पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
सर्बानंद सोनोवाल ने गुवाहाटी संवाद में कहा, असम पूर्वोत्तर विकास के प्रवेश द्वार के रूप में उभरा है
सर्बानंद सोनोवाल ने उद्यमियों से पूर्वोत्तर क्षेत्र की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति, सुदृढ़ होते बुनियादी ढांचे तथा निरंतर बढ़ती कनेक्टिविटी का लाभ उठाने का आह्वान किया
सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीता हुआ एक दशक ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में एक ऐतिहासिक परिवर्तन का प्रतीक रहा है”
प्रविष्टि तिथि:
23 DEC 2025 9:41PM by PIB Delhi
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री (एमओपीएसडब्ल्यू) सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि असम, भारत की एक्ट ईस्ट नीति के अंतर्गत एक क्षेत्रीय विकास केंद्र के रूप में उभरने के लिए विशिष्ट रूप से अनुकूल स्थिति में है। उन्होंने उद्यमियों से पूर्वोत्तर क्षेत्र में समावेशी विकास को गति देने तथा विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में प्रगति को सक्षम बनाने के लिए राज्य की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति, सुदृढ़ कनेक्टिविटी और सशक्त शासन सुधारों का प्रभावी उपयोग करने का आग्रह किया।
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुवाहाटी में आयोजित दूसरे गुवाहाटी संवाद में मुख्य भाषण देते हुए कहा कि भारत दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ आर्थिक व लॉजिस्टिक्स एकीकरण को निरंतर गहरा कर रहा है। ऐसे परिदृश्य में असम, नेपाल से लेकर म्यांमार तक फैले लगभग 80 करोड़ लोगों की आबादी वाले व्यापक बाजार की आवश्यकताओं को प्रभावी रूप से पूरा करने की क्षमता रखता है।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि आज असम एक अद्वितीय भौगोलिक संगम पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के मार्गदर्शन के तहत असम, नेपाल से लेकर म्यांमार तक फैले लगभग 80 करोड़ लोगों के व्यापक बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। मैं उद्यमियों से इस ऐतिहासिक अवसर का लाभ उठाने और असम को क्षेत्रीय विकास का प्रवेश द्वार बनाने का आह्वान करता हूं।
श्री सोनोवाल ने भारत की विकास यात्रा पर विचार करते हुए कहा कि देश की स्वतंत्रता के 76 वर्षों के इतिहास में पिछले 11 साल एक निर्णायक काल के रूप में उभरे हैं, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में व्यापक संरचनात्मक सुधारों, नवाचार और जन-केंद्रित शासन से चिह्नित रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “देश की स्वतंत्रता के 76 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते 11 साल वास्तव में परिवर्तनकारी सिद्ध हुए हैं। नवोन्मेषी नीतियों, सुदृढ़ सुशासन और समयबद्ध कार्यान्वयन के माध्यम से गंगटोक व आइजोल जैसे कभी हाशिए पर रहे शहरों को प्रभावी रूप से आपस में जोड़ा गया है, जिससे न केवल जीवन यापन में सुगमता आई है बल्कि जन-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से नागरिकों का विश्वास भी सुदृढ़ हुआ है।”
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के साथ प्रधानमंत्री की निरंतर एवं सक्रिय भागीदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि श्री मोदी ने इस क्षेत्र का 70 से अधिक बार दौरा किया है। उन्होंने कहा कि इन यात्राओं से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना के अनुरूप राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में राष्ट्रीय एकता तथा साझा उत्तरदायित्व की भावना को सशक्त बल मिला है।
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने वर्ष 2047 की ओर दृष्टिगोचर होते कहा कि विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों की प्राप्ति आधुनिक, समावेशी एवं सभ्यतागत मूल्यों पर आधारित विकास के माध्यम से ही संभव है। उन्होंने गुरुजना के नाम से प्रसिद्ध श्रीमंत शंकरदेव की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सामूहिक कल्याण और समग्र विकास के संदर्भ में उनकी विचारधारा आज भी अत्यंत प्रासंगिक है।
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “2047 तक ‘विकसित भारत’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में आगे बढ़ते हुए भी हमारा विकास सभ्यतागत मूल्यों पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरुजना श्रीमंत शंकरदेव की सामूहिक कल्याण की शिक्षाओं से लेकर ‘जल ही जीवन का मार्ग है’ की परिकल्पना के अंतर्गत स्वच्छ जलमार्गों पर हमारे केंद्रित प्रयासों तक—यह ऐसा विकास है जो समाज को एकजुट करता है, स्थिरता सुनिश्चित करता है और नागरिकों को सशक्त बनाता है।”
केंद्रीय मंत्री ने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के जनादेश का हवाला देते हुए कहा कि प्रदूषण मुक्त अंतर्देशीय जलमार्ग, पर्यावरणीय स्थिरता व आर्थिक दक्षता के लिए केंद्रीय महत्व रखते हैं। उन्होंने हुए कहा, “जलमार्ग केवल परिवहन गलियारे नहीं हैं, बल्कि जीवन शैली का एक अभिन्न हिस्सा हैं।”
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने अपने संबोधन का समापन उद्योग जगत के नेताओं, स्टार्टअप्स और निवेशकों से असम के विकास में सक्रिय भागीदारी का आह्वान करते हुए किया। उन्होंने कहा कि नीतिगत नवाचार, कनेक्टिविटी के विस्तार और सुशासन के संगम ने दीर्घकालिक क्षेत्रीय समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है।



पीके/केसी/एनके
(रिलीज़ आईडी: 2208055)
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