Social Welfare
सभी के लिए किफायती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा
Posted On: 15 AUG 2025 15:53 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 अगस्त, 2025 को स्वतंत्रता दिवस समारोह पर उद्धबोधन:
- आयुष्मान भारत ने बीमारी को सहने की आदत से मुक्ति दिलाने का और उनके स्वस्थ्य को अच्छे करने का मदद करने का का। हम वरिश्कट नागरिक को 5 लाख रूपए से ज़्यादा कर कर के उनके आरोग्य के चिंता करते है।
- हमें मोटापे से बचाना है, ओबेसिटी से बचाना है। और इसलिए मैंने, बाकी सब करना पड़ेगा, लेकिन एक छोटा सा सुझाव दिया था कि परिवार तय करें कि जब खाने का तेल घर में आएगा 10 परसेंट कम ही आएगा और 10 परसेंट कम ही उपयोग करेंगे, और हम ओबेसिटी के खिलाफ लड़ाई को जीतने की दिशा में हम अपना योगदान देंगे।
प्रस्तावना
भारत सरकार अपने नागरिकों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास" या समग्र विकास के ज़रिए एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण हेतु, सरकार व्यापक स्वास्थ्य कार्यक्रम लागू कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोग स्वस्थ रहें और उनकी देखभाल की जाए। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

स्वास्थ्य से जुड़ी व्यवस्था और डिजिटल परिवर्तन
प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम)
प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवा स्तरों पर भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना, निगरानी और महामारी से संबंधी तैयारियों को मज़बूत करने के लिए अक्टूबर 2021 में शुरू किया गया।
- इस स्वीकृति में 10,609 भवन-रहित आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एएएम) के निर्माण और उन्नयन को शामिल किया गया है।
- इस पहल के तहत 5,456 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (यू-एएएम) को मज़बूत किया जाएगा।
- निर्माण/उन्नयन के लिए 2,151 ब्लॉक जन स्वास्थ्य इकाइयों (बीपीएचयू) को मंज़ूरी दी गई है।
- ज़िला स्तर पर 744 एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाएँ (आईपीएचएल) स्थापित की जाएँगी।
- अवसंरचना विकास योजना में 621 क्रिटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) शामिल हैं।
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएम एसएसवाई)
किफायती तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा सुविधाओं को बढ़ाने के लिए
- नए एम्स: 22 स्वीकृत, 19 में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू
- मेडिकल कॉलेज अपग्रेडेशन: पीएमएसएसवाई योजना के तहत 75 परियोजनाओं को मंजूरी
चिकित्सा शिक्षा का विस्तार (2014 से 8 अगस्त 2025 तक)
- मेडिकल कॉलेज: 387 से बढ़कर 780
- स्नातक सीटें: 51,348 से बढ़कर 1,15,900
- स्नातकोत्तर सीटें: 31,185 से बढ़कर 74,306
स्वास्थ्य सेवा कार्यबल और मेडिकल कॉलेज योजनाएँ
- पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टर: 13,86,157 (राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अनुसार)
- आयुष चिकित्सक: 7,51,768 (आयुष मंत्रालय के अनुसार)
- डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात: 1:811 (दोनों प्रणालियों में 80% उपलब्धता मानते हुए)
- नए मेडिकल कॉलेज: ज़िला/रेफ़रल अस्पतालों को उन्नत करके स्थापित करने हेतु केंद्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत स्वीकृत 157 में से 131 कार्यरत
- सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक: प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 75 परियोजनाएँ स्वीकृत, 71 परियोजनाएँ पूर्ण
सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा - सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा कवरेज
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई)
सितंबर 2018 में शुरू की गई आयुष्मान भारत, दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है।
• 1 अगस्त 2025 तक 79.75 करोड़ आभा आईडी बनाए जा चुके हैं और 65.34 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड विभिन्न स्वास्थ्य पोर्टलों से जोड़े जा चुके हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), अपने दो उप-मिशनों - राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) के साथ, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है। इसका मकसद किफायती, समान और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक सभी की पहुँच प्रदान करना और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत करने में मदद करना है।
• मातृ मृत्यु दर: संयुक्त राष्ट्र मातृ मृत्यु अनुमान अंतर-एजेंसी समूह (यूएन-एमएमईआईजी) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मातृ मृत्यु दर में 86% की गिरावट दर्ज की गई है।
• शिशु मृत्यु दर में 73% की गिरावट आई है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह गिरावट 58% रही है।
निवारक स्वास्थ्य सेवा और कल्याण
खाद्य सुरक्षा
एफएसएसएआई खाद्य पदार्थों के लिए विज्ञान-आधारित मानक निर्धारित करता है और सुरक्षित एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थों के निर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात को नियंत्रित करता है।
ईट राइट इंडिया पहल
- कुल निरीक्षण: 13,48,02 निरीक्षण किए गए (2022-23 से 2024-25 तक)
- स्ट्रीट फ़ूड विक्रेताओं के लिए प्रशिक्षण: 2017 में शुरू किए गए खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण एवं प्रमाणन (एफओएसटीएसी) कार्यक्रम के तहत 8 अगस्त 2025 तक 3 लाख से अधिक विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया गया।
- विशेष पाठ्यक्रम: एफओएसटीएसी के तहत विकसित "स्ट्रीट फ़ूड वेंडिंग" जागरूकता पाठ्यक्रम
- ईट राइट स्ट्रीट फ़ूड हब: 8 अगस्त 2025 तक खाद्य सुरक्षा शिक्षा हेतु क्लस्टर-आधारित पहल के अंतर्गत 405 प्रमाणित।
- मोबाइल खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएँ: 8 अगस्त 2025 तक 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मौके पर परीक्षण, प्रशिक्षण और जागरूकता के लिए 305 प्रयोगशालाएँ स्थापित की गईं।
विशेष देखभाल और रोग प्रबंधन
गैर-संचारी रोग (एनसीडी) कार्यक्रम
राष्ट्रीय गैर-संचारी रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी)
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) का ही एक भाग है, जो उच्च रक्तचाप और मधुमेह सहित गैर-संचारी रोगों के लिए बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने, मानव संसाधन विकास, जाँच, शीघ्र निदान, रेफरल, उपचार और स्वास्थ्य संवर्धन पर केंद्रित है।
बुनियादी ढाँचा (31 मार्च 2025 तक):
- राज्य गैर-संचारी रोग प्रकोष्ठ: 36
- जिला गैर-संचारी रोग प्रभाग: 753
- जिला गैर-संचारी रोग क्लिनिक: 770
- हृदय देखभाल इकाइयाँ (सीसीयू): 233
- जिला डे केयर सेंटर: 364
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैर-संचारी रोग क्लिनिक: 6,410
कैंसर देखभाल पहल
तृतीयक कैंसर देखभाल
विशिष्ट बुनियादी ढाँचे और विशेषज्ञ जनशक्ति के साथ उन्नत कैंसर देखभाल, निदान, अनुसंधान और क्षमता निर्माण के लिए महत्वपूर्ण केंद्र
- राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई): 19 स्वीकृत (राज्य के हिस्से सहित प्रत्येक के लिए 120 करोड़ रुपए तक का वित्तपोषण)
- तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र (टीसीसीसी): 20 स्वीकृत (राज्य के हिस्से सहित प्रत्येक के लिए 45 करोड़ रुपए तक का वित्तपोषण)
मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) (1 अगस्त 2025 तक की प्रगति):
- जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से 767 जिलों के लिए स्वीकृत
- सीएचसी/पीएचसी स्तर पर सेवाएँ: बाह्य रोगी सेवाएँ, मूल्यांकन, परामर्श/मनो-सामाजिक हस्तक्षेप, गंभीर मानसिक विकारों के लिए निरंतर देखभाल और सहायता, दवाएँ, आउटरीच सेवाएँ, एम्बुलेंस सेवाएँ
- इनपेशेंट सुविधा: ज़िला स्तर पर 10 बिस्तरों वाली सुविधा
- उत्कृष्टता केंद्र: स्नातकोत्तर छात्रों की संख्या बढ़ाने और तृतीयक उपचार प्रदान करने हेतु तृतीयक देखभाल हेतु 25 स्वीकृत
- मेडिकल कॉलेज सहायता: मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञताओं में 47 स्नातकोत्तर विभागों को सुदृढ़ करने के लिए 19 सरकारी मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों को सहायता प्रदान की गई
प्रशिक्षण और शिक्षा
- नैदानिक मनोविज्ञान पाठ्यक्रम: एम.फिल., व्यावसायिक डिप्लोमा, मनोविज्ञान में डॉक्टरेट के लिए आरसीआई द्वारा अनुमोदित 69 संस्थान/विश्वविद्यालय
- पुनर्वास मनोविज्ञान: एम.फिल. (पुनर्वास मनोविज्ञान) के लिए 9 संस्थान/विश्वविद्यालय स्वीकृत
- नए कार्यक्रम: शैक्षणिक सत्र 2024-25 से बी.एससी. (नैदानिक मनोविज्ञान) और एम.ए. (नैदानिक मनोविज्ञान) शुरू
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा एकीकरण
- आयुष्मान आरोग्य मंदिर: 1.77 लाख से ज़्यादा उप-स्वास्थ्य केंद्रों (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) का उन्नयन
- इन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पैकेजों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ जोड़ी गईं
- आयुष्मान भारत के अंतर्गत मानसिक, तंत्रिका संबंधी और मादक द्रव्यों के सेवन संबंधी विकारों (एमएनएस) के लिए संचालन संबंधी दिशानिर्देश और प्रशिक्षण नियमावली जारी
राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम
- शुभारंभ: 10 अक्टूबर 2022
- कवरेज: 36 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश, 53 टेली मानस प्रकोष्ठ कार्यरत (17.07.2025 तक)
- कॉल संभाली गईं: हेल्पलाइन नंबर पर 23,82,000 से ज़्यादा कॉल
सस्ती स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सहायता
सस्ती दवाइयाँ
• प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना 16,000 से ज़्यादा जन औषधि केंद्रों का संचालन करती है, जो बाज़ार मूल्य से 50-90% कम कीमतों पर 2,047 जेनेरिक दवाइयाँ उपलब्ध कराते हैं। नागरिकों ने दवाइयों की खरीद पर 38,000 करोड़ रुपए से ज़्यादा की बचत की है।
• अमृत फ़ार्मेसीज़ प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में किफ़ायती दवाइयाँ, सर्जिकल उपकरण और मेडिकल इम्प्लांट उपलब्ध कराकर, तृतीयक स्वास्थ्य सेवा में सहयोग करती हैं और 6 करोड़ से ज़्यादा नागरिकों को सेवाएँ प्रदान करती हैं।
• जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम मुफ़्त संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देता है और 2014-15 से अब तक 16.60 करोड़ से ज़्यादा लाभार्थियों को सेवाएँ प्रदान कर चुका है। जननी सुरक्षा योजना ने संस्थागत प्रसव के लिए सशर्त नकद हस्तांतरण के ज़रिए 11.07 करोड़ से ज़्यादा महिलाओं को लाभान्वित किया है।
• व्यापक कैंसर देखभाल कार्यक्रम ने 31.70 करोड़ मुख कैंसर की जांच, 16.68 करोड़ स्तन कैंसर की जांच और 9.97 करोड़ ग्रीवा कैंसर की जाँचों के साथ बड़े पैमाने पर जाँच अभियान चलाए हैं। सरकार ने 19 राज्य कैंसर संस्थानों और 20 तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्रों की स्थापना में 3,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
राष्ट्रीय आरोग्य निधि
राष्ट्रीय आरोग्य निधि (आईएएन) गरीब मरीजों को वित्तीय मदद प्रदान करती है। केवल गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले वे लोग ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, जो किसी विशिष्ट जानलेवा बीमारी से पीड़ित हैं।
स्वास्थ्य मंत्री कैंसर रोगी निधि (एचएमसीपीएफ)
• वित्तीय सहायता: गरीब मरीजों के कैंसर के इलाज के लिए 15 लाख रुपए तक
• 2024-25 का वितरण: आरएएन की समग्र योजना के तहत 27.06 करोड़ रुपए (एचएमसीपीएफ घटक शामिल)
• 2025-26 (16.07.2025 तक): 134 गरीब मरीजों को लाभ मिला और 9.14 करोड़ रुपए वितरित किए गए
बाल एवं मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके)
आरबीएसके बच्चों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने और सभी बच्चों को उनकी पूर्ण क्षमता प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए अपनी तरह का एक अनूठा कार्यक्रम है और समुदाय के सभी बच्चों को व्यापक देखभाल प्रदान करता है।
• प्रभाव: नमूना पंजीकरण प्रणाली की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) 51 प्रति 1,000 जीवित जन्मों (2014) से घटकर 34 प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर (2022) हो गई है।
टीकाकरण कार्यक्रम
कोविड-19 टीकाकरण
- उपलब्धि: 220 करोड़ से अधिक खुराकें दी गईं, जो कि सबसे तेज़ और सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम स्थापित हुआ।
मिशन इंद्रधनुष
- कवरेज: दिसंबर 2024 तक सभी चरणों में 5.46 करोड़ बच्चों और 1.32 करोड़ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा।
वृद्धजन स्वास्थ्य और दिव्यांगजनों के लिए स्वास्थ्य सेवा
वृद्धजनों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीएचसीई) योजना
60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक स्तर पर आसानी से सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई)
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितंबर 2024 को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) के व्यापक विस्तार को मंज़ूरी दी। इस फैसले के तहत, 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को, उनकी आय चाहे जो भी हो, स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्राप्त होगा। इस विस्तार से लगभग 4.5 करोड़ परिवारों, जिनमें 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं, को प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्राप्त होगा।
निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना
निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना दिव्यांगजनों के लिए किफायती स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती है, जिसमें बीमा-पूर्व चिकित्सा परीक्षण के बिना 1 लाख रुपये तक का कवरेज शामिल है।
निष्कर्ष
पिछले एक दशक में भारत में स्वास्थ्य सेवा में आया बदलाव, किसी भी देश द्वारा की गई सबसे व्यापक और प्रभावशाली सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों में से एक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, सरकार ने "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास" के सिद्धांत को सफलतापूर्वक लागू किया है, ताकि एक समावेशी स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था का निर्माण किया जा सके, जिसमें देश के हर नागरिक तक, खासकर सबसे कमजोर और वंचित आबादी तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुँच सकें।
संदर्भ
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2148368
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2085204
- प्रमुख संक्रामक रोगों को खत्म करने और नियंत्रित करने में भारत की उपलब्धियों पर अपडेट:
https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2146800
https://www.mohfw.gov.in/?q=en/pressrelease-279#:~:text=As%20of%2020th%20July%202025,preventive%20healthcare%20delivery%20through%20Ayushman
· आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) पर अपडेट: https://www.pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2116209
· स्वास्थ्य मंत्रालय: https://www.mohfw.gov.in
· पीएम-जेएवाई: https://pmjay.gov.in
· प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई): https://nha.gov.in/PM-JAY
· वरिष्ठ नागरिक कल्याण: https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2039569
· आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) https://www.india.gov.in/spotlight/ayushman-bharat-pradhan-mantri-jan-arogya-yojana
· दिव्यांगजनों के लिए उठाए गए कदम: https://www.pib.gov.in/PressReleseDetailm.aspx?PRID=2155450
Click here to download PDF
*************
पीके/केसी/एनएस
Visitor Counter : 444
Provide suggestions / comments