पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री ने सीआरईडीएआई राष्ट्रीय सम्मेलन 2025 में टिकाऊ एवं जलवायु के अनुकूल शहरी विकास पर जोर दिया
ऊर्जा की दृष्टि से किफायती डिजाइन, चक्रीय निर्माण पद्धतियों और हरित भवनों को अपनाएं: श्री भूपेंद्र यादव
प्रविष्टि तिथि:
19 DEC 2025 7:58PM by PIB Delhi
केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने आज नई दिल्ली में आयोजित कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (सीआरईडीएआई) के राष्ट्रीय सम्मेलन 2025 को संबोधित किया। उन्होंने भारत के आर्थिक विकास, शहरी भविष्य और जीवन स्तर को आकार देने वाली राष्ट्र निर्माण शक्ति के रूप में रियल एस्टेट क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत 2047 तक विकसित भारत बनने की दिशा में अग्रसर है, ऐसे में नगर नियोजन एवं निर्माण में समावेशी, सुदृढ़ और टिकाऊ विकास को सुनिश्चित करना आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि विकास एवं पर्यावरण संरक्षण परस्पर पूरक लक्ष्य हैं और इन्हें साथ-साथ आगे बढ़ाना होगा तथा नियोजन के प्रारंभिक चरण में ही पर्यावरणीय पहलुओं का समावेश किया जाना चाहिए।
ऊर्जा के उपयोग, पानी की खपत, अपशिष्ट पदार्थों का उत्पादन, वायु की गुणवत्ता और शहरी ताप पर इस क्षेत्र के प्रभाव को रेखांकित करते हुए, श्री यादव ने कहा कि रियल एस्टेट भारत की जलवायु संबंधी प्रतिबद्धताओं का केन्द्रबिंदु है, जिसमें 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य भी शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि स्थिरता अब वैकल्पिक नहीं, बल्कि भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार विकास की नींव है। जलवायु परिवर्तन के शहरों पर बढ़ते प्रभावों को रेखांकित करते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने बाढ़-प्रतिरोधी लेआउट, ताप-अनुकूल सामग्री, हरित आवरण में वृद्धि और आवागमन के टिकाऊ समाधानों सहित जलवायु के अनुकूल शहरी नियोजन का आह्वान किया।

केन्द्रीय मंत्री ने पर्यावरण संबंधी प्रशासन को आधुनिक बनाने हेतु मंत्रालय द्वारा किए गए प्रमुख सुधारों की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें पर्यावरण मंजूरी तंत्र को मजबूत करना, डिजिटल एवं प्रौद्योगिकी-संचालित प्रणालियों को बढ़ावा देना, जोखिम-आधारित नियामक दृष्टिकोण को अपनाना, मिशन लाइफ एवं ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम को आगे बढ़ाना और शहरी क्षेत्रों में वायु एवं पानी की गुणवत्ता ढांचे को सुदृढ़ करना शामिल है।
उद्योग जगत के हितधारकों को आश्वस्त करते हुए, श्री यादव ने कहा कि सरकार का उद्देश्य अनुपालन को दक्षता के साथ पुरस्कृत करना और उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि व्यापार करने में सुगमता पर्यावरण संरक्षण की कीमत पर नहीं आ सकती और न ही पर्यावरण संरक्षण अनावश्यक देरी का कारण बनना चाहिए। उन्होंने इस क्षेत्र को ऊर्जा की दृष्टि से किफायती डिजाइन, नवीकरणीय ऊर्जा, पानी की दृष्टि से सकारात्मक विकास, चक्रीय निर्माण पद्धतियों और हरित भवनों को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया, जो शहरों और नागरिकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य प्रदान करते हैं।
सीआरईडीएआई की भागीदारी की सराहना करते हुए, श्री यादव ने इस बात को दोहराया कि उद्योग निकाय राष्ट्रीय विकास में भागीदार हैं। अंत में, उन्होंने सतत शहरीकरण, नियामक सुधार और सहयोगात्मक शासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया ताकि भारत के शहर समावेशी, सुदृढ़ और प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण हों।

*****
पीके/ केसी / आर
(रिलीज़ आईडी: 2206810)
आगंतुक पटल : 283
इस विज्ञप्ति को इन भाषाओं में पढ़ें:
English