आयुष
पारंपरिक औषधियों पर संयुक्त अनुसंधान
प्रविष्टि तिथि:
19 DEC 2025 9:28PM by PIB Delhi
मंत्रालय ने आयुष में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना (आईसी योजना) विकसित की है। इसके तहत आयुष मंत्रालय भारतीय आयुष दवा निर्माताओं/आयुष सेवा प्रदाताओं को आयुष उत्पादों और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सहायता प्रदान करता है; आयुष चिकित्सा प्रणाली के अंतरराष्ट्रीय प्रचार, विकास और मान्यता को सुविधाजनक बनाता है; अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुष के हितधारकों की बातचीत और बाजार विकास को बढ़ावा देता है; विदेशी देशों में आयुष अकादमिक चेयर की स्थापना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुष चिकित्सा प्रणालियों के बारे में जागरूकता और रुचि को बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला/संगोष्ठियों का आयोजन करके शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देता है। आयुष मंत्रालय आईसी योजना के माध्यम से विदेशों में प्रतिष्ठित संस्थानों/विश्वविद्यालयों; अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और संयुक्त राष्ट्र निकायों जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ आयुष अनुसंधान और विकास/शिक्षण और अन्य सहयोग को भी प्रायोजित करता है।
आयुष मंत्रालय का डब्ल्यूएचओ के साथ निम्नलिखित सहयोग है:-
- गुजरात के जामनगर में डब्ल्यूएचओ-ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर (जीटीएमसी) स्थापित करने के लिए डब्ल्यूएचओ के साथ समझौता किया गया है। इस सेंटर का उद्देश्य डब्ल्यूएचओ की पारम्परिक औषधि रणनीति (2014-23) को लागू करने में सहायता देना और देशों को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की यात्रा के हिस्से के रूप में पारम्परिक औषधि की भूमिका को मजबूत करने के लिए नीतियां और कार्य योजनाएं विकसित करने में सहायता देना है। भारत डब्ल्यूएचओ-जीटीएमसी जैसी पहल के माध्यम से खुद को पारम्परिक औषधि में अग्रणी वैश्विक राष्ट्र के रूप में स्थापित कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ साझेदारी में स्थापित यह केंद्र पारम्परिक औषधि को बढ़ावा देने और उस पर अनुसंधान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह वैश्विक स्तर पर साक्ष्य-आधारित पारंपरिक, पूरक और एकीकृत औषधि (टीसीआईएम) के लिए प्रमुख ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह दुनिया भर में पारम्परिक औषधि के लिए वैश्विक आउट पोस्टेड सेंटर (कार्यालय) है जिसके निम्नलिखित मुख्य उद्देश्य हैं:
- दुनिया भर में पारम्परिक औषधि (टीएम) प्रणालियों को स्थापित करना।
- पारम्परिक औषधि से संबंधित वैश्विक स्वास्थ्य मामलों पर नेतृत्व प्रदान करना।
- पारम्परिक औषधि की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभाव क्षमता, पहुंच और तर्कसंगत उपयोग सुनिश्चित करना।
- डेटा एकत्र करने, विश्लेषण करने और प्रभाव का आकलन करने के लिए प्रासंगिक तकनीकी क्षेत्रों, उपकरणों और कार्यप्रणाली में मानदंड, मानक और दिशानिर्देश विकसित करना। डब्ल्यूएचओ पारम्परिक औषधि (टीएम) इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर मौजूदा पारम्परिक औषधि (टीएम) डेटा बैंकों, वर्चुअल पुस्तकालयों और शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों का सहयोगी समूह बनाने की कल्पना करता है।
- उद्देश्यों से संबंधित क्षेत्रों में विशिष्ट क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करना और परिसर में, आवासीय या वेब-आधारित, और डब्ल्यूएचओ अकादमी और अन्य रणनीतिक भागीदारों के साथ साझेदारी के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
- आयुर्वेद और यूनानी के प्रशिक्षण और अभ्यास के लिए बेंचमार्क डॉक्यूमेंट 13 मई, 2016 को डब्ल्यूएचओ के साथ हस्ताक्षर किए गए परियोजना सहयोग समझौते के नतीजे के तौर पर 2022 में प्रकाशित किया गया।
- डब्ल्यूएचओ और आयुष मंत्रालय के बीच स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में पारंपरिक और पूरक चिकित्सा को एकीकृत करने के लिए परियोजना सहयोग समझौते के नतीजे के तौर पर डब्ल्यूएचओ द्वारा आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध में टर्मिनोलॉजी डॉक्यूमेंट प्रकाशित किया गया।
- आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के बीच 24 मई, 2025 को समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ हेल्थ इंटरवेंशन (आईसीएचआई) के लिए पारंपरिक चिकित्सा हस्तक्षेप श्रेणियों और सूचकांक को विकसित करना था, जिसमें आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों पर समग्र दृष्टिकोण और ध्यान दिया गया था। यह एग्रीमेंट इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ हेल्थ इंटरवेंशन (आईसीएचआई) के तहत समर्पित पारंपरिक चिकित्सा मॉड्यूल पर कार्य की शुरुआत का प्रतीक है। यह घटनाक्रम भारत के उस दृष्टिकोण के अनुरूप है जिसमें वैज्ञानिक वर्गीकरण और अंतरराष्ट्रीय मानकों द्वारा समर्थित पारंपरिक ज्ञान की समृद्ध विरासत को वैश्विक स्वास्थ्य सेवा की मुख्यधारा में लाना है।
- इसके अलावा, आयुष मंत्रालय ने विदेशों के साथ पारंपरिक चिकित्सा और होम्योपैथी के क्षेत्र में सहयोग के लिए 25 कंट्री टू कंट्री सहमति पत्रों, विदेशी देशों में आयुष एकेडमिक चेयर स्थापित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ 15 समझौते, सहयोगी अनुसंधान/शैक्षणिक सहयोग करने के लिए विदेशी संस्थानों के साथ संस्थान-से-संस्थान स्तर के 52 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। वैश्विक स्तर पर आयुष के प्रचार और प्रसार के लिए 39 देशों में 43 आयुष सूचना केंद्रों की स्थापना का समर्थन किया है। इसके अलावा, आयुष मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय आयुष फेलोशिप/छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत भारत में मान्यता प्राप्त आयुष संस्थानों में आयुष पाठ्यक्रम पढ़ने के लिए विदेशी नागरिकों को छात्रवृत्ति प्रदान करता है।
- आयुष मंत्रालय ने फार्माकोपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी (पीसीआईएमएंडएच) के माध्यम से इंडोनेशिया गणराज्य के खाद्य और औषधि प्राधिकरण के साथ 'पारंपरिक दवाओं (टीएम) गुणवत्ता आश्वासन के क्षेत्र में सहयोग' पर निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं:-
- पारंपरिक चिकित्सा के लिए नियामक प्रावधानों के संबंध में जानकारी, अनुभव और ज्ञान का आदान-प्रदान;
- सेमिनार, कार्यशाला और प्रशिक्षण सहित क्षमता निर्माण गतिविधियों के लिए विशेषज्ञों का आदान-प्रदान;
- दोनों देशों की नियामक प्रक्रियाओं से परिचित होने से संबंधित तकनीकी दौरा;
- किसी भी पार्टी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भागीदारी;
- आपसी सहमति वाले क्षेत्रों में या तो पार्टियों के लिए या संबंधित उद्योगों के लिए संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसा कि पार्टियों द्वारा सहमति हो; और
- सहयोग के कोई अन्य रूप जैसा कि पार्टियों द्वारा सहमति हो।
- आयुष मंत्रालय आईटीआरए के माध्यम से निम्नलिखित पहलों के माध्यम से क्रॉस-कल्चरल इंटर-ट्रेडिशनल साझेदारी की खोज कर रहा है: -
- अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम:
एक वर्षीय क्लिनिकल प्रशिक्षण कार्यक्रम आईटीआरए द्वारा कोलंबो विश्वविद्यालय के पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिजिनस मेडिसिन के 15 विद्यार्थियों के लिए 16 सितंबर, 2024 से शुरू किया गया था।
- तीन महीने का परिचयात्मक पाठ्यक्रम
हर वर्ष नवंबर से जनवरी तक अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद अध्ययन केंद्र (आईसीएएस) तीन महीने का परिचयात्मक पाठ्यक्रम आयोजित करता है। पिछले वर्ष इज़राइल के साथ: 02, जापान के साथ: 01
- बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी - बीएएमएस
- आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (स्नातक संस्थान) में विदेशी विद्यार्थियों के लिए बीएएमएस पाठ्यक्रम के लिए कुल 10 सीटें आरक्षित हैं। कुल 116 विद्यार्थियों ने 32 देशों से पाठ्यक्रम पूरा किया है, और 54 विद्यार्थी 22 देशों से पढ़ रहे हैं।
- MD (आयु.)
आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) में विदेशी विद्यार्थियों के लिए कुल 03 सीटें आरक्षित हैं। कुल 30 विद्यार्थियों ने 09 देशों से पाठ्यक्रम पूरा किया है, और 08 विद्यार्थी 04 देशों से पढ़ रहे हैं।
आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) में विदेशी विद्यार्थियों के लिए कुल 03 सीटें आरक्षित हैं। कुल 06 विद्यार्थियों ने 03 देशों से पाठ्यक्रम पूरा किया है, और 02 विद्यार्थी 02 देशों से पढ़ रहे हैं।
युगांडा का 01 विद्यार्थी वर्तमान में इस पाठ्यक्रम में पढ़ रहा है।
यह जानकारी आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव जाधव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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पीके/केसी/पीके
(रिलीज़ आईडी: 2209492)
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