संचार मंत्रालय
अंतर्राष्ट्रीय पत्र-मेल सेवाओं का युक्तिकरण
प्रविष्टि तिथि:
30 DEC 2025 6:58PM by PIB Delhi
भारतीय डाक विभाग ने वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) के निर्णयों के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाओं के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण की दूरदर्शी पहल की है। इसका उद्देश्य ग्राहकों को उत्तम सेवा प्रदान करना, विश्वसनीय, ट्रैकिंग क्षमता, सीमा शुल्क अनुपालन और सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही डाक सेवाओं को विकसित हो रहे वैश्विक ई-कॉमर्स मानकों के अनुरूप बनाना है।
इस अभियान में डाक विभाग ने कुछ अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाओं को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया है। इसमें विशेष रूप से वे सेवाएं शामिल हैं जिनमें डाक परिचालन के स्तर पर उनका पता लगाने (ट्रैकिंग) की सुविधा नहीं है या सीमित है। विभाग ने सेवा में अधिक कुशलता, दायित्व और ग्राहक-अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है ।
इसी अनुसार, 1 जनवरी 2026 से निम्नलिखित बाह्य अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्र सेवाएं बंद की जाएंगी :
- यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के निर्णयों के अनुरूप, पंजीकरण केवल दस्तावेज़-आधार पर सीमित किए जाने से पंजीकृत लघु पैकेट सेवा।
- बाह्य देशों में समुद्री या हवाई मार्ग से भेजे जाने वाली छोटे पैकेट सेवा और अन्य सामग्री।
- बाहरी डाक वस्तुओं के लिए सरफेस लेटर मेल सर्विस और सरफेस एयर लिफ्टेड (एसएएल) लेटर मेल सर्विस।
यह कदम छोटे पैकेट सेवाओं में सीमित या अनुपलब्ध ट्रैकिंग, डाक सामग्री सुपुर्दगी की लंबी समयसीमा, गंतव्य देशों में बढ़ते सीमा शुल्क और सुरक्षा आवश्यकताओं और कई विदेशी डाक प्रशासनों द्वारा ऐसी वस्तुओं की कम स्वीकृति जैसी चुनौतियों की वजह से उठाया जा रहा है।
डाक विभाग ने स्पष्ट है कि यह युक्तिकरण सेवा गुणवत्ता में सुधार की दिशा में सकारात्मक कदम है और यह निर्यातकों या ग्राहकों के विकल्पों को सीमित नहीं करेगा। युक्तिकरण के बाद, डाक पंजीकरण केवल हवाई मार्ग से बुक किए गए दस्तावेजी सामग्रियों के लिए ही उपलब्ध होंगे, जो पत्र, पोस्टकार्ड, मुद्रित कागज, एयरोग्राम, ब्लाइंड लिटरेचर और एम-बैग जैसी श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं।
दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिटरेचर और एम-बैग संबंधी मौजूदा यूपीयू प्रावधान बिना किसी परिवर्तन के जारी रहेंगे। दृष्टिबाधित व्यक्तियों या दृष्टिबाधित व्यक्तियों के संगठन द्वारा भेजे गए या उन्हें संबोधित दृष्टिबाधित व्यक्तियों की सामग्री सिवाय लागू हवाई अधिभार के डाक शुल्क से मुक्त रहेंगी। यह गंतव्य देश के नियमों के अधीन संचालित होगा। एम-बैग भार सीमा और देश-विशिष्ट स्वीकृति शर्तों सहित यूपीयू नियमों के अधीन रहेंगे।
निर्यातकों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों और व्यक्तिगत ग्राहकों के लिए डाक विभाग की पहले से ही विदेशों में सामग्री भेजने के सुदृढ़ और विश्वसनीय विकल्प मौजूद हैं। ग्राहकों को अंतर्राष्ट्रीय ट्रैक्ड पैकेट सेवा (आईटीपीएस) और अन्य अंतर्राष्ट्रीय पार्सल सेवाओं के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जो विशेष रूप से छोटे निर्यातकों और ई-कॉमर्स विक्रेताओं के लिए सामग्री की पूरी ट्रैकिंग और पारदर्शिता, तेज और अधिक विश्वसनीय डिलीवरी, सीमा शुल्क के बेहतर अनुपालन, सुरक्षा मानकों के पालन और प्रतिस्पर्धी एवं पारदर्शी मूल्य संरचना प्रदान करती है।
सभी संबंधित अधिकारियों को परामर्श दिया गया है कि वे इन बदलावों का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करें और ग्राहकों को उपयुक्त वैकल्पिक सेवाओं की जानकारी दें और बदलाव को सुगमता से लागू करने के लिए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करें।
सेवाओं का यह युक्तिकरण डाक विभाग की आधुनिक, ग्राहक-केंद्रित और वैश्विक स्तर पर संरेखित अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है। इससे अधिक विश्वसनीयता, पारदर्शिता और समग्र ग्राहक संतुष्टि सुनिश्चित होगी।
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पीके/केसी/एकेवी/एसके
(रिलीज़ आईडी: 2209919)
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