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Social Welfare

भारत की सबसे बड़ी जनजातीय ग्राम विकास योजना

प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान

Posted On: 22 JUL 2025 9:44AM

मुख्य बातें

  • पीएम जुगा का शुभारंभ 2 अक्टूबर 2024 को 63,000 गांवों के 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया।
  • 17-संबंधित मंत्रालय आवास, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कनेक्टिविटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद गंभीर कमियों को दूर करने हेतु समन्वय कर रहे हैं।
  • जनजातीय कार्य मंत्रालय की उपलब्धियां: पिछले दशक में, वन अधिकार अधिनियम के तहत 23.88 लाख स्वामित्व वितरित किए गए, 1 करोड़ से अधिक अनुसूचित जनजाति समुदाय के विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां प्रदान की गईं।

 

 परिचय

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण के दौरान कहा था, “विकास सर्वांगीण, सर्वव्यापी और सर्व-समावेशी होना चाहिए।" “चाहे वह हमारा तटीय क्षेत्र हो या फिर जनजातीय क्षेत्र, ये क्षेत्र भविष्य में भारत के विकास का एक प्रमुख आधार बनने जा रहे हैं।”

एक महीने बाद, सितंबर 2024 में, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (पीएम जुगा) को मंज़ूरी दे दी। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के नाम से भी जाना जाने वाला, पीएम जुगा का उद्देश्य व्यापक विकास के विभिन्न पहलों के जरिए पांच करोड़ से अधिक जनजातीय लोगोंभारत की लगभग आधी जनजातीय आबादीको लाभान्वित करना है। यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा जनजातीय विकास कार्यक्रम है।

जनजातीय ग्राम विकास मिशन

पीएम जुगा के संबंध में सत्रह संबंधित मंत्रालय सहयोग कर रहे हैं। ये मंत्रालय जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आजीविका के क्षेत्र में मौजूद गंभीर कमियों को दूर करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रमुख योजनाओं को कार्यान्वित कर रहे हैं।

इस योजना में जनजातीय बहुल गांवों (जिनकी जनसंख्या 500 या उससे अधिक है, तथा जिनमें कम से कम 50% जनजातीय निवासी हैं) के साथ-साथ आकांक्षी जिलों के गांवों को भी शामिल किया गया है, जहां जनजातीय जनसंख्या 50 या उससे अधिक है।

इस योजना का बजट 79,156 करोड़ रुपये का है। इसमें केन्द्र सरकार 56,333 करोड़ रुपये और राज्य सरकारें 22,823 करोड़ रुपये का योगदान देंगी। इसका उद्देश्य 549 जिलों के दूरदराज व दुर्गम इलाकों में बसे 63,000 से ज़्यादा जनजातीय बहुल गांवों का विकास करना है। ये जिले देश के कुल जिलों के लगभग 71 प्रतिशत हिस्से को कवर करते हैं।

निम्नलिखित मंत्रालय अपनी प्रमुख योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे हैं: 

तालिका 1 - पीएम जुगा क्षेत्रवार लक्ष्य और बजट आवंटन

क्षेत्र

लक्ष्य

योजना का नाम

वित्त पोषण में राज्य एवं केन्द्र का हिस्सा (करोड़ रुपये में)

आवासन

ग्रामीण विकास मंत्रालय

20 लाख पक्के मकान

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण

सड़कें

ग्रामीण विकास मंत्रालय

25,000 किलोमीटर सड़कें

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

जनजातीय विकास

जनजातीय कार्य मंत्रालय

जनजातीय विपणन केन्द्र, जनजातीय स्कूलों और छात्रावासों का उन्नयन, सिकलसेल रोग उपचार केन्द्र स्थापित करना, वन अधिकार अधिनियम को मजबूत करना और शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जनजातीय जिलों के लिए प्रोत्साहन निधि प्रदान करना

प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना

शिक्षा

स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग

जनजातीय बच्चों की शिक्षा के लिए 1,000 छात्रावास; आश्रम विद्यालयों, छात्रावासों और सरकारी जनजातीय आवासीय विद्यालयों का उन्नयन

समग्र शिक्षा

कृषि

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग

वन अधिकार अधिनियम के परमिट धारकों के लिए वन भूमि पर खेती करने और सामूहिक वन प्रबंधन को सक्षम बनाने हेतु टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना

वन अधिकार अधिनियम वाले राज्यों के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की योजनाएं

प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

दूरदराज और दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने हेतु 1,000 चलंत चिकित्सा इकाइयां

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

बिजली

विद्युत मंत्रालय

बिजली की सुविधा से वंचित लगभग 2.35 लाख घरों को बिजली का कनेक्शन

पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना

एलपीजी

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय

25 लाख जनजातीय परिवारों को तरल पेट्रोलियम गैस कनेक्शन

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

कनेक्टिविटी

दूरसंचार विभाग

5,000 जनजातीय गांवों में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी

सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि/भारत नेट

सौर ऊर्जा

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय

ग्रिड बिजली की सुलभता से वंचित क्षेत्रों में घरों के लिए सौर ऊर्जा प्रणालियां

नई सौर ऊर्जा योजना पीएम सूर्या

मत्स्यपालन

मत्स्यपालन विभाग

10,000 जनजातीय सामुदायिक समूहों और 1 लाख व्यक्तिगत लाभार्थियों को मछली पालन संबंधी सहायता

पीएम मत्स्य संपदा योजना

पोषण

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय

8,000 उन्नत आंगनवाड़ी केन्द्र - 2,000 नवनिर्मित और 6,000 उन्नत मौजूदा केन्द्र – जनजातीय बहुल गांवों में बेहतर बाल देखभाल, पोषण और प्रारंभिक शिक्षा संबंधी सेवाएं प्रदान करने हेतु

पोषण अभियान

डिजीटल सेवाएं

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

आधार, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, डिजीलॉकर आदि सहित डिजीटल सेवाएं

डिजीटल इंडिया कार्यक्रम

वन धन विकास केन्द्र प्रशिक्षण

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय

वन धन विकास केन्द्रों (वन-आधारित आजीविका केन्द्र) का प्रशिक्षण

जन शिक्षण संस्थान

कौशल निर्माण

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय

1,000 वीडीवीके और अन्य जनजातीय समूहों के क्षमता निर्माण और व्यवसाय विकास के लिए जनजातीय जिलों में कौशल केन्द्र

जन शिक्षण संस्थान

पशुधन

पशुपालन और डेयरी विभाग

8,500 व्यक्तिगत और समूह लाभार्थियों के लिए पशुपालन सहायता; जनजातीय क्षेत्रों में, विशेष रूप से एफआरए परमिट धारकों के लिए, स्थायी आजीविका बढ़ाने हेतु मवेशी, बकरी, मुर्गी पालन और डेयरी फार्मिंग के लिए सहायता।

राष्ट्रीय पशुधन मिशन

पर्यटन

पर्यटन मंत्रालय

टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने और जनजातीय समुदायों के लिए वैकल्पिक आजीविका प्रदान करने तथा होमस्टे के विकास के लिए धन मुहैया कराने हेतु 1,000 जनजातीय होमस्टे

स्वदेश दर्शन

पोषण वाटिका

आयुष मंत्रालय

जनजातीय समुदायों को सुलभ फल, सब्जियां, औषधीय पौधे और जड़ी-बूटियां उपलब्ध कराने हेतु 700 पोषण वाटिकाएं (पोषण उद्यान)

राष्ट्रीय आयुष मिशन

स्वास्थ्य बीमा

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय

पात्र जनजातीय परिवारों को सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य सेवा हेतु स्वास्थ्य बीमा कार्ड

पीएम जन आरोग्य योजना

जल

जलशक्ति मंत्रालय

पात्र गांवों के प्रत्येक घर को तथा 20 या उससे कम जनजातीय परिवारों वाले 5,000 बस्तियों को जल आपूर्ति।

जल जीवन मिशन

शासन

पंचायती राज मंत्रालय

जनजातीय क्षेत्रों में सभी ग्राम सभाओं के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम और लंबित एफआरए संबंधी दावों के निपटारे में तेजी लाने और वन अधिकार प्रक्रियाओं को मजबूत करने हेतु सरकारी अधिकारियों एवं विभिन्न  हितधारकों को प्रशिक्षण देना

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान

कुल

 

 

तालिका 2 - पीएम जुगा के लिए राज्यवार वित्तपोषण

 

2 अक्टूबर, 2024 को झारखंड के हज़ारीबाग से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का उद्घाटन करते समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी के दृष्टिकोण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “गांधी जी का मानना था कि भारत का विकास तभी संभव है, जब जनजातीय समुदाय तेजी से प्रगति करे।"

पीएम जुगा, गांधीजी की विचारधारा में निहित पहलों पर आधारित है। एक साल पहले, 15 नवंबर, 2023 कोजिसे जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाता हैप्रधानमंत्री ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के समग्र विकास हेतु प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) की शुरुआत की थी।

पीएम जुगा, पीएम जनमन योजना पर आधारित है। जहां पीएम जनमन 22,000 गांवों के लगभग 28 लाख लोगों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने पर केन्द्रित है, वहीं पीएम जुगा योजना का उद्देश्य व्यापक है और यह जनजातीय बहुल गांवों एवं आकांक्षी जिलों में रहने वाले सभी अनुसूचित जनजातियों को लक्षित करती है।

पीएम जुगा सतत विकास के 2030 के एजेंडे के अनुरूप है, जो जनजातीय समुदायों के विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत की यह प्रतिबद्धता गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण और समुदायों के कल्याण को बढ़ावा देने में योगदान देता है। ये लक्ष्य इस बात को मान्यता देते हैं कि गरीबी एवं अन्य अभावों को समाप्त करने के साथ-साथ ऐसी रणनीतियां भी अपनाई जानी चाहिए जो स्वास्थ्य एवं शिक्षा को बेहतर बनाएं, असमानता को कम करें और आर्थिक विकास को बढ़ावा दें - और साथ ही जलवायु परिवर्तन से निपटने तथा हमारे महासागरों व जंगलों के संरक्षण की दिशा में काम करें।

एसडीजी 3 : स्वस्थ जीवन और गरिमामय वृद्धावस्था

दूरदराज के क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के लिए चलंत चिकित्सा इकाइयां, सक्षमता केन्द्र, आंगनवाड़ी केन्द्र, पोषण वाटिकाएं

एसडीजी 4: अच्छी शिक्षा की सुलभता का सार्वभौमिकरण

छात्रावास, आश्रम, आवासीय विद्यालय

एसडीजी 8: आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना

जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केन्द्र, पर्यटक आवास, पशुपालन और मत्स्यपालन के लिए सहायता

एसडीजी 9: सक्षम बुनियादी ढांचे का विकास

पक्के मकान, नल के जरिए जलापूर्ति, बिजली, इंटरनेट, एलपीजी गैस कनेक्शन, सड़कें, स्वास्थ्य बीमा, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, शिक्षा, पोषण

 

तालिका 3 - पीएम जुगा के तहत प्रमुख उपाय और हासिल प्रगति

 


 

जल संकट से सामुदायिक स्वामित्व तक: बैरलुटीगुडेम की कहानी

आंध्र प्रदेश के नांदयाल जिले का एक सुदूर आदिवासी गांव, बरलुतिगुडेम, इस बात का जीवंत उदाहरण है कि किस प्रकार एक सरकारी कदम जीवन बदल सकता है।

चेंचू, जोकि एक विशेष रूप से वंचित जनजातीय समूह है, और कोया जनजाति का निवास स्थान माना जाने वाला यह गांव लंबे समय से पानी और वन संसाधनों की सीमित सुलभता से जूझ रहा था। पीढ़ियों से, महिलाएं पानी लाने के लिए खतरनाक एवं वन्यजीवों से भरे इलाकों से गुजरकर अपनी जान जोखिम में डालती रही हैं। वर्षों के असफल उपायों के बावजूद, वास्तविक बदलाव केवल जल जीवन मिशन के जरिए ही आया।

इस उपाय के बाद, गांव की महिलाओं ने एक ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति बनाकर नेतृत्व संभाला और यह सुनिश्चित किया कि सभी 64 घरों में नल के कनेक्शन हों। प्रशिक्षित स्थानीय महिलाएं अब फील्ड टेस्टिंग किट का उपयोग करके पानी की गुणवत्ता बनाए रखती हैं, जिससे बाघों और अन्य वन्यजीवों से भरे जंगलों से होकर हर दिन पानी लाने के लिए खतरनाक सफर करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।

 

                               

चित्र (बाएं से): पानी लाने के लिए मीलों पैदल जाती महिलाएं और जेजेएम के जरिए आया बदलाव (स्रोत: आरडब्ल्यूएस एंड एस विभाग, आंध्र प्रदेश)

इस परिवर्तन ने महिलाओं के जीवन को मौलिक रूप से बदल दिया है और साथ ही बैरलुटीगुडेम को सामुदायिक स्वामित्व एवं सतत विकास के एक आदर्श के रूप में स्थापित किया है, जिसका अन्य जनजातीय गांवों द्वारा अनुसरण किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त, 2024 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर अपने भाषण के दौरान जोर देकर कहा था: “हमारी जनजातीय आबादी, छोटी ही सही, लेकिन देशभर में दूरदराज के इलाकों में छोटे व अलग-थलग समूहों में बिखरी हुई है। सरकार उनके कल्याण एवं विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकारी योजनाओं को सुनिश्चित रूप से दूरदराज के गांवों, पहाड़ियों और जंगलों में रहने वाले हर जनजातीय परिवार को सुलभ कराने की राह में कई महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं, लेकिन हम हर बाधा को दूर करने के लिए दृढ़ हैं।”

 

 

उपलब्धियों का एक दशक

Figure 1: President of India Droupadi Murmu with Minister of Tribal Affairs Jual Oram at the Aadi Mahotsav in 2025, New Delhi


फरवरी 2025 में आदि महोत्सव के दौरान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जनजातीय समुदाय के विकास के लिए पिछले एक दशक में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि “जब जनजातीय समाज प्रगति करेगा, तभी हमारा देश भी सच्चे अर्थों में प्रगति करेगा।” यह कथन मंत्रालय के समावेशी विकास के मूल दर्शन को दर्शाता है।

समावेशी विकास ही मंत्रालय के कार्यों का आधार है। इस लक्ष्य को हासिल करने हेतु मंत्रालय ने अपने दायरे और आकार में भी विस्तार किया है। वर्ष 2013-14 से 2025-26 तक, मंत्रालय का बजट 4,296 करोड़ रुपये से 200 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 14,926 करोड़ रुपये का हो गया है, जोकि जनजातीय कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है और “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास" के दृष्टिकोण को साकार करता है।

यह बढ़ा हुआ निवेश मंत्रालय को हाशिए पर पड़े जनजातीय समुदायों का समग्र विकास करने में समर्थ बना रहा है। मंत्रालय ने गैर-सरकारी संगठनों को सहयोग देकर, वन अधिकार अधिनियम, 2006 को कार्यान्वित करके, जनजातीय बच्चों व युवाओं के लिए उच्च शिक्षा को बढ़ावा देकर और जनजातीय संस्कृति का उत्सव मनाकर एवं उसे संरक्षित करके जनजातीय कल्याण के मामले में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

तालिका 4 - जनजातीय कार्य मंत्रालय और जनजातीय कल्याण योजनाओं की प्रमुख उपलब्धियां

योजना

प्रगति

पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान

1,88,696 पक्के मकान; 3,001.698 किलोमीटर संपर्क सड़कें; 300 चलंत चिकित्सा इकाइयां; 2,92,941 पाइप द्वारा जल कनेक्शन (एफएचटीसी); 1,050 सक्रिय आंगनवाड़ी केन्द्र; 100 सक्रिय छात्रावास; 502 ग्राम विकास एवं विकास केन्द्र; 822 बहुउद्देशीय केन्द्र; 1,24,016 विद्युतीकृत घर; 559 गांवों को कवर करने वाले 227 मोबाइल टावर; और नई सौर ऊर्जा योजना के तहत 5,067 घर।

प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना

ग्राम विकास कार्यक्रमों के लिए 15,989 गांवों को मंजूरी; 2,283.31 करोड़ रुपये जारी

वन अधिकार अधिनियम

23.88 लाख व्यक्तिगत स्वामित्व वितरित

गैर सरकारी संगठनों को समर्थन

185 गैर सरकारी संगठन, 310 परियोजनाएं, 9.35 लाख लाभार्थी

अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना

आवंटन में 5 गुना वृद्धि: ₹24,598 करोड़ रुपये (2013-14) से बढ़कर 1.07 लाख करोड़ रुपये (2023-24); स्थिति: 204 योजनाओं के लिए अनुसूचित जनजाति घटक हेतु 127,434.2 करोड़ रुपये आवंटित 21 जुलाई, 2025

मैट्रिक के बाद छात्रवृत्ति

1.02 करोड़ विद्यार्थी लाभान्वित हुए (2019-20 से 2024-25)

राष्ट्रीय फैलोशिप योजना

कुल 0.16 लाख पीएचडी स्कॉलर्स लाभान्वित हुए (2019-18 से 2024-23 तक)

उत्तम श्रेणी की शिक्षा योजना

कुल 0.22 लाख छात्र लाभान्वित हुए (2019-18 से 2024-23 तक); संवितरण में 400 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 19 करोड़ रुपये से बढ़कर 95 करोड़ रुपये हो गई

 

मैट्रिक के पहले छात्रवृत्ति

54.41 लाख छात्र लाभान्वित (2019-20 से 2024-25)

एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस)

कुल 346 सक्रिय स्कूल जिनमें 138,336 विद्यार्थी नामांकित हैं; 68,418 लाख रुपये जारी; लक्ष्य: 722 स्कूल

वीडीवीके

29 राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों में 4,465 वीडीवीके स्वीकृत किए गए, जिनमें 2,507 केन्द्र संचालित होंगे और फरवरी 2025 तक 609.32 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।

भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड)

वर्ष 2023-24 तक 3,069 सूचीबद्ध जनजातीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ 14 क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिए 118 ट्राइब्स इंडिया आउटलेट्स (99 स्वयं के, 11 कंसाइनमेंट, 8 फ्रेंचाइजी) तक विस्तार किया गया

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी)

कुल 93,609 आदिवासी लाभार्थियों के लिए 383.18 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई और 31 मार्च, 2024 तक योजना कार्यान्वयन के लिए 351.65 करोड़ रुपये जारी किए गए।

जनजातीय अनुसंधान संस्थान (टीआरआई)

वर्ष 2014-15 के बाद 9 नए टीआरआई को मंजूरी दी गई (आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू एवं कश्मीर, सिक्किम, नागालैंड, मिजोरम, मेघालय, गोवा) जिसमें टीआरआई उत्तराखंड का उद्घाटन 2019 में और टीआरआई आंध्र प्रदेश का उद्घाटन 15 अगस्त 2021 को हुआ

जनजातीय गौरव दिवस: जनजातीय विरासत का उत्सव

जनजातीय कार्य मंत्रालय जनजातीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में भी कार्य करता है। स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदायों के योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से ‘जनजातीय गौरव दिवस’ प्रत्येक वर्ष 15 नवंबर को जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा (1874-1900) की जयंती पर मनाया जाता है।

चित्र 2: प्रधानमंत्री मोदी ने 15 नवंबर, 2021 को नई दिल्ली स्थित संसद परिसर में बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

वर्ष 2024 के समारोह में इस ऐतिहासिक जनजातीय नेता की 150वीं जयंती अभूतपूर्व भागीदारी के साथ मनाई गईएक करोड़ से अधिक लोग वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए और प्रधानमंत्री बिहार के जमुई में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शामिल हुए। सरकार ने 10 राज्यों में 11 जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों को मंजूरी दी है और 15-26 नवंबर, 2024 तक शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और संस्कृति को कवर करते हुए देश भर में 46,000 से अधिक गतिविधियों का आयोजन किया है।

निष्कर्ष

भारत के जनजातीय समुदायों के विकास से जुड़ी पहलों में समन्वित दृष्टिकोण अपनाने से अभूतपूर्व पैमाने एवं प्रभाव वाले परिणाम हासिल हुए हैं। इन बदलाव में पिछले 11 वर्षों में बजट में 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि, पांच करोड़ से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाने वाले देश के सबसे बड़े जनजातीय ग्राम विकास कार्यक्रम, पीएम जुगा का शुभारंभ, वन अधिकार अधिनियम का सफल कार्यान्वयन और जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं आदि शामिल हैं। जनजातीय कार्य मंत्रालय और अन्य संबंधित मंत्रालय ऐतिहासिक कमियों को पाटने में पूरी तत्परता से जुटे हैं।

संदर्भ

पत्र सूचना कार्यालय:

जनजातीय कार्य मंत्रालय:

अन्य:

पीडीएफ देखने के लिए यहां क्लिक करें

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