामर्श करने के बाद इन उपायों को अंतिम रूप दिया गया है। इन उपायों का उद्देश्‍य अभिदाता को निवेश के फैसलों और अपनी संचित पेंशन निधि का प्रबंधन करने में ज़्यादा लचीलापन,विकल्‍प और स्‍वायत्‍ता देना है, यह मानते हुए कि गैर सरकारी एनपीएस में भागीदारी स्‍वैच्छिक है। आशा है कि निकास के स्‍पष्‍ट और व्‍य‍वस्थित रूप से दिए गए प्रावधानों से अभिदाता योजना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित होंगे और जीवन चक्र के विभिन्न चरणों में उनकी आवश्यकताओं और पेंशन के उद्देश्यों के संतुलन के माध्यम से उनकी भागीदारी बनी रहेगी।

कुल मिलाकर, ये संशोधन अभिदाता की बदलती ज़रूरतों को दिखाते हैं और साथ ही दीर्घकालिक सेवानिवृत्ति आय से संबंधित सुरक्षा को सुरक्षित रखते हुए एनपीएस को ज़्यादा समावेशी, उत्‍तरदायी और अभिदाताओं के अनुकूल बनाने की कोशिश करते हैं। जिन प्रमुख क्षेत्रों को संशोधित किया गया है, वे नीचे एक तुलनात्मक तालिका के रूप में रेखांकित किए गए हैं:

क्रम.सं.

पूर्व व्‍यवस्‍था

संशोधित व्‍यवस्‍था

I. गैर-सरकारी क्षेत्र (सर्व नागरिक मॉडल और कॉर्पोरेट क्षेत्र)

परिवर्तन सामान्य योजनाओं (सीएस) और बहु-योजना ढाँचों (एमएसएफ) पर समान रूप से लागू होंगे

 

परिबंधन अवधि या लॉक-इन पीरियड

1

सर्व नागरिक मॉडल:

समय पूर्व निकास का पात्र होने की न्यूनतम परिबंधन अवधि → 5 वर्ष

सर्व नागरिक मॉडल (सीएस और एमएसएफ):

न्यूनतम परिबंधन या लॉक-इन अवधि हटा दी गई

 

सामान्‍य निकास

2

सर्व नागरिक मॉडल:

वेस्टिंग पीरियड सामान्य निकास के लिए पात्र होने तक की आयु 60 वर्ष तक

सर्व नागरिक मॉडल (सीएस और एमएसएफ):

वेस्टिंग पीरियड → 15 वर्ष अथवा 60 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो)

3

कॉर्पोरेट क्षेत्र:

वेस्टिंग पीरियड → सेवानिवृत्ति/ सुपरएन्यूएशन की आयु तक

कॉर्पोरेट क्षेत्र (सीएस और एमएसएफ):

वेस्टिंग पीरियड → सेवानिवृत्ति/ सुपरएन्यूएशन की आयु तक

(कोई बदलाव नहीं)

4

सर्व नागरिक मॉडल एवं कॉर्पोरेट क्षेत्र:

60% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 40% वार्षिकी

सर्व नागरिक मॉडल एवं कॉर्पोरेट क्षेत्र (सीएस और एमएसएफ):

80% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 20% वार्षिकी

5

सर्व नागरिक मॉडल एवं कॉर्पोरेट क्षेत्र:

कुल निधि 5 लाख रुपये या उससे कम है → 100% एकमुश्त भुगतान

सर्व नागरिक मॉडल एवं कॉर्पोरेट क्षेत्र (सीएस और एमएसएफ):

क) कुल निधि 8 लाख रुपये या उससे कम है :

100% एकमुश्त भुगतान या एसएलडब्ल्यू या एसयूआर

(या)

80% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 20% वार्षिकी

ख ) कुल निधि 8 लाख रुपये से अधिक और 12 लाख रुपये तक है :

6 लाख रुपये तक का एकमुश्त भुगतान और बकाया राशि कम से कम 6 वर्षों तक एसयूआर के रूप में या वार्षिकी

(या)

80% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 20% वार्षिकी

ग) कुल निधि 12 लाख रुपये से अधिक है :

80% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 20% वार्षिकी

 

समय पूर्व निकास

6

सर्व नागरिक मॉडल एवं कॉर्पोरेट क्षेत्र:

20% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 80% वार्षिकी

सर्व नागरिक मॉडल एवं कॉर्पोरेट क्षेत्र (सीएस और एमएसएफ):

20% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 80% वार्षिकी

(कोई बदलाव नहीं)

7

सर्व नागरिक मॉडल एवं कॉर्पोरेट क्षेत्र:

कुल निधि 2.5 लाख रुपये या उससे कम है → 100% एकमुश्त भुगतान

सर्व नागरिक मॉडल एवं कॉर्पोरेट क्षेत्र (सीएस और एमएसएफ):

क) कुल निधि 5 लाख रुपये या उससे कम है :

100% एकमुश्त भुगतान या एसएलडब्ल्यू या एसयूआर

(या)

20% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 80% वार्षिकी

ख) कुल निधि 5 लाख रुपये से अधिक है

20% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 80% वार्षिकी

 

मृत्‍यु के कारण निकास

8

सर्व नागरिक मॉडल एवं कॉर्पोरेट क्षेत्र:

100% एकमुश्त भुगतान; अगर चाहें तो वार्षिकी का विकल्‍प भी है

सर्व नागरिक मॉडल एवं कॉर्पोरेट क्षेत्र (सीएस और एमएसएफ):

100% एकमुश्त भुगतान; अगर चाहें तो वार्षिकी का विकल्‍प भी है

(कोई बदलाव नहीं)

इसके अलावा, एसएलडब्ल्यू या एसयूआर लेने का विकल्‍प भी है

II. 60 वर्ष की आयु के बाद एनपीएस में शामिल होने वाले व्‍यक्ति (सर्व नागरिक मॉडल)

 

सामान्‍य निकास

9

वेस्टिंग पीरियड → सामान्य निकास के पात्र होने के लिए 3 वर्ष

वेस्टिंग पीरियड हटा दिया गया

10

60% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 40% वार्षिकी

80% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 20% वार्षिकी

11

कुल निधि 5 लाख रुपये या उससे कम है → 100% एकमुश्त भुगतान

क) कुल निधि 12 लाख रुपये या उससे कम है

100% एकमुश्त भुगतान या एसएलडब्ल्यू या एसयूआर.

(या)

80% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 20% वार्षिकी

ख) कुल निधि 12 लाख से अधिक है:

80% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 20% वार्षिकी

 

समय से पूर्व निकास

12

20% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 80% वार्षिकी

वेस्टिंग पीरियड हटा लिए जाने के कारण लागू नहीं

 

मृत्‍यु के कारण निकास

13

100% एकमुश्त भुगतान की इजाज़त है; यदि चाहें तो वार्षिकी का विकल्‍प भी है

100% एकमुश्त भुगतान की इजाज़त है; यदि चाहें तो वार्षिकी का विकल्‍प भी है (कोई बदलाव नहीं)

इसके अलावा एसएलडब्ल्यू या एसयूआर लेने का विकल्‍प भी है

III. सरकारी क्षेत्र

 

सामान्‍य निकास

14

60% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 40% वार्षिकी

60% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 40% वार्षिकी;

(कोई बदलाव नहीं)

15

कुल निधि 5 लाख रुपये या उससे कम है → 100% एकमुश्त भुगतान

क) कुल निधि 8 लाख रुपये या उससे कम है :

100% एकमुश्त भुगतान या एसएलडब्ल्यू या एसयूआर

(या)

60% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 40% वार्षिकी

ख) कुल निधि 8 लाख रुपये से अधिक और 12 लाख रुपये तक है :

 

6 लाख रुपये तक एकमुश्‍त भुगतान और शेष राशि कम से कम 6 वर्षों तक एसयूआर के रूप में

(या)

60% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 40% वार्षिकी

ग) कुल निधि 12 लाख रूपये से अधिक है :

60% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 40% वार्षिकी

 

 

समय से पूर्व निकास

16

20% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 80% वार्षिकी

20% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 80% वार्षिकी; (कोई बदलाव नहीं)

17

कुल निधि 2.5 लाख रुपये या उससे कम है → 100% एकमुश्त भुगतान

 

क) कुल निधि 5 लाख रुपये या उससे कम है :

100% एकमुश्त भुगतान या एसएलडब्ल्यू या एसयूआर

(या)

20% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 80% वार्षिकी

ख) कुल निधि 5 लाख रुपये से अधिक:

20% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 80% वार्षिकी

 

मृत्‍यु के कारण निकास

18

20% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 80% वार्षिकी

20% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 80% वार्षिकी (कोई बदलाव नहीं)

19

कुल निधि 5 लाख रुपये या उससे कम है → 100% एकमुश्त भुगतान

क) कुल निधि 8 लाख रुपये या उससे कम:

100% एकमुश्त भुगतान या एसएलडब्ल्यू या एसयूआर

(या)

20% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 80% वार्षिकी

ख) कुल निधि 8 लाख रुपये से अधिक और 12 लाख रुपये तक है:

6 लाख रुपये तक एकमुश्त भुगतान और शेष राशि कम से कम 6 वर्षों तक एसयूआर के रूप में या वार्षिकी

(या)

20% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 80% वार्षिकी

ग) कुल निधि 12 लाख रुपये से अधिक है :

20% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 80% वार्षिकी

IV. अन्‍य बदलाव

 

प्रवेश और निकास की आयु

20

अधिकतम प्रवेश आयु 70 वर्ष तक; निकास 75 वर्ष की आयु तक

प्रवेश और निकास की आयु 85 वर्ष तक बढ़ा दी गई है

 

स्वचालित निरंतरता

21

अभिदाता निरंतरता के लिए 60 वर्ष / या सुपरएन्यूएशन से 15 दिन पहले (सरकारी) या वार्षिकी को स्‍थगित करने और/या एकमुश्‍त भुगतान (सरकारी और गैर सरकारी )के लिए सूचित करेगा

सभी क्षेत्रों में 15 दिन पहले जानकारी देने की ज़रूरत हटा दी गई है, इसलिए अभिदाता स्‍वत: रूप से एनपीएस जारी रख सकते हैं।

 

विशिष्ट प्रयोजन योजना

22

-

क. एनपीएस के तहत ‘विशिष्ट प्रयोजन योजनाओं’ के लिए निकास/प्रत्‍याहरण प्रावधानों को सक्षम करने वाला नया विनियमन।

 

ख.ऐसी प्रत्‍येक योजना को प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक नियंत्रित किया जाएगा।

 

पेंशन निधि की एवज में वित्‍तीय सहायता

23

एनपीएस लाभों का समर्पण या गिरवी रखा जाना अमान्य होगा, सिवाय उन मामलों के जहां एनपीएस ट्रस्ट द्वारा अनुमति दी गई हो।

क. अभिदाता नियंत्रित वित्तीय संस्थान से वित्तीय सहायता मांग सकता है और ऋणदाता अभिदाता के व्यक्तिगत पेंशन खाते पर उसके स्‍वयं के योगदान के 25% तक का लीएन या चार्ज लगा सकता है (यानी आंशिक प्रत्‍याहरण सीमा के भीतर)।

a. ख.प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक नियंत्रित किया जाएगा।

 

आंशिक प्रत्‍याहरण की आवृत्ति

24

अभिदान की अवधि के दौरान (यानी निकास से पहले) →

क. आवृत्ति : 3 बार

ख. दो प्रत्‍याहरणों के बीच अंतराल निर्धारित नहीं है

i) 60 वर्ष की आयु / सुपरएन्यूएशन से पहले

(जो भी बाद में हो):

क.आवृत्ति : 4 बार

ख.अंतराल: दो प्रत्‍याहरणों के बीच 4 साल

ii) 60 वर्ष की आयु / सुपरएन्यूएशन के बाद

(जो भी बाद में हो):

क.आवृत्ति : लागू नहीं

ख.अंतराल: दो प्रत्‍याहरणों के बीच 3 साल

 

आंशिक प्रत्‍याहरण का प्रयोजन

25

अगर अभिदाता के पास पहले से कोई घर नहीं है (पैतृक संपत्ति के अलावा) तो रहने की जगह खरीदने या बनाने की इजाज़त है।

कोई बदलाव नहीं, लेकिन साथ ही यह भी साफ़ किया कि यह प्रत्‍याहरण सिर्फ एक बार हो

विनिर्दिष्‍ट बीमारी का इलाज विनिर्दिष्‍ट गंभीर बीमारियों की पूरी सूची तक सीमित है (अभिदाता/ पति/पत्नी/बच्चे/ माता-पिता के लिए)

बिना किसी विनिर्दिष्‍ट सूची के मेडिकल इलाज/हॉस्पिटल में भर्ती होने को भी शामिल किया गया (अभिदाता/ पति/पत्नी/बच्चे/ माता-पिता के लिए)

कौशल विकास, पुनःकौशल विकास और आत्म-विकास संबंधी गतिविधियाँ (अभिदाता के लिए)

हटा दिया गया है

स्‍टार्टअप या अपना उद्यम लगाने के लिए (अभिदाता के लिए)

हटा दिया गया है

नया प्रयोजन

नया प्रयोजन जोड़ा गया: एनपीएस खाते पर नियंत्रित वित्‍तीय संस्‍था से लिए गए लियन/चार्ज के बदले अभिदाता के वित्‍तीय दायित्‍व का निपटान

V. एनपीएस-लाइट

 

सामान्‍य निकास

26

60% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 40% वार्षिकी

60% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 40% वार्षिकी; (कोई बदलाव नहीं)

27

कुल निधि 1 लाख रुपये या उससे कम है → 100% एकमुश्त भुगतान

क) कुल निधि 2 लाख रुपये या उससे कम है :

100% एकमुश्त भुगतान (या)

60% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 40% वार्षिकी

ख) कुल निधि 2 लाख रुपये से अधिक है:

60% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 40% वार्षिकी

 

समय से पूर्व निकास

28

20% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 80% वार्षिकी

20% तक एकमुश्त भुगतान;

कम से कम 80% वार्षिकी; (कोई बदलाव नहीं)

29

कुल निधि 1 लाख रुपये या उससे कम है → 100% एकमुश्त भुगतान

क) कुल निधि 2 लाख रुपये या उससे कम :

100% एकमुश्त भुगतान (या)

20% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 80% वार्षिकी

ख) कुल निधि 2 लाख रुपये से अधिक:

20% तक एकमुश्त भुगतान और कम से कम 80% वार्षिकी

 

मृत्‍यु के कारण निकास

30

100% एकमुश्त भुगतान की इजाज़त है; अगर चाहें तो वार्षिकी का विकल्‍प भी है।

100% एकमुश्त भुगतान की इजाज़त है; अगर चाहें तो वार्षिकी का विकल्‍प भी है। (कोई बदलाव नहीं)

 

 

नोट 1:

  1. सामान्‍य निकास → निकास होने पर,
  1. अभिदान के 15 वर्ष पूर्ण करने या 60 वर्ष की आयु होने पर (जो भी पहले हो) (सर्व नागरिक मॉडल);
  2. सुपरएन्यूएशन/सेवानिवृत्ति (सरकारी और कार्पोरेट क्षेत्र)
  1. वेस्टिंग पीरियड सामान्य निकास का पात्र होने के लिए आवश्यक अभिदान अवधि
  2. समय पूर्व निकास वेस्टिंग पीरियड पूरा होने से पहले निकास
  3. परिबंधन अवधि या लॉक-इन पीरियड → समय पूर्व निकास के लिए पात्र होने के लिए आवश्यक अभिदान अवधि
  4. एसएलडब्‍ल्‍यू → व्‍यवस्थित एकमुश्‍त प्रत्‍याहरण
  5. एसयूआर → व्‍यवस्थित इकाई प्रत्‍याहरण

नोट 2:

उपरोक्त सारणीबद्ध परिवर्तन कुछ मुख्य प्रमुख संशोधनों (संकेतात्मक, लेकिन पूर्ण नहीं) को दर्शाते हैं, जो निकास विनियमों में किए गए हैं। पूर्ण विवरण और सभी परिवर्तनों के लिए, @ https://www.pfrda.org.in/ पीएफआरडीए (एनपीएस के तहत निकास और प्रत्‍याहरण) (संशोधन) विनियमन, 2025 का संदर्भ लिया जा सकता है।

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पीके/केसी/आरके


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