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भारत के शाही साम्राज्यों का संग्रहालय
जहां शाही विरासत जीवंत हो उठती है
Posted On:
31 OCT 2025 12:18PM by PIB Delhi
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मुख्य बिंदु
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- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर को गुजरात के एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निकट म्यूजियम ऑफ रॉयल किंगडम्स ऑफ इंडिया (भारत के शाही साम्राज्यों का संग्रहालय) की आधारशिला रखी।
- इसका उद्देश्य आगामी पीढ़ियों को एकता और बलिदान की शाश्वत भावना से प्रेरित करना है।
- 367 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस संग्रहालय में चार विषयगत दीर्घाएं होंगी।
- यह संग्रहालय एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निकट पांच एकड़ जमीन पर निर्मित किया जाएगा।
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प्रस्तावना
राष्ट्रीय एकता दिवस की पूर्व संध्या पर, हमारी साझा विरासत के प्रति सम्मान और एकजुटता बनाए रखने की भावना के साथ, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने म्यूजियम ऑफ रॉयल किंगडम्स की आधारशिला रखी। सम्मान और विरासत को सहेजने के प्रयास में यह संग्रहालय 367 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार होगा।

म्यूजियम ऑफ रॉयल किंगडम्स ऑफ इंडिया, विभिन्न राजवंशों और रियासतों के राजचिह्नों, कलाकृतियों, वस्त्रों, पांडुलिपियों, चित्रों और अभिलेखीय सामग्रियों की दीर्घाओं के साथ भारत की शाही विरासत का राष्ट्रीय संग्रह होगा।
- इस संग्रहालय का निर्माण एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निकट पांच एकड़ भूमि पर किया जाएगा।
- इसमें चार विषयगत दीर्घाएं होंगी, जो आगंतुकों को ऐतिहासिक कलाकृतियों, दस्तावेजों और डिजिटल प्रतिरूपों द्वारा इंटरैक्टिव अनुभव प्रदान करेंगी।
- इसका उद्देश्य अतीत की स्मृतियां संरक्षित कर आगामी पीढ़ियों को एकता और बलिदान की शाश्वत भावना से प्रेरित करना है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
15 अगस्त 1947 को देश की आज़ादी के समय, उपमहाद्वीप में ब्रिटिश प्रशासित क्षेत्र और 550 से अधिक रियासतें और रजवाड़े शामिल थे। इनका भारतीय संघ में राजनीतिक एकीकरण स्वतंत्रता उपरांत देश की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जाता है।
- तत्कालीन उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में, रियासतों के शासकों को विलय दस्तावेज द्वारा भारत में उनके रजवाड़ों के विलय के लिए राजी किया गया था।
- वर्ष 1949 तक, लगभग सभी रियासतें भारतीय संघ में शामिल हो गई, जिससे एकीकृत और संप्रभु गणराज्य की नींव पड़ी।
- रियासतों का भारतीय संघ में शांतिपूर्ण एकीकरण, भारत की कूटनीति, समावेशिता और राष्ट्र-निर्माण की भावना का प्रमाण है।
उद्देश्यों
भारत के शाही साम्राज्यों के संग्रहालय पहल का विचार निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्यों के साथ किया गया है:
- भारत के शाही और रियासतों की समृद्ध विरासत का दस्तावेजीकरण और उनका प्रदर्शन।
- कलाकृतियों और अभिलेखीय सामग्रियों को संरक्षित करना जो भारत की शाही परंपराओं और राष्ट्र की एकता और सांस्कृतिक पहचान में उनके योगदान को दर्शाते हैं।
- देश के एकीकरण की ऐतिहासिक प्रक्रिया, रियासतों के योगदान और भारतीय शासन और सांस्कृतिक एकता के क्रमिक विकास के बारे में लोगों को जानकारी देना और उन्हें इससे जोड़ना।
- भारत की शाही और लोकतांत्रिक विरासत पर शोध, संरक्षण और सार्वजनिक शिक्षा केंद्र के रूप में इसे स्थापित करना।
प्रमुख विशेषताएं
यह संग्रहालय जानकारी देने के लिए कई विशिष्ट सुविधाएं प्रदान करेगा।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से प्रेरित, इस संग्रहालय में इंटरैक्टिव और अनुभव प्रदान कराने की शिक्षा से समर्पित एक गैलरी होगी, जिससे लोग रूचिपूर्ण और मनोरंजक तरीके से इतिहास जान सकेंगे।
- संग्रहालय की वास्तुकला प्राकृतिक परिदृश्य के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए डिज़ाइन की गई है। इसमें जल स्रोत, फव्वारे, बीच का आंगन और उद्यान शामिल हैं।
- आगंतुक शाही उद्यानों जैसे प्राकृतिक माहौल से गुजर कर इसमें प्रवेश करेंगे, जिससे उन्हें अंदर की भव्यता का अनुभव होगा।
- संग्रहालय देखने के बाद लोग म्यूजियम कैफे में शाही व्यंजनों के स्वाद का आनन्द उठा सकते हैं।
चार विषयगत दीर्घाओं में विस्तारित, यह संग्रहालय आगंतुकों को ऐतिहासिक कलाकृतियों, दस्तावेजों और डिजिटल प्रतिरूपों द्वारा समृद्ध और इंटरैक्टिव अनुभव प्रदान करेगा।
गैलरी अवलोकन
- गैलरी 1: अभिविन्यास गैलरी - फिल्मों और ऑडियो-विजुअल कथाओं द्वारा शाही रियासतों और संग्रहालय के बारे में परिचय।
- गैलरी 2: "सिंहासन और साम्राज्य" - शाही परिवारों, उनकी शासन प्रणाली, परंपराओं, कल्याणकारी नीतियों और लोगों के प्रति उनके स्नेह को प्रदर्शित करेगा।
- व्यूइंग लाउंज और डेक - सुगमता से देखने का स्थान होगा, जो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और नर्मदा नदी के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करेगा।
- गैलरी 3: "द स्टोरी ऑफ इंडियाज इंटीग्रेशन" - भारत के राजनीतिक एकीकरण से जुड़ी घटनाएं और दस्तावेजों को दर्शाएगा।
- गैलरी 4: "हॉल ऑफ यूनिटी" - भारत की एकता में रियासतों के बलिदान का सम्मान देते हुए सभी रियासतों के प्रतीकों और प्रतीक चिन्हों को प्रदर्शित करेगा।
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रियासतों का एकीकरण स्वतंत्र भारत की एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो विविधता में एकता तथा राष्ट्रीय विजय का प्रतीक है। म्यूजियम ऑफ रॉयल किंगडम ऑफ इंडिया संग्रहालय इस ऐतिहासिक प्रक्रिया को दर्शाएगा। यह भारत की शाही विरासत को संरक्षित कर सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान को आकार देने में उनकी भूमिका उजागर करेगा। विरासत को आधुनिक और समकालीन स्थितियों से जोड़कर यह संग्रहालय भारत के शाही अतीत का एक जीवंत संग्रह होगा, जो एकजुटता, समावेशिता और सांस्कृतिक तौर पर जीवंत राष्ट्र दृष्टि को व्यापकता देगा।
संदर्भ
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2183612
https://www.pib.gov.in/newsite/erelcontent.aspx?relid=278034
https://ddnews.gov.in/en/pm-modi-to-visit-gujarat-on-october-30-31-for-rashtriya-ekta-diwas-celebrations/
https://www.newsonair.gov.in/prime-minister-to-launch-infrastructure-and-development-projects-in-ekta-nagar-kevadia/
https://x.com/narendramodi/status/1983935708038341067
https://www.newsonair.gov.in/pm-modi-launches-several-development-projects-worth-over-1140-crore-rupees-in-ekta-nagar-gujarat/
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