पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
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वर्ष 2025 के दौरान एमडीओएनईआर की प्रमुख उपलब्धियां


पूर्वोत्तर क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी सुधार

राइजिंग नॉर्थ ईस्ट समिट को निवेशकों की मजबूत रुचि मिली

पूर्वोत्तर के 150 उत्पादों को जीआई टैगिंग के लिए चिन्हित किया गया

पूर्वोत्तर क्षेत्र में छात्र विनिमय और कौशल विकास पहलों का विस्तार

प्रविष्टि तिथि: 29 DEC 2025 6:47PM by PIB Delhi
  1. पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) में लॉजिस्टिक्स क्षेत्र का सुदृढ़ीकरण

जुलाई 2024 में आयोजित 71वीं नॉर्थ ईस्ट काउंसिल (NEC) की पूर्ण बैठक के निर्देशों के अनुसार, इस मंत्रालय के तहत एक अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC) का गठन किया गया। इस समिति का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) में लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार और उसे राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स ग्रिड से जोड़ने के लिए व्यापक सिफारिशें देना है। इसके बाद, सिक्किम में राज्य लॉजिस्टिक्स नीति (SLP) को अधिसूचित कर दिया गया है, जबकि नागालैंड और मेघालय में इसी तरह की अधिसूचनाएँ जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और नागालैंड में राज्य लॉजिस्टिक्स मास्टर प्लान तैयार करने के लिए अधिसूचनाएँ जारी की जा चुकी हैं, जबकि शेष पूर्वोत्तर राज्यों में भी इस दिशा में कार्य जारी है।

  1. उत्तर पूर्व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्लस्टर [एनईएसटी]

इस मंत्रालय ने पूर्वोत्तर भारत में अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी गुवाहाटी में नॉर्थ ईस्ट साइंस एंड टेक्नोलॉजी क्लस्टर (NEST क्लस्टर) की स्थापना को ₹22.98 करोड़ की लागत से स्वीकृति प्रदान की है। इस क्लस्टर का उद्घाटन 3 नवंबर 2025 को किया गया। एनईएसटी क्लस्टर के तहत ग्रासरूट स्तर पर नवाचार के लिए एक इनोवेशन हब, सेमीकंडक्टर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए टेक्नोलॉजी हब, बांस आधारित तकनीक तथा अन्य जैव-अपघटनीय और पर्यावरण-अनुकूल प्लास्टिक पर नवाचार हेतु उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही यह क्लस्टर पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने, कौशल विकास और नवाचार केंद्रों को सशक्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

(केंद्रीय DoNER मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुवाहाटी में नॉर्थ ईस्टर्न साइंस एंड टेक्नोलॉजी (NEST) क्लस्टर का उद्घाटन किया)

  1. अगरवुड और बांस उत्पादन में क्लस्टर आधारित वृद्धि

देश के अगरवुड प्रोडक्शन में NER का हिस्सा लगभग 96% है। इस मिनिस्ट्री की पहल से, अगरवुड के लिए भारत का सालाना एक्सपोर्ट कोटा छह गुना बढ़ा दिया गया है। असम के गोलाघाट और त्रिपुरा के कदमतला में अगरवुड क्लस्टर बनाने के एक इंटीग्रेटेड प्रपोज़ल पर मिनिस्ट्री एक्टिवली विचार कर रही है। यह मिनिस्ट्री अब ट्रेडिशनल बैम्बू आर्टिसन क्लस्टर को मज़बूत करने के लिए काम कर रही है ताकि 4,000+ कारीगरों को फॉर्मल मार्केट से जोड़ने और 15 कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) को अपग्रेड करने के प्रोजेक्ट्स शुरू करके उन्हें ज़्यादा मार्केट एक्सेस, डिजिटल लिंकेज और कारीगरों की सस्टेनेबल आजीविका मिल सके। इस मिनिस्ट्री ने वैल्यू-एडेड बैम्बू इंजीनियर्ड प्रोडक्ट्स बनाने के लिए कार्बी आंगलोंग (असम) और मोकोकचुंग (नागालैंड) में प्रोक्योरमेंट यूनिट्स बनाने में मदद की है।

  1. पूर्वोत्तर क्षेत्र के 150 नए प्रोडक्ट्स के GI रजिस्ट्रेशन हुए

यह मंत्रालय पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) के कृषि-उद्यानिकी (एग्री-हॉर्टी), हथकरघा (हैंडलूम) और हस्तशिल्प (हैंडीक्राफ्ट) क्षेत्रों से जुड़े विशिष्ट एवं स्थानीय उत्पादों की भौगोलिक संकेतक (GI) टैगिंग का नेतृत्व कर रहा है, ताकि इन उत्पादों की विशिष्ट पहचान को बढ़ावा दिया जा सके और उसे संरक्षित रखा जा सके। इस पहल के अंतर्गत, आगामी दो वर्षों में GI टैगिंग के लिए 150 विशिष्ट उत्पादों की पहचान की गई है।

  1. राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट

पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने की भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसी क्रम में राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन 23–24 मई 2025 को नई दिल्ली में किया गया, जिसमें बड़े कॉरपोरेट समूहों, विदेशी निवेशकों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) ने भाग लिया। इस समिट के माध्यम से निजी निवेशकों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की ओर से ₹4.48 लाख करोड़ के निवेश में रुचि सामने आई, जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास, निवेश और आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलने की उम्मीद है।

(प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 23 मई, 2025 को राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया)

7. अष्टलक्ष्मी दर्शन युवा विनिमय कार्यक्रम

नॉर्थ ईस्टर्न रीजन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री (MDoNER) ने इमोशनल बॉन्डिंग को मज़बूत करने, लोगों के बीच कनेक्शन को गहरा करने और नॉर्थ ईस्टर्न रीजन (NER) की कल्चरल रिचनेस और इंपॉर्टेंस के बारे में अवेयरनेस बढ़ाने के लिए अष्टलक्ष्मी दर्शन–यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू किया है। साल भर चलने वाले इस प्रोग्राम में 28 राज्यों/UTs के 15-29 साल के 1280 स्टूडेंट्स NER की बड़ी यूनिवर्सिटीज़ और इंस्टीट्यूशन्स में 14-दिन के इमर्सिव एक्सपोज़र विज़िट में हिस्सा ले सकेंगे। यह इनिशिएटिव 1 नवंबर 2025 को ऑफिशियली लॉन्च किया गया है, जिसमें गोवा और उत्तराखंड के 40 स्टूडेंट्स के पहले बैच ने अरुणाचल प्रदेश की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी का दौरा किया, जिससे इस बड़े नेशनल आउटरीच एफर्ट की शुरुआत हुई।

(केंद्रीय DoNER मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया अष्टलक्ष्मी दर्शन यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के बैच से बातचीत करते हुए।)

8. बांस मूल्य श्रृंखला विकास कार्यक्रम

यह मंत्रालय पूर्वोत्तर क्षेत्र में बांस मूल्य-श्रृंखला के समग्र विकास के लिए एक व्यापक कार्यक्रम लागू कर रहा है। यह पहल एंड-टू-एंड दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसमें कौशल विकास, क्लस्टर सुदृढ़ीकरण, अवसंरचना निर्माण, इंजीनियर्ड बांस उत्पादों का विकास तथा बाजार से जुड़ाव (मार्केट-लिंकेंज) से संबंधित हस्तक्षेप शामिल हैं, ताकि इस क्षेत्र की पूर्ण आर्थिक क्षमता को उजागर किया जा सके। नॉर्थ ईस्ट काउंसिल (NEC) की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत, पूर्वोत्तर क्षेत्र में बांस इकोसिस्टम के समग्र विकास के लिए कुल 25 बांस-क्षेत्र परियोजनाओं को ₹236.53 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। इन परियोजनाओं में उद्यम विकास, कारीगरों को समर्थन, प्रशिक्षण, अवसंरचना निर्माण तथा उत्पाद विविधीकरण जैसे पहलू शामिल हैं। क्षेत्रीय विस्तार के लिए दो प्रमुख स्केलेबल परियोजना मॉडल विकसित किए गए हैं। पहला, इंजीनियर्ड बांस उत्पाद परियोजना (PM-DevINE के अंतर्गत ₹70.98 करोड़), जिसके तहत उच्च मूल्य वाले इंजीनियर्ड बांस उत्पादों—जैसे बोर्ड और पैनल, मोल्डेड फर्नीचर, चारकोल ब्रिकेट्स तथा मिश्रित बांस उत्पादों—के निर्माण हेतु उपचार, लैमिनेशन और फैब्रिकेशन इकाइयों की स्थापना की जा रही है। इन उत्पादों का उपयोग निर्माण, आवास, फर्नीचर तथा औद्योगिक क्षेत्रों में किया जाएगा। दूसरा, पारंपरिक बांस कारीगर क्लस्टरों के सुदृढ़ीकरण का मॉडल (SoNEC के अंतर्गत ₹11.52 करोड़) है, जिसका उद्देश्य डिज़ाइन विकास, साझा सुविधाओं की स्थापना, टूलकिट उपलब्ध कराना, कौशल उन्नयन तथा सूक्ष्म उद्यमों के गठन के माध्यम से पारंपरिक हस्तशिल्प क्लस्टरों का आधुनिकीकरण करना है। इससे घरेलू और निर्यात बाजारों के लिए उत्पादकता और बाजार-तैयारी में वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, मंत्रालय ने क्षेत्र के कारीगरों द्वारा निर्मित बांस उत्पादों की बाजार पहुँच बढ़ाने के लिए प्रमुख मार्केट एक्सेस और डिजिटल कॉमर्स भागीदारों के साथ सहयोग हेतु एक नीति निर्देश भी जारी किया है। साथ ही, NECBDC द्वारा पिछले तीन वर्षों में 5,068 बांस कारीगरों और अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करते हुए व्यापक कौशल विकास कार्यक्रमों को लागू किया गया है।

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पीक/केसी/वीएस/एसएस


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