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कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

सरकार ने कृषि विस्तार, कौशल विकास और ग्रामीण आजीविका को मजबूत करने के लिए एटीएमए, एसटीआरवाई, एसएमएएम और डे-एनआरएलएम योजनाएं लागू कीं

प्रविष्टि तिथि: 19 DEC 2025 7:31PM by PIB Delhi

केंद्र प्रायोजित योजना "विस्तार सुधारों के लिए राज्य विस्तार कार्यक्रमों को सहायता" (ATMA) वर्ष 2005-06 से देश में विकेंद्रीकृत और किसान-हितैषी विस्तार प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए 28 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों के 734 जिलों में कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य राज्य सरकारों के प्रयासों का समर्थन करना और कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के विभिन्न विषयगत क्षेत्रों में नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकियों और अच्छी कृषि पद्धतियों को किसानों तक पहुंचाना है, ताकि विभिन्न विस्तार गतिविधियों जैसे किसान प्रशिक्षण, ग्रामीण युवाओं का कौशल प्रशिक्षण, प्रदर्शन, अनुभव भ्रमण, किसान मेला, किसान समूहों का संगठितीकरण और कृषि विद्यालयों का आयोजन आदि के माध्यम से कृषि का आधुनिकीकरण किया जा सके।

कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीण युवाओं के कौशल को बेहतर बनाने के उद्देश्य से, ग्रामीण युवा कौशल प्रशिक्षण (एसटीआरवाई) नामक एक कौशल विकास कार्यक्रम वर्ष 2015-16 से कार्यान्वित किया जा रहा है। एसटीआरवाई का कार्यान्वयन राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) द्वारा राज्य कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थानों (एसएएमईटीआई) और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) के सहयोग से किया जा रहा है। ग्रामीण युवा कौशल प्रशिक्षण (एसटीआरवाई) का उद्देश्य कृषि आधारित व्यावसायिक क्षेत्रों में किसानों सहित ग्रामीण युवाओं को कम अवधि के कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करना है। वर्ष 2015-16 से अब तक इस योजना के तहत किसानों सहित 86,000 से अधिक ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन (एसएमएएम) के तहत, किसानों के लिए कृषि मशीनरी को अधिक सुलभ और किफायती बनाने के उद्देश्य से, किसानों की श्रेणी के आधार पर मशीनरी की लागत का 40-50% तक की वित्तीय सहायता कृषि मशीनों की खरीद के लिए प्रदान की जाती है।

दीनदयाल अंत्योदय योजना (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन - DAY-NRLM) के तहत, ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (SVEP) के विभिन्न उप-घटकों के अंतर्गत महिलाओं और उनके परिवार के सदस्यों को सशक्त बनाकर गैर-कृषि आधारित आजीविका को बढ़ावा दिया जा रहा है। SVEP एक ऐसा अनुकूल ग्रामीण व्यापार विकास तंत्र तैयार करता है जो स्वयं सहायता समूहों (SHG) और उनके परिवार के सदस्यों को गैर-कृषि आधारित आजीविका क्षेत्र में छोटे उद्यम स्थापित करने में सहायता करता है। यह योजना 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है।

DAY-NRLM स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए बाजार पहुंच, ब्रांड दृश्यता और आय सृजन के अवसरों को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है। संस्थागत सुदृढ़ीकरण, ब्रांड विकास, डिजिटल सक्षमता और बाजार अभिसरण को समाहित करते हुए एक संरचित और टिकाऊ विपणन पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के प्रयास किए गए। इसका मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूह के उद्यमियों को भौतिक और डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से मुख्यधारा के बाजारों में एकीकृत करके उन्हें सशक्त बनाना था। राष्ट्रीय, क्षेत्रीय, राज्य और जिला स्तर पर स्वयं सहायता समूह के उत्पादों के प्रचार के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत विशेष ट्रेडमार्क जैसे "सरस", "सरसआजीविका" और "आजीविका" का विस्तार किया गया है।

कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज राज्यसभा में लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।

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पीके/केसी/एनएम


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