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Social Welfare

किफायती स्वास्थ्य देखभाल के लिए जीएसटी

Posted On: 12 SEP 2025 11:03 AM

स्वस्थ भारत के लिए रोकथाम संबंधी देखभाल और पोषण को प्रोत्साहित करना

प्रस्तावना

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को अधिक किफायती, सुलभ और निवारक प्रकृति बनाने के लिए काम कर रहा है। "सभी के लिए सस्ती स्वास्थ्य सेवा" के विजन से निर्देशित, सरकार ने यह सुनिश्चित करते हुए कि उपचारात्मक और निवारक देखभाल दोनों समाज के हर वर्ग तक पहुंचे, आयुष्मान भारत, पोषण अभियान और फिट इंडिया मूवमेंट जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के साथ स्वास्थ्य सुधारों को जोड़ा है।

हाल ही में जीएसटी को युक्तिसंगत बनाया जाना स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक कर व्यवस्था को बढ़ावा देकर इस विजन को दर्शाता है। डॉक्टरों, अस्पतालों और नैदानिक केंद्रों द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है, आवश्यक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर करों में कमी ने रोगियों के लिए उपचार की लागत को कम कर दिया है। इसके साथ-साथ तंबाकू, पान मसाला और शर्करा युक्त पेय जैसे हानिकारक 'सिन गुड्स' पर उच्च कर निवारक स्वास्थ्य देखभाल और मधुमेह, मोटापा और कैंसर जैसी जीवनशैली संबंधी बीमारियों से निपटने पर सरकार के ध्यान को रेखांकित करता है। यह संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि कर प्रणाली स्वयं सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा और परिवारों के कल्याण को सुदृढ़ बनाने का एक उपकरण बन जाए

‘केंद्र सरकार ने आम आदमी के जीवन की सुगमता बढ़ाने अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाने और प्रक्रिया सुधारों के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है।’                                 - प्रधानमंत्री श्री रेन्द्र मोदी

दवाएं और औषधियां

जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत/शून्य कर दिया गया

    • जीएसटी में कटौती से विभिन्न आवश्यक दवाओं की लागत में कटौती होगी, जिससे रोगियों पर वित्तीय बोझ कम होगा।
    • पुराने रोगों के लिए दीर्घकालिक उपचार की वहनीयता को बढ़ाता है
    • अधिक लोग अपनी दीर्घकालिक दवाएं जारी रखने में सक्षम होंगे।
    • विशेष रूप से जेनरिक के लिए घरेलू वहनीयता सुनिश्चित करते हुए "विश्व की फार्मेसी" के रूप में भारत की भूमिका को सुदृढ़ करता है
    • जैव-चिकित्सा कचरे के उपचार या निपटान के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की जाएगी।
    • फार्मास्युटिकल उत्पादों के विनिर्माण के संबंध में जॉब वर्क की आपूर्ति भी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी जाएगी।

चिकित्सा डिवाइस उपकरण (12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत जीएसटी):

जीएसटी दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की गई

    • 12 से 5 प्रतिशत: एनेस्थेटिक्स, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, गौज़, पट्टियां, आदि, डायग्नोस्टिक किट, सर्जिकल रबर दस्ताने, ग्लूकोमीटर, विभिन्न थर्मामीटर, इंस्ट्रूमेंट्स र एप्लायंस आदि
    • अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटरों और क्लीनिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा वितरण सस्ता बनाता है।
    • टियर-2/3 शहरों में देखभाल की गुणवत्ता में सुधार के लिए आधुनिक नैदानिक उपकरण अपनाने को प्रोत्साहित करना।

फार्मा विनिर्माण के लिए जॉब-वर्क सेवाएं

जीएसटी दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की गई

    • फार्मा कंपनियां फॉर्मूलेशन, एपीआई, पैकेजिंग आदि के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग और जॉब-वर्कर्स पर बहुत अधिक निर्भर करती हैं।
    • कम जीएसटी (12 प्रतिशत के बजाय 5 प्रतिशत) सीधे तौर पर जॉब-वर्क इन्वॉयसेस पर कर व्यय को कम करती है
    • निम्न जॉब-वर्क लागत दवाओं के उत्पादन की कुल लागत को कम करेगी। यह इन्वर्टेड शुल्क संरचना के मुद्दों को कम करेगा।

'हम 100 प्रतिशत निर्यात कंपनी हैं, जो व्यापक स्तर फॉर्मूलेशन का निर्यात करती है। मैं इसे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़े सकारात्मक के रूप में लेता हूं। और यह केवल उद्योग के लिए नहीं है, लोगों के लिए भी है। सरकार ने अब कई जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी को समाप्त कर दिया है, जिससे दवाएं जनता के लिए अधिक सस्ती हो जाएंगी।' - विद्युत शाह, एमडी, वीएस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड

दृष्टि सुधार उत्पाद

जीएसटी दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की गई

    • चश्मा कोई विलासिता नहीं बल्कि स्वास्थ्य की आवश्यकता है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में लेंस/चश्मे पर निर्भर आबादी में बढ़ोतरी होगी।
    • कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि 10 करोड़ लोग बिना चश्मे के हो सकते हैं। जीएसटी दर में कटौती से वहनीयता बढ़ाने और चश्मे को अपनाने में मदद मिलेगी।
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  • कम जीएसटी कई लोगों, विशेष रूप से छात्रों, बुजुर्गों और कम आय वाले परिवारों के लिए दृष्टि सुधार को किफायती बनाता है। इससे उत्पादकता में भी सुधार होगा।
  • कम जीएसटी और बेहतर मांग से चश्मा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पर कोई जीएसटी नहीं

व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा को जीएसटी से छूट देना:

    • मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए प्रीमियम सस्ता बनाता है।
    • स्वास्थ्य बीमा को व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित करता है, आउट-ऑफ-पॉकेट चिकित्सा खर्चों को कम करता है।
    • निजी कवरेज का विस्तार करके आयुष्मान भारत और पीएमजेएवाई में सहायता करता है सभी के लिए स्वास्थ्य मिशन को आगे बढ़ाता है

"भारत सरकार द्वारा जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की यह क्रांतिकारी घोषणा उपभोक्ताओं और रोगियों के लिए उत्कृष्ट है और एआईएमईडी द्वारा इसका बहुत स्वागत किया जाता है। सस्ती पहुंच स्वास्थ्य देखभाल लागत को कम करने में मदद करेगी..." - राजीव नाथ, एआईएमईडी के फोरम समन्वयक

आवश्यक पोषण और दैनिक स्वास्थ्य - समग्र स्वास्थ्य

  • यूएचटी दूध, पनीर (ब्रांडेड या अनब्रांडेड) को जीएसटी से छूट दी गई है : सभी डेयरी दूध को छूट दी गई थी। केवल यूएचटी दूध पर 5 प्रतिशत कर लगाया जाता था, जो अब पूरी तरह से छूट प्राप्त है। यह सुनिश्चित करता है कि दैनिक पोषण कर-मुक्त रहे, जिससे ये आवश्यक प्रोटीन स्रोत किफायती हो जाएं। इससे परिवारों, विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त होता है
  • मधुमेह संबंधी खाद्य पदार्थ (12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत जीएसटी): विशेष आहार उत्पादों के लिए कम कीमतें जिससे मधुमेह के रोगियों पर बोझ कम होगा।
  • बादाम, हेज़लनट्स, खजूर, अंजीर आदि सूखे मेवों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया, इससे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक आहार को बढ़ावा मिलेगा। यह स्वस्थ भोजन और स्नैक के विकल्पों की खपत को प्रोत्साहित करेगा, जिससे घरेलू पोषण में सुधार होगा।
  • तैयार या संरक्षित मछली (12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत)
  • फलों के गूदे या फलों के रस आधारित पेय (12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत) और दूध युक्त पेय भी सस्ते (12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत) होंगे

उपभोक्ताओं को खाद्य कीमतों में कमी से लाभ होगा, जिससे पौष्टिक स्टेपल अधिक किफायती हो जाएंगे। यह स्वस्थ खाने की आदतों को प्रोत्साहित करता है और पौष्टिक उत्पादों की मांग को बढ़ाता है। एफएमसीजी और पैकेज्ड फूड व्यवसायों में वृद्धि देखने को मिल सकती है, जबकि सरलीकृत नियम अनुपालन को सुगम बनाते हैं और उद्यमों के लिए मुकदमेबाजी के जोखिम को कम करते हैं।

तंबाकू और तंबाकू से संबंधित उत्पाद

जीएसटी दर 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत की गई

  • अनिर्मित तंबाकू; तंबाकू अपशिष्ट (तंबाकू के पत्तों के अलावा)।
  • सिगार, चुरुट, सिगारिलो और सिगरेट, तंबाकू या तंबाकू के विकल्प।
  • अन्य विनिर्मित तंबाकू और विनिर्मित तंबाकू के विकल्प; "समरूप" या "पुनर्गठित" तंबाकू; तंबाकू के अर्क और सार।
  • तंबाकू या पुनर्गठित तंबाकू युक्त उत्पाद और कमबशन के बिना सांस लेने के लिए लक्षित
  • तंबाकू या निकोटीन के विकल्प वाले उत्पाद और कमबशन के बिना सांस लेने के लिए लक्षित।

जिम/फिटनेस सेंटर (18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत जीएसटी):

जीएसटी दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी की गई

  • इससे फिटनेस और अधिक किफायती बनेगी, नागरिकों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
  • यह 'फिट इंडिया मूवमेंट' और निवारक स्वास्थ्य देखभाल पहलों का पूरक है।
  • मध्यम वर्ग के युवाओं और शहरी कामकाजी पेशेवरों के लिए सुविधा बढ़ाता है।

निष्कर्ष

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में जीएसटी को युक्तिसंगत बनाना स्वस्थ भारत की दिशा में एक निर्णायक कदम है। सरकार ने आवश्यक दवाओं और उपकरणों की लागत को कम करके, महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को छूट देकर और हानिकारक वस्तुओं पर उच्च करों के माध्यम से नुकसानदायक खपत को हतोत्साहित करने के जरिये एक कर संरचना का निर्माण किया है जो लोगों के कल्याण को प्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन से निर्देशित, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय अनवरत रूप से यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक नीति स्वास्थ्य परिणामों के लिए सहायक हो, परिवारों को किफायती देखभाल के साथ सशक्त बनाया जाए और भविष्य की पीढ़ियों को रोकथाम-योग्य रोगों से बचाया जा सके।

 

संदर्भ

वित्त मंत्रालय

https://www.pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=2163555

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2164586#:~:text=These%20changes%20come%20into%20effect,decline%20to%205%25%20GST%20slab.

महत्वपूर्ण बाइट्स

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2163785

https://x.com/ians_india/status/1963478740509626479

https://x.com/ians_india/status/1963500858865565900

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