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Farmer's Welfare

पीएम-किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त

9.7 करोड़ किसानों को 20,500 करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता होगी प्राप्त

Posted On: 01 AUG 2025 4:34PM

परिचय

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 2 अगस्त 2025 को वाराणसी से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 20वीं किस्त जारी करेंगे। इस किस्त में, देश भर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से लगभग, 20,500 करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और बिचौलियों की किसी भी भूमिका को समाप्त किया जा सकेगा।

2019 में योजना के शुभारंभ के बाद से, 19 किस्तों के माध्यम से किसानों के खातों में 3.69 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। आगामी 20वीं किस्त देश भर के लाखों छोटे और सीमांत किसानों के लिए आय सहायता को और मजबूत करेगी और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और कृषि समृद्धि के लिए सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी।

पीएम-किसान योजना एक केंद्र सरकार की योजना है जिसे प्रधानमंत्री द्वारा फरवरी 2019 में भूमि-धारक किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू किया गया था। इस योजना के अंतर्गत, किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने 24 फरवरी, 2025 को बिहार के भागलपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 19वीं किस्त जारी की थी। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में देश भर के 9.8 करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ प्राप्त हुआ, जो 22,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

उद्देश्य

छोटे और सीमांत किसानों (एसएमएफ) की आय बढ़ाने के साथ-साथ, पीएम-किसान योजना का उद्देश्य :

  • प्रत्येक फसल चक्र के अंत में प्रत्याशित कृषि आय के अनुरूप उचित फसल स्वास्थ्य और उचित उपज सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न इनपुट की खरीद में एसएमएफ की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना।
  • यह किसानों के ऐसे व्यय को पूरा करने के लिए साहूकारों के चंगुल में फंसने से भी बचाएगा और खेती से जुड़ी गतिविधियों में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करेगा।लब्धियां

प्रभाव और उपलब्धियां

  • इसकी शुरुआत से अब तक भारत सरकार ने 19 किस्तों में 3.69 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की है।
  • नवंबर 2023 में विकसित भारत संकल्प यात्रा के अंतर्गत शुरू किए गए एक महत्वपूर्ण परिपूर्णता अभियान ने इस योजना में 1 करोड़ से अधिक पात्र किसानों को जोड़ा।
  • जून 2024 में अगली सरकार के पहले 100 दिनों के भीतर अतिरिक्त 25 लाख किसानों को शामिल किया गया। जिसके परिणामस्वरूप, 18वीं किस्त प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 9.59 करोड़ हो गई।
  • विभिन्न राज्यों में इस योजना की व्यापक पहुंच है। उदाहरण के लिए, 18वीं किस्त (अगस्त   2024 - नवंबर 2024) के दौरान, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 2,25,78,654 लाभार्थी थे, उसके बाद बिहार में 75,81,009 लाभार्थी थे।

 

दो हेक्टेयर से कम भूमि के मालिक 85 प्रतिशत से अधिक भारतीय किसानों के लिए पीएम-किसान एक जीवन रेखा रही है। यह धन बुवाई या फसल कटाई के समय काम आता है जब नकदी की कमी होती है। लेकिन यह सिर्फ पैसों की बात नहीं है। यह योजना किसानों को गरिमा की भावना देती है और दिखाती है कि वे राष्ट्र निर्माण में मूल्यवान भागीदार हैं। इस योजना की सफलता का एक बड़ा कारण भारत की मजबूत डिजिटल प्रणाली है।

जन धन खाते, आधार और मोबाइल फोन के साथ, योजना का हर हिस्सा ऑनलाइन काम करता है। किसान खुद को पंजीकृत कर सकते हैं, उनकी जमीन को डिजिटल रूप से सत्यापित किया जाता है, और पैसे सीधे उनके बैंक खातों में भेजे जाते हैं। इसमें राज्य सरकारों ने भी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने साथ मिलकर एक सुगम, किसान-अनुकूल प्रणाली का निर्माण किया है जो देश भर में कार्य करती है। इस योजना ने किसान ई-मित्र, एक वॉयस-आधारित चैटबॉट और एग्रीस्टैक जैसे नए उपकरणों को भी प्रेरित किया है जो किसानों को व्यक्तिगत और समय पर सहायता प्रदान करेंगे। ये कदम भविष्य के लिए भारतीय कृषि को तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

तकनीकी उन्नति

पीएम-किसान योजना को और अधिक कुशल, प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से, किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे में निरंतर सुधार किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस योजना का लाभ बिना किसी बिचौलिए के देश भर के सभी किसानों तक पहुंचे।

24 फरवरी 2020 को पीएम-किसान योजना मोबाइल ऐप की शुरूआत की गई थी। इस ऐप को अधिक पारदर्शिता और अधिक किसानों तक पहुंच बनाने के लिए विकसित किया गया है। पीएम-किसान मोबाइल ऐप, पीएम-किसान वेब पोर्टल का एक सरल और कुशल विस्तार है। वर्ष 2023 में इस ऐप को एक अतिरिक्त “फेस ऑथेंटिकेशन फीचर” के साथ लॉन्च किया गया था। इस ऐप ने दूरदराज के किसानों को बिना ओटीपी या फिंगरप्रिंट के अपना चेहरा स्कैन करके ई-केवाईसी करने में सक्षम बनाया।

पोर्टल और मोबाइल ऐप स्व-पंजीकरण, लाभ स्थिति ट्रैकिंग और चेहरे की प्रमाणीकरण-आधारित ई-केवाईसी जैसी सेवाएं प्रदान करते हैं। दूरदराज के क्षेत्रों में किसान अपना चेहरा स्कैन करके ई-केवाईसी पूरा कर सकते हैं, जिसमें पड़ोसियों की सहायता करने का भी प्रावधान है।

पंजीकरण की सुविधा और अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 5 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, पोर्टल पर एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली बनाई गई है, और सितंबर 2023 में लॉन्च किया गया एआई चैटबॉट, किसान-ईमित्र, भुगतान, पंजीकरण और पात्रता के बारे में स्थानीय भाषाओं में प्रश्नों का त्वरित समाधान प्रदान करता है। किसान अपने आस-पास के 100 अन्य किसानों को उनके घर पर ई-केवाईसी पूरा करने में भी सहायता कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने किसानों के ई-केवाईसी को पूरा करने की सुविधा राज्य सरकार के अधिकारियों को भी दी है, जिससे प्रत्येक अधिकारी 500 किसानों के लिए ई-केवाईसी कर सकता है।

पीएम-किसान एआई चैटबॉट
वर्ष 2023 में, पीएम-किसान योजना के लिए एक एआई चैटबॉट लॉन्च किया गया, जो केंद्र सरकार की एक प्रमुख फ्लैगशिप योजना के साथ पहला एकीकृत एआई चैटबॉट बन गया। एआई चैटबॉट किसानों को उनके प्रश्नों के त्वरित, स्पष्ट और सटीक उत्तर प्रदान करता है। इसे एकस्टेप फाउंडेशन और भाषिनी के सहयोग से उन्नत और बेहतर बनाया गया है। पीएम-किसान शिकायत प्रबंधन प्रणाली में एआई चैटबॉट की शुरूआत का उद्देश्य किसानों के अनुकूल एक सुलभ मंच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है।

पीएम किसान मोबाइल ऐप के माध्यम से सुलभ एआई चैटबॉट को भाषिनी के साथ एकीकृत किया गया है, जो पीएम किसान लाभार्थियों की भाषाई और क्षेत्रीय विविधता को ध्यान में रखते हुए बहुभाषी सहायता प्रदान करता है। ‘डिजिटल इंडिया भाषिनी’ का उद्देश्य भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच को सक्षम बनाना है, जिसमें वॉयस-आधारित पहुंच भी शामिल है, और भारतीय भाषाओं में सामग्री के निर्माण में मदद करना शामिल है। उन्नत प्रौद्योगिकी के इस एकीकरण से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि किसानों को सूचित निर्णय लेने में भी सशक्त बनाया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, डाक विभाग पीएम किसान योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों के लिए आधार के साथ मोबाइल नंबर को जोड़ने/अपडेट करने की सुविधा प्रदान करता है। यह इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के माध्यम से ई-केवाईसी को पूरा करने के लिए है।

योजना में नामांकन के लिए अनिवार्य जानकारी निम्न प्रकार है:

· किसान/पति/पत्नी का नाम

· किसान/पति/पत्नी की जन्म तिथि

· बैंक खाता संख्या

· आईएफएससी/एमआईसीआर कोड

· मोबाइल नंबर

· आधार संख्या

· पासबुक में उपलब्ध अन्य ग्राहक जानकारी जो अनिवार्य पंजीकरण के लिए आवश्यक है

निष्कर्ष

पिछले पांच वर्षों में पीएम-किसान योजना ने पूरे भारत में किसानों के जीवन में वास्तविक बदलाव किया है। जो पहल वित्तीय सहायता के रूप में शुरू हुई थी, वह अब ग्रामीण उत्थान के लिए एक शक्तिशाली साधन बन गई है। किसानों के बैंक खातों में सीधे धन भेजकर इस योजना से लाखों परिवारों को राहत और गरिमा दोनों मिली है। अपनी मजबूत डिजिटल संरचना के कारण, इस योजना से यह सुनिश्चित हुआ है कि धनराशि बिना किसी बिचौलिये के, सही लोगों तक समय पर पहुंचे। इसने न केवल विश्वास का निर्माण किया है बल्कि यह भी उदाहरण प्रस्तुत किया है कि सुशासन वास्तव में लोगों के लिए कैसे काम कर सकता है।

पीएम-किसान योजना ने सिर्फ वित्तीय मदद देने से कहीं अधिक काम किया है। इससे किसानों को नई चीजों को आजमाने का आत्मविश्वास मिला है, चाहे वह बेहतर बीजों में निवेश करना हो, नई फसलों को आजमाना हो या अपनी कृषि पद्धतियों में सुधार करना हो। कई लोगों ने इस धन का उपयोग अन्य महत्वपूर्ण जरूरतों जैसे अपने बच्चों की शिक्षा, चिकित्सा व्यय या पारिवारिक विवाह आदि के लिए भी किया है।इसके मूल में, पीएम-किसान सिर्फ एक योजना से कहीं अधिक है, यह किसानों के लिए एक जीवन रेखा है और उनके साथ खड़े होने की सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है। भारत के गाँवों में कई लोगों के लिए, यह निर्णायक कदम रहा है, जो न केवल सहायता प्रदान करता है, बल्कि भविष्य के लिए आशा और सुरक्षा की भावना प्रदान करता है।

संदर्भ:

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय

विशेष सेवा एवं फीचर्स

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