लोकसभा सचिवालय
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स्वदेशी विचार आत्म-निर्भर भारत का सार है: लोकसभा अध्यक्ष


नैतिकता, अनुशासन और आत्म-नियंत्रण सशक्त शख्सियत और सशक्त समाज की मूलभूत नींव हैं: लोकसभा अध्यक्ष

योग और विज्ञान का संगम पारंपरिक और आधुनिक ज्ञान का समृद्ध

मिश्रण है: लोकसभा अध्यक्ष

लोकसभा अध्यक्ष ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय जन मंगल सम्मेलन को संबोधित किया

प्रविष्टि तिथि: 12 DEC 2025 8:00PM by PIB Delhi

लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय जन मंगल सम्मेलन को संबोधित किया। अंतर्मना धार्मिक ट्रस्ट और पतंजलि योगपीठ ने संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें आध्यात्मिक संत, विद्वान और योग चिकित्सक शामिल हुए।

इस अवसर पर श्री बिरला ने कहा कि स्वदेशी विचारधारा आत्म-निर्भर भारत का सार है और प्रत्येक नागरिक को इसे अपने दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपवास, योग, ध्यान और स्वदेशी सिद्धांत ऐसे शक्तिशाली अभ्यास हैं जो जीवन में संयम, संतुलन और आंतरिक शक्ति प्रदान करते हैं।

श्री बिरला ने महीने में एक दिन उपवास रखने का भी संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि उपवास महज एक धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्म-अनुशासन विकसित करने का एक साधन है। उन्होंने कहा कि नैतिकता, अनुशासन और आत्म-नियंत्रण सशक्त शख्सियत और सशक्त समाज की मूलभूत नींव हैं। उन्होंने सादगी, अपरिग्रह और त्याग की परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये मूल्य लोगों को आंतरिक शांति और अधिक सामाजिक उत्तरदायित्व की ओर मार्गदर्शन करते हैं।

श्री बिरला ने समाज के प्रति योग गुरु बाबा रामदेव के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि बाबा रामदेव ने भारत सहित विश्व भर में हर घर में योग पहुंचाया है। उन्होंने यह भी कहा कि बाबा रामदेव का कार्य पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विद्या का सशक्त संगम है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जन-मंगल की भावना समाज में सद्भाव, सहयोग और परोपकार को बढ़ावा देती है और इस प्रकार राष्ट्र निर्माण में योगदान देती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन से उभरने वाले विचार समाज में नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार करेंगे। उन्होंने कहा कि संतों, विद्वानों और योग चिकित्सकों से प्राप्त मार्गदर्शन लोगों को सकारात्मक और रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

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पीके/केसी/एके/एसएस


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